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शनिवार, 31 मार्च 2018

मूलभूत सुविधाओ को तरह रही संरक्षित बैगा जनजाति

अनूपपुरकोतमा तहसील अतंर्गत दो हजार से अधिक संख्या मे निवास करने वाली सरंक्षित बैगा जनजाति के लोगो को समाज की मुख्य धारा मे जोडने के लिए शासन द्वारा कई योजनाओ के माध्यम से उन्हे सुविधाएं प्रदान करने करने विशेष प्रयास कर रही है, लेकिन अधिकारियो की मनमनी एवं, भ्रष्टाचार के कारण आज भी ग्राम रेउला, सांरगगढ, रेउसा, उरतान, राजनगर मे में निवास करने वाले बैगा जनजाति मूलभूत सुविधा के लिए मोहताज है। शासन द्वारा इनके विकास के लिए भूमि, अवास, कृषि कार्य उपकरण सहित रोजगार के लिए  बैल जोडी का वितरण किया गया था, लेकिन शासकीय सेवको एंव जनप्रतिनिधियो द्वारा उक्त योजनाओ मे फर्जीवाडा कर उन्हे लाभ प्रदान नही किया गया। जिसमें ग्राम दैवगवां व मुडधवा पंचायत मे बैगाओ को बैल जोडी खरीदने हेतु राशि अंवाटित की गई लेकिन लैम्पस प्रबंधक एवं पंचायत द्वारा राशि का बंदरबाट कर आदिवासियो की राशि को हडप लिया गया तथा मामले के खुलासे के बाद मामला पंजीबद्ध कर आरोपियो को जेल भेजा गया।
अंधेरे मे जीने को विवश बैगा जनजाति
जनपद पंचायत के ग्राम रेउला, उरतान, सारंगगढ, राजनगर सहित अन्य पंचायतो मे आज भी बैगा बस्ती मे बिजली के पोल नही लगे, जिसके कारण उन्हे अंधेरे मे रहने को मजबूर होना पड रहा है। वहीं पीने के पानी के लिए गांवो में लगे हैण्ड पंप से लाल व प्रदूषित पानी का उपयोग करना पड़ रहा है। लेकिन इस ओर जिला प्रशासन द्वारा कोई ध्यान नही दिया जा रहा है। वहीं आवागमन केलिए यहां सड़क तक की व्यवस्था नही है, जिसके कारण उबड-खाबड रास्तो को बीच सफर करने को मजबूर है।
इनका कहना है
शासन की योजना का लाभ दिलाने हरसंभव प्रयास किए जाते है। जिसके लिए विशेष मद जिला प्रशासन के निर्देशन मे खर्च किए जाते है।

व्हीएम मिश्रा, प्रभारी सीईओ कोतमा  

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