इंगांराजवि
में वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य पर दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सेमीनार आयोजित
अनूपपुर
(अमरकटंक)। भारत वैश्विक राजनीति में अहम किरदार निभा सकता है। दुनिया का सबसे ब$डा और सशक्त
लोकतंत्र होने और विकास संबंधी स्वयं का मॉडल तैयार कर भारत अन्य विकासशील देशों
के लिए रोल मॉडल बन सकता है। आवश्यकता अनेकता को लोकतांत्रिक तरीके से बनाए रखने, पडोसी देशों में
लोकतंत्र को मजबूत बनाने और क्षेत्रीय विकास में निरंतर योगदान देने की है।
उक्तशाय का विचार जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज के
एसोसिएट प्रोफेसर रंजन कुमार ने इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय अमरकटंक
में राजनीति विज्ञान और मानवाधिकार विभाग के तत्वावधान में आयोजित दो दिवसीय
इंडिया एंड न्यू वर्ल्ड ऑर्डर इन कंटेपररी ग्लोबल पॉलीटिक्स विषयक अंतर्राष्ट्रीय
सेमीनार कही ।
उन्होंने कहा कि दुनिया अब किसी एक महाशक्ति पर केंद्रित नहीं है बल्कि कई
केंद्रों के इर्द-गिर्द विकसित हो रही है ऐसे में भारत के लिए विश्व राजनीति में
अहम किरदार निभाने का मौका है। उन्होंने कहा कि भारत के दुनिया की तीन सबसे बडी
आर्थिक शक्तियों में शामिल होने के बाद अब अपनी अंतर्राष्ट्रीय नीतियों को बदलने
का सबसे उचित मौका है। भारत को अब विश्व परिदृश्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के
लिए स्वयं को तैयार करना होगा।
वर्ल्ड
अफेयर्स जर्नल के संपादक फ्रांस के प्रो. कोम कारपेंट्यर ने अमेरिका और उसकी
वर्तमान परिप्रेक्ष्य में नीतियों का तर्कसंगत विश्लेषण प्रस्तुत किया। उन्होंने
कहा कि विज्ञान एवं तकनीक, ऊर्जा, शिक्षा, करेंसी और राजनीतिक
ध्रुवीकरण की क्रांतियों के बीच भारत को स्वयं की नई पहचान बनानी होगी। मुंबई
विश्वविद्यालय के प्रो. आर.जी. गिडाहुबली ने पूर्व सोवियत संघ से लेकर वर्तमान में
रूस की बदलती भूमिका पर प्रकाश डाला। उनका कहना था कि राष्ट्रपति पुतिन ने रूस की
नीतियों को पूरी तरह से बदलकर दुनिया में एक बार पुन: रूस को प्रतिस्थापित किया
है।
इससे पूर्व
निदेशक (अकादमिक) प्रो. आलोक श्रोत्रिय और कुलसचिव प्रो. किशोर गायकवा$ड ने वर्तमान
परिदृश्य में विश्व राजनीति में भारत की भूमिका के अहम बिंदुओं को रेखांकित किया।
विभागाध्यक्ष प्रो. नरोत्तम गान ने मानवता को सर्वोपरि बताते हुए राजनीति को इसके
अनुरूप स्वयं की दिशा तय करने को कहा। डॉ. चक्काली ब्रह्माया ने सेमीनार की
रूपरेखा पर प्रकाश डाला। सेमीनार का आयोजन इंडियन काउंसिल ऑफ वर्ल्ड अफेयर और
इंडियन काउंसिल ऑफ सोशल साइंस रिसर्च के संयुक्त तत्वावधान में किया गया। इसमें
अमेरिका, फ्रांस
सहित देश के प्रमुख शैक्षणिक संस्थानों के शिक्षाविदों और शोधार्थियों ने अपने
शोधपत्र प्रस्तुत किए।
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