ऑन लाइन
कोर्सेज को तैयार करने के बारे में प्रशिक्षण
अमरकटंक
(अनूपपुर)। सभी के लिए शिक्षण को सुलभ बनाने में ऑन लाइन कोर्सेज के महत्व के बारे
में शिक्षकों को प्रशिक्षित करने के उद्देश्य से इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय
विश्वविद्यालय में एक सप्ताह का शिक्षक विकास कार्यक्रम प्रारंभ हुआ। इस अवसर पर
केंद्र सरकार द्वारा उपलब्ध कराए जा रहे ऑन लाइन कोर्सेज के बारे में शिक्षकों को
जानकारी प्रदान करते हुए मल्टी मीडिया मोड में पाठ्यक्रमों का विकास करने और
इन्हें ऑन लाइन उपलब्ध कराने पर जोर दिया गया।
मेसिव ओपन
ऑनलाइन कोर्स (मूक) पर आधारित एफडीपी का उद्घाटन करते हुए कुलपति
प्रो.टी.वी.कटटीमनी ने कहा कि इंटरनेट के माध्यम से अध्ययन और अध्यापन का एक नया
युग शुरू हो गया है। अब कोई भी कहीं भी बैठकर दुनिया के प्रमुख शिक्षकों के ऑन
लाइन व्याख्यान सुन सकता है। इसमें इंगांराजवि के शिक्षकों को भी स्वयं का योगदान
देने के लिए आगे आना होगा।
निदेशक
(अकादमिक) प्रो.आलोक श्रोत्रिय ने उच्च शिक्षण संस्थानों के सम्मुख उपस्थित तीन
प्रमुख चुनौतियों-उच्च शिक्षा को सभी तक पहुंचाना, वित्तीय संसाधन उपलब्ध कराना और
विभिन्नता को समाहित करने के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उनका कहना था कि
ई-कंटेंट के माध्यम से इन चुनौतियों का आसानी से मुकाबला किया जा सकता है।
कार्यक्रम की
मुख्य वक्ता इग्नू, नई
दिल्ली की प्रो. उमा कांजीलाल ने ऑन लाइन कोर्स विकसित करने, अध्यापन में मल्टी
मीडिया का प्रयोग और कोर्सेज को ऑन लाइन उपलब्ध कराने के बारे में शिक्षकों को
विस्तार से जानकारी प्रदान की। उनका कहना था कि ऑन लाइन कोर्सेज निरंतर लोकप्रिय
हो रहे हैं। इनकी वैधता के लिए नियमों को तैयार करने की जरूरत है।
कोर्स संयोजक
डॉ.ज्ञानेंद्र कुमार राउत ने बताया कि ऑन लाइन कोर्सेज के माध्यम से कोई भी, कहीं भी और किसी भी
समय अध्ययन कर सकता है।
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