अनूपपुर। जिले में संचालित सहायक संचालक नगर तथा ग्राम
निवेश कार्यालय तहसील कार्यालय में संचालन है। जहां १६ पद स्वीकृत है। वहीं विभाग की
कमान भृत्य एवं चौकीदार के हाथ में है। जिसके कारण विभाग के उद्देश्य एवं कार्य प्रभावित
हो रहे है। जानकारी के अनुसार इस विभाग में पदस्थ सहायक संचालक इंद्र नारायण को अनूपपुर
सहित तीन अन्य जिलो का प्रभार दिया गया है। जिसके कारण सुव्यस्थित नगर विकास पर ग्रहण
लगा हुआ है।
भृत्य के भरोसे विभाग
जानकारी के अनुसार नगर तथा ग्राम निवेश विभाग की पूरी
कमना भृत्य प्रकाश चंद्र पनिका के भरोसे छोडी गई है, जो विभाग में लिपिक के कार्यो को
कर रहे है। वहीं इनका हाथ बटाने के लिए इनके साथ एक चौकीदार सुरेश बैगा भी है। जो विभाग
के सभी कार्यो को देखते है। जिसके कारण नगर का ट्रांसपोर्ट नगर, आवास, स्टेडियम, मेला ग्राउंड, मनोरजंन गृह सहित टाउन प्लांटन
की स्थिति से पूरा जिला मुख्यालय परिचित है।
चार जिलो के प्रभार में सहायक संचालक
सहायक संचालक नगर तथा ग्राम निवेश विभाग में जहां सहायक
संचालक इंद्रमणित नारायण प्रभार में है। वहीं अनूपपुर सहित उन्हे दो अन्य जिलो जिनमें
डिंडौरी एवं सिंगरौली का प्रभार दिया गया है। वहीं इन मूल पदस्थापना सिंगरौली जिले
में है। जिसके कारण चार जिलो को प्रभार होने पर सहायक संचालक इंद्र नारायण अनूपपुर
जिले मे माह में एक या दो बार ही मात्र फाईलो में हस्ताक्षर करने पहुंचते है। जिसके
कारण नगर तथा ग्राम निवेश के कार्यो एवं उद्देश्यो पर प्रभाव पड़ा हुआ है। जो जिले
के स्थिति को देखकर लगाया जा सकता है।
टाउन प्लांन के विपरित जिले में होता कार्य
अनूपपुर विकास योजना म.प्र. नगर एवं ग्राम निवेश अधिनियम
१९७३ के तहत मास्टर प्लान का प्रावधान हुआ। जहां नगर एवं ग्राम निवेश विभाग में अधिकारियों
एवं कर्मचारियों की पदस्थाना नही होने नगर के मास्टर प्लान पूरी तरह से प्रभावित है।
जिसमें जिला मुख्यालय में मास्टर प्लान के तहत न तो मेला गाउंड बना और न ही स्टेडियम,
जानकारी के अनुसार
स्टेडियम का निर्माण कल्याण सिंह के मकान के पास वार्ड क्रमांक १ में बनाया जाना था,
जिसे वर्तमान में शांति
नगर में निर्माण कराया जा रहा है। वहीं मेला ग्राउंड के खम्परिया तालाब के पास प्रस्तावित
हुआ जहां मेला ग्राउंड की भूमि पर आवास बन गया है।
उद्देश्य एवं कार्यो का लगा पलीता
सुव्यवस्थित नगर के विकास के लिए विभाग के माध्यम से
स्वच्छ एवं स्वस्थ्य पर्यावरणीय विकास के लिए प्राकृतिक सौम्यता एवं मध्य भारत की महत्वपूर्ण
धार्मिक नदियों सोन, नर्मदा, जुहिला एवं तिपान नदी का उद्गम स्थल, पर्यटक केन्द्र अमरकंटक को अपने अंकस्थल में सामहित किए
हुए है। वहीं नगर की मुख्य बसाहट पुरनी पद्धति की होने के कारण, पुराने आबादी क्षेत्र में
खुले स्थलों का अभाव है। जिसके नियोजित विकास हेतु युक्तियुक्त उपयोग, सुगम परिवहन संरचना,
अधोसंरचना के उन्नयन
एवं विकास के साथ ही नगर में स्थित तालाबों के संरक्षण हेतु प्रस्ताव सृजित किए गए
है। लेकिन उनके कार्यो एवं उद्देश्यो का लगातार प्रभावित हो रहा है।
इनका कहना है
स्वीकृत पद के लिए शासन से पत्राचार किया जाएगा साथ ही
टाउन प्लान के अनुसार जिले में कार्य नही किया गया है तो जांच कर कार्यवाही की जाएगी।
अनुग्रह पी, कलेक्टर अनूपपुर
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