कोतमा। जनपद कोतमा के
आदिवासी बाहुल्य बिजुरी क्षेत्र में खनिज माफियाओ द्वारा जंगल, नदी, नालो सहित शासकीय
भूमि में अवैध उत्खनन कर उसका परिवहन करने में लगे हुए है। वहीं माफियाओ द्वारा
किए जा रहे खनिज पदार्थो के दोहन पर जिला प्रशासन मूक दर्शक बना अपनी नाकामी या
माफियाओ से मिलीभगत कर क्षेत्र में व्यवसाय कर रही है। जिसके कारण नगर सहित आसपास
स्थित ग्रामीण इलाको में अवैध उत्खनन कर शासन की विभिन्न योजनाओ के माध्यम से
संचालित निर्माण कार्यो में अवैध गिट्टी, बोल्डर, रेत का परिवहन कर
निर्माण कार्य करवाया जा रहा है। माफियाओ द्वारा नदियो एवं नालो से अवैध रेत का
उत्खनन करने के साथ ही आसपास के क्षेत्रो में पत्थरो का अवैध उत्खनन करने में जुटे
हुए है। इस व्यवसाय के प्रति नगर में इतनी प्रतिस्पर्धा बढी हुई है कि नगर के छोटे
से लेकर बडे वाहन इस कार्यो में शामिल है।
केवई, कनई सहित अन्य नदियो
व नालो से माफिया द्वारा रेत का अवैध उत्खनन का नदियो का स्वरूप बिगडने में लगे
हुए है। एक ओर जहां अनूपपुर जिला जल अभाव ग्रस्त घोषित किया गया है। जहां पर नदियो, नालो सहित प्राकृतिक
स्त्रोतो को बचाने व जल स्तर को बनाए रखने के लिए नदी नालो में कडी शटर लगाने के
आदेश है। वहीं नदियो व नालो से अवैध रेत के उत्खनन पर भी जिला प्रशासन द्वारा
कार्यवाही किए जाने की बात कही जा रही है। लेकिन क्षेत्र में खनिज माफियाओ द्वारा
जमकर रेत का अवैध उत्खनन किया जा रहा है।
पत्थरो के
उत्खनन में बारूद का हो रहा उपयोग
ग्राम पथरौडी, निगवानी, कोठी, छुल्हा, थॉनगॉव, डोगरियॉ, कपिलधारा के अर्जुन
घाट, परसापानी, पडरीपानी सहित आसपास
के क्षेत्रो में बारूद का उपयोग कर पत्थरों को तोडा जा रहा है। वहीं प्रतिबंध के बावजूद
विस्फोटक सामग्रियो का प्रयोग किए जाने की जानकारी होने के बाद भी राजस्व, खनिज, वन, तथा पुलिस विभाग
द्वारा कोई कार्यवाही नही की जा रही है।
कार्यवाही के
नाम पर सिर्फ खानापूर्ति
लगातार
शिकायत के बाद जहां खनिज विभाग द्वारा पत्थरो व रेत से लोड वाहनो पर कार्यवाही तो
करता है। लेकिन बिना लीज के पत्थर के उत्खनन व रेत के उत्खनन पर विभाग लगातार अपनी
उदासीनता बरत रही है। जिसके कारण खनिज माफियाओ के हौसले बुलंद है। वहीं खनिज विभाग
द्वारा दिखावे की कार्यवाही में सिर्फ वाहनो को पड़कर अवैध परिवहन की कार्यवाही कर
अपना कागजी कोरम पूरा करते है।
क्रेशरो में
अवैध भंडारण पर कार्यवाही नही
बिजुरी
क्षेत्र अंतर्गत आने वाले ग्रामीण इलाको सहित हाईवे मार्ग के किनारे दर्जनो क्रेशर
संचालित है। जहां पर पत्थरो का अवैध उत्खनन कर उसका परिवहन करते हुए आसपास के
क्रेशरो में पहुंचाया जाता है। इतना ही नहीं क्रेशर संचालक द्वारा क्रेशर में
पत्थरो के अवैध भंडारण किए हुए है। वहीं खनिज विभाग द्वारा क्रेशरो की जांच न कर
सड़को पर दौड रहे गिट्टी व पत्थरो से लोड वाहनो पर कार्यवाही की जाती है। जबकि इन
गिट्टी व पत्थरो को किन क्रेशरो से लाना व ले जाने पर किसी तरह की कार्यवाही नही
की जाती है।
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