अनूपपुर। नगर के
वार्डो की सफाई अब तक नगरपालिका सफाई कर्मचारियों द्वारा किए जाते रहे हैं। लेकिन अब
अनूपपुर के बुद्धिजीवी लोगों ने नगर की स्वच्छता के लिए खुद से बीड़ा उठाया है। जिसमें
आम नागरिकों के साथ सफाई की एक अनोखी यात्रा आरंभ करते हुए वार्डो की सफाई की जगह सार्वजनिक
रूप से रोजाना उपयोग में आने वाली स्थलों की सफाई में अपना श्रमदान करेंगे। संस्थाओं
को साफ-सुथरा बनाने के साथ लोगों को भी साफ सुथरा बनाए रखने अपील भी करेंगे। सफाई की
शुरूआत शनिवार ६ अक्टूबर को मुक्तिधाम की सफाई से की है। जिसमें शनिवार की सुबह लगभग
आधा सैकड़ा नगर के बुद्धिजीवी लोगों ने पहुंच श्रमादान किया। हाथों में फावड़ा,
गैंती,
कटारी,
कुदाल सहित
अन्य सामग्रियों को थामे मुक्तिधाम परिसर के मुख्य चबूतरों सहित आसपास के स्थलों की
सफाई की। सुबह 6 बजे से नगरवासियों की चहल कदमी मुक्तिधाम की ओर पहुंचने लगी,
जहां लगभग 3 घंटे तक श्रमदान कर परिसर
के अंदर उगे झाड़, गाजरघास, कचरे, सहित अद्र्धजली लकडिय़ों को एकत्रित
कर उसे जला दिया। वहीं नगरवासियों ने रविवार की सुबह भी मुक्तिधाम की सफाई करने का
निर्णय लिया है, जहां नगरवासियों के साथ नगरपालिका भी स्वच्छता अभियान का हिस्सा
बनकर जेसीबी और ट्रैक्टर कल्टीवेटर से पूरे मुक्तिधाम परिसर की जुताई के साथ समतलीकरण
करने का कार्य करेगी। नपा अध्यक्ष रामखेलावन राठौर, एड. चंद्रकांत पटेल, एड. संतोष अग्रवाल,
अशोक शर्मा,
दीपक सोनी,
राजेश गुप्ता,
महेन्द्र गुप्ता,
डॉ. कौशलेन्द्र
सिंह, राकेश गौतम, परेश गुप्ता, आशीष गुप्ता, अनिल शिवहरे, सुदेव चटर्जी, दिलीप सोनी, मुकेश ठाकुर सहित अन्य का
कहना था कि पितृपक्ष के समय मुक्तिधाम की सफाई से बेहतर और कोई सेवा नहीं है। मुक्तिधाम
में रोजाना नगरवासी अपने परिजन की अंतिम यात्रा में यहां पहुंचते हैं, परिसर तो बड़ी है लेकिन गंदगी
के कारण परेशानी से जुझते हैं। अगर इसकी सफाई बेहतर तरीके से हो जाए तो आम नगरवासी
बेहिचक कहीं भी बैठ अपने अनुष्ठान कर सकेंगे। हालांकि नगरवासियों ने शनिवार के बाद
रविवार को भी मुक्तिधाम की सफाई का निर्णय लिया है। इसकी सफाई में नगरपालिका द्वारा
भी संसाधन और मेनपावर उपलब्ध कराएगी।
सार्वजनिक स्थल होगा अभियान का हिस्सा
नगरवासियों द्वारा आरंभ किए गए स्वच्छता
अभियान में सार्वजनिक स्थल सफाई का हिस्सा होगा। जिसमें जिला अस्पताल परिसर,
मुख्य चौराहा,
बस स्टैंड,
रेलवे स्टेशन
परिसर, विभागीय परिसर, शिक्षण संस्थान सहित अन्य सार्वजनिक उपयोगी स्थल निर्णय में
शामिल हुए हैं।
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