अनूपपुर।
जिले की सबसे बड़ी जनपद पंचायत पुष्पराजगढ़ में प्रधानमंत्री स्वच्छता अभियान के तहत
बनाए जा रहे शौचालय के कार्यो को लक्ष्य पूरा करने के लिए ठेकेदारी प्रथा चलाने की शिकायते मिली। जहां
पंचायते कार्य करने को अपना समय नही दे पाती। वहां ठेकेदारी प्रथा से कार्य कराया जा
रहा है। वहीं इस कार्य में स्व-सहायता समूह की भी मदत ली जा रही हैं। जानकारी केअ नुसार
प्रधानमंत्री स्वच्छ शौचालय की लागत जहां १२ हजार रूपए है। वहीं ठेकेदार मात्र ६ से
८ हजार की लागत का अनुपयोगी शौचालय बना स्वच्छता का संदेश दे रहे है। यह एक विचारनीय
है, वहीं ग्राम पंचायतें अपना लक्ष्य पूरा करने का शौचालय के फोटो लेकर शौचालय पूर्ण
हो गया पूर्ण का प्रतिवेदन प्रस्तुत कर रहे है।
उदाहर्णाथ जनपत पंचायत पुष्पराजगढ़ से महज ६ किमी दूर ग्राम पंचायत जीलंग है।
जहां बनाए गए स्वच्छ शौचालय के कार्यो को देखा जा सकता हैं कि कितने गुणवत्तापूर्ण
एवं उपयोगी हैं।
शौचालय से वंचित बैगा ग्राम
भाटीबहरा
जनपत पंचायत पुष्पराजगढ़
से महज 10 किमी दूर स्थित ग्राम पंचायत मझगवां ग्राम भाठीबहरा जहां बैगा जनजाति के
70 परिवार के लोग निवासरत है। पंचायत मझगवां के टोला ग्राम भाटीबहरा में 70 वर्ष बाद
भी बैगा ग्राम भाटीबहरा शासन-प्रशासन की सूची से अलग है। ग्राम पंचायत मझगवां से मात्र
ड़ेढ किमी दूर जाना पडता हैं, ग्राम पंचायत अंचलपुर में था। उन्होने उपरोक्त बैगा ग्राम
तलाब विकास के नाम पर कार्य निमार्ण करवाया गया था।
बिजली न हैण्डपंप ना सड़क
एक ओर संरक्षित जाति बैगा
के संरक्षण के लिए शासन द्वारा अनेको प्रयास कर उनके उत्थान के लिए अरबो-खबरो रूपए
खर्च किया जा रहा है। बावजूद इसके ग्राम पंचायत मझगवां के ग्राम भाटीबहरा में निवास
करने वाले ७० परिवारो के लोग मूलभूत सुविधाएं बिजली, सड़क एवं पानी के लिए जद्दोजहद
कर रहे है। जिसके कारण उन्हे अंधेरो में रहने के साथ पेयजल के लिए भटकने को मजबूर होना
पड़ता है। सुविधाओं के नाम पर न तो सड़क है। जहां स्वच्छता अभियान के तहत शौचालय निर्माण
कराया जा रहा है। वहीं वैकल्पित शाला से उन्नयन प्राथमिक शाला जहां बैगा जनजाति के
नौनिहाल शिक्षा ग्रहण करते हैं। प्राथमिक शाला के बाद डेढ़ किमी दूर मझगवां के माध्यमिक
शाला में छात्र किचड़ युक्त बरसाती नाले को पार कर शिक्षा प्राप्त करते है।
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