अनूपपुर।
संविदा संयुक्त संघ मंच के तत्वाधान में विभिन्न विभागो में पदस्थ संविदा
कर्मचारियो द्वारा २६ मार्च को संविदा नीति की अर्थी निकाल संविदा शव का अंतिम
संस्कार किया गया, इसके
पूर्व समस्त संविदा कर्मचारियो द्वारा एकजुट होकर नियमितिकरण की मांग की गई।
म.प्र. शासन द्वारा विसंगतिपूर्ण एवं पक्षपातपूर्ण संविदा नीति लागू की गई है।
जहां एक ओर संविदा शिक्षक, सरपंचो
द्वारा नियुक्त गुरूजी एवं पंचायतकर्मी मात्र 3
वर्ष की सेवा उपरांत नियमित कर दिए जा रहे है,
वहीं वर्ष 1995
से नियुक्त,21
वर्षो से सेवारत प्रोग्रामर, सहायक
यंत्री, लेखापाल, उपयंत्री, डाटा इंट्री ऑपरेटर, भृत्य एवं चौकीदार
आज भी अल्प वेतन, असुरक्षित
अस्थाई नौकरी, अप्रैजल
एवं संविदा वृद्धि के नाम पर आर्थिक एवं शारीरिक शोषण का दंश झेल रही है।
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