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गुरुवार, 18 अक्तूबर 2018

डिप्लोमा धारी स्टॉफ नर्स कर रही नवजातो से खिलवाड़, मामला जिला चिकित्सालय का



सिविल सर्जन ने अपने रिश्तेदार को बनाया एसएनसीयू एवं पीआईसीयू वार्ड का सिस्टर इंजार्च
अनूपपुरनौनिहालो को असामायिक मौत से बचाने जिला चिकित्सालय में संचालित नवजात शिशु गहन चिकित्सा वार्ड के साथ पीआईसीयू वार्ड का शुभारंभ भी अस्पताल प्रबंधन द्वारा अक्टूबर माह में कर दिया है। जिसमें तीन डॉक्टर व एक स्टॉफ नर्स को एसएनसीयू वार्ड की सिस्टर इंजार्च स्टॉफ सावित्री परस्ते को बनाया गया है, जबकि सावित्री परस्ते के पहले से ही एसएनसीयू वार्ड की सिस्टर इंजार्च है। जिनके रहते ही एसएनसीयू वार्ड में नवजात शिशुओ की मौत के आंकडे चौकाने वाले रहे है। जिनमें माह जुलाई 2018 में ही लगभग 18 से 20 नवजातो की मौत हो चुकी है। जहां अस्पताल प्रबंधन द्वारा एसएनसीयू वार्ड की स्टॉफ नर्स सावित्री परस्ते के खिलाफ कार्यवाही करने की बजाए सिविल सर्जन डॉ. एस.आर. परस्ते द्वारा उन्हे पीआईसीयू वार्ड का भी सिस्टर इंजार्च बना दिया गया। जबकि इसके पहले एसएनसीयू वार्ड में नवजात के उपचार में लापरवाही एवं नवजातो के देखभाल के नाम पर नर्सो द्वारा परिजनो से रूपए मांगे जाने, एसएनसीयू वार्ड में शराब पीने, नवजात के उपचार के समय नशे की हालत में डॉक्टर व नर्सो द्वारा हंगामा मचाने व तोडफोन किए जाने तक के मामले सामने आए है। बावजूद इसके स्वास्थ्य प्रबंधन द्वारा नवजात शिशुओं के उपचार में लगातार लापरवाही बरती गई है। जिसके बावजूद गंभीर हालत के 28 दिन से 5 वर्ष तक के शिशुओं की मृत्यु दर कम करने जिला चिकित्सालय में 5 मार्च को पीआईसीयू वार्ड का संचालन किया गया,जहां सिविल सर्जन डॉ.एस.आर. परस्ते द्वारा एसएनसीयू वार्ड की सिस्टर इंजार्च स्टॉफ नर्स सावित्री परस्ते की लापरवाही से  अप्रैल माह में 20 से अधिक बच्चो की मृत्यु होने के बाद भी स्टॉफ नर्स सावित्री परस्ते को पीआईसीयू वार्ड का भी सिस्टर इंजार्च बना दिया गया। जिसमें जनवरी 2018 से अब तक एसएनसीयू वार्ड में नवजात की मौत के सबसे अधिक आंकडो के बाद भी दूसरा प्रभार दिया जाना अस्पताल प्रबंधन की कार्यप्रणाली पर प्रश्र चिन्ह खड़ा कर रहा है। जबकि नियमानुसार पीआईसीयू में सिस्टर इंजार्च के लिए किसी भी नर्स को नर्सिंग में स्नातक एवं पांच वर्ष का आईसीयू का अनुभव होना पहली प्राथमिकता है, लेकिन सिविल सर्जन डॉ. एस.आर. परस्ते ने तीन वर्ष का नर्सिंग में डिप्लोमा कोर्स (जीएनएम) स्टॉफ नर्स को पीआईसीयू का प्रभार गलत तरीके से बनाया गया है। वहीं जिला चिकित्सालय में चर्चा फैली है कि स्टॉफ नर्स सावित्री परस्ते सिविल सर्जन डॉ. एस.आर. परस्ते की रिश्तेदार (साली) है जिसके कारण डॉ. परस्ते ने उन्हे एसएनसीयू एवं पीआईसीयू का प्रभार सौंपा है।
इनका कहना है
अगर एसएनसीयू एवं पीआईसीयू वार्ड में अपात्र स्टॉफ नर्स व सिस्टर इंजार्च बनाया गया है, तो पूरे मामले की जानकारी लेकर संबंधित के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी।
अनुग्रह पी, कलेक्टर अनूपपुर

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