भाजपा के बिसाहूलाल के खिलाफ कांग्रेस अधिकारी पर लगा सकती है दांव
राजेश शुक्ला
अनूपपुर। मध्यप्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद अब उपचुनाव लगभग 3 माह के अंदर संपन्न होने हैं। जिसके लिए प्रमुख राष्ट्रीय पार्टी कांग्रेस,भाजपा के साथ अन्य पार्टियां भी अपने चुनावी समीकरण के साथ जनता के बीच अपनी छबि बनाने की पुर जोर कोशिश कर रहे है। अनूपपुर विधानसभा चुनाव हमेशा कांग्रेस और भाजपा के बिसाहूलाल सिंह और रामलाल रौतेल के मध्य मुकाबला होता रहा है। अभीतक बागडोर इन्ही दोनो के हाथ रही है। लेकिन 15 माह के कांग्रेस के शासनकाल में सत्ता परिवर्तन का वह परिदृश्य सामने आया कि कभी एक दूसरे के प्रतिद्वंदी बिसाहूलाल सिंह और रामलाल रौतेल अब साथ-साथ हो गए।
अनूपपुर विधानसभा क्षेत्र और कांग्रेस बड़ा आदिवासी चेहरा पूर्व मंत्री बिसाहूलाल सिंह ने कांग्रेस का छोड़ भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया। परिस्थितियां यह हो गई कांग्रेस के अनूपपुर में कई भाग हो गए दमदार नेता कांग्रेस के अंदर अब दूर-दूर तक नजर नहीं आ रहा। तीन संभावित उम्मीदवार कांग्रेस में अपने-अपने आकाओं की बदौलत जोर लगा रहे हैं जिसमे जिला पंचायत सदस्य विश्वनाथ सिंह, सरपंच उमाकांत उइके एवं युवा नेता राजीव सिंह तीनों अलग-अलग दिशाओं से अपना जोर लगाने की पुरजोर कोशिश कर रहे हैं। साथ ही सोशल मीडिया के माध्याम से भी अपनी दावेदारी ठोक रहे है। किन्तु कांग्रेस के पास कोई बिसाहूलाल जैसा कोई दमदार चेहरा नही है।
कांग्रेस की गोपनीय सर्वे रिपोर्ट में पार्टी नया समीकरण सामने लाना चाहती है पता चला है कि राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी जिस पर कभी भारतीय जनता पार्टी लोकसभा चुनाव के समय दाव खेलने का विचार कर रही थी लेकिन इसी बीच कांग्रेस छोड़कर हिमाद्री सिंह भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर ली जिससे उनका दाव कमजोर पड़ गया और हिमाद्री सिंह को भारतीय जनता पार्टी ने लोकसभा में अपना प्रत्याशी घोषित कर राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी की उम्मीदवारी को किनारे कर दिया। बिसाहूलाल सिंह के भाजपा में जाने से अनूपपुर विधानसभा में कांग्रेस को दमदार नेता की कमी को देखते हुए अधिकारी को कांग्रेस के ही प्रादेशिक स्तर एवं राष्ट्रीय स्तर के नेता लगातार सम्पर्क करने में जुट गए हैं। सूत्रो की माने तो अधिकारी ने चुनाव लडऩे का मन लगभग बना लिया है। इस विधानसभा क्षेत्र में उसके समाज की काफी बाहुलता है यही नहीं उनका निवास के साथ ही ससुराल भी यही है। भाजपा के बिसाहूलाल सिंह को कड़ी टक्कर दे सकते है। मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष कमलनाथ व्यक्तिगत रुचि लेकर अनूपपुर विधानसभा क्षेत्र को किसी भी कीमत में कांग्रेस के पक्ष में हर हाल में लाना चाहते हैं। इसके लिए उन्होंने प्रभारी की नियुक्ति भी कर दी है और वे पूरी तरह से बिसाहूलाल सिंह को इस सीट से हराने के लिए अपना मन बना लिए हैं। जिला कांग्रेस के अध्यक्ष को अभयदान देते हुए नई कार्यकारिणी गठन के निर्देश भी दे चुके है । ज्ञातव्य हो कि जिला कांग्रेस अध्यक्ष जयप्रकाश अग्रवाल केवल बिसाहूलाल सिंह के लिए ही जिला कांग्रेस अध्यक्ष थे वह कभी कोतमा एवं पुष्पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र के कांग्रेसी विधायकों के साथ उनके किसी भी कार्यक्रम में कभी भी शामिल नहीं हुए केवल उनके लिए बिसाहूलाल सिंह ही सब कुछ थे। जिनकी बदौलत लगातार वे लाख विरोध के बावजूद जिला कांग्रेस अध्यक्ष बने रहे। लेकिन एकाएक बिसाहूलाल सिंह के कांग्रेस से इस्तीफा देकर भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने के बाद भी उन्होंने कांग्रेस से अपना नाता यथावत बनाए रखा और बिसाहूलाल सिंह को अलविदा कह दिया। जिससे मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी ने उनको अभयदान दे दिया। अब चुनाव के समय उनके नेतृत्व में बिसाहूलाल सिंह के खिलाफ तेजी से प्रचार-प्रसार की जिम्मेदारी संभालते हुए उनके खिलाफ तमाम आरोपों की झड़ी लगाने का कार्य उन्हें करना है। ज्ञातव्य हो कि राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी की पकड़ अनूपपुर विधानसभा क्षेत्र में अच्छी खासी है आसपास भी इन्होंने अपनी नौकरी लोगो से अच्छी तरह वाकिफ है और उनकी उम्मीदवारी से कांग्रेस का गुटीय संतुलन भी संभल जाएगा और कांग्रेस पूरी दमदारी से भारतीय जनता पार्टी को उनके प्रत्याशी को टक्कर देने की स्थिति में हो सकती है। अगर सब कुछ तय हुआ तो कांग्रेस के लिए संभावित अधिकारी त्यागपत्र देकर विधानसभा क्षेत्र अनूपपुर का दौरा शीघ्र ही जिला कांग्रेस के नेतृत्व में साथ ही कांग्रेस के विधायकों कोतमा एवं पुष्पराजगढ़ के साथ प्रारंभ कर देंगे। आने वाले वक्त में जब बिसाहूलाल सिंह सत्ता परिवर्तन के बाद पहली बार अपने विधानसभा क्षेत्र में आएंगे तो कांग्रेस के कितने नेता शहर से लेकर गांव तक के उनके नेतृत्व में भाजपा का दामन थामते हैं। यह काफी महत्वपूर्ण होगा। लगभग 4 माह से बिसाहूलाल सिंह अपने क्षेत्र से दूर ही दूर है उनकी प्रतीक्षा कांग्रेस और भाजपा दोनों को है कि उनके आने के बाद विधानसभा क्षेत्र अनूपपुर में परिवर्तन की क्या दशा और दिशा तय होती है। अब सभी को बदले परिदृश्य मैं होने वाले चुनाव का इंतजार है।
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