अनूपपुर। वनपरिक्षेत्र अनूपपुर के सोनमौहरी
बीट ग्राम सेंदुरी में सोमवार की शाम संदिग्धावस्था में मिले तेंदुआ के शव से सकते
में आई वनविभाग की टीम ने मंगलवार को कुछ राहत पाई है,तीन सदस्यी पशु चिकित्सकों ने पीएम
के दौरान तेंदुआ के सीने में लगभग डेढ़ से दो इंच लम्बी छेद होना पाया। जिसमें पीएम
रिपोर्ट में तेंदुआ के किसी पेड़ से जमीन पर छलांग लगाकर उतरने के दौरान किसी लकड़ी
के खूंटी सीने में धंसने की आशंका व्यक्त की है। हालांकि वनविभाग अधिकारियों ने बिसरा
रिपोर्ट के बाद ही मौत के कारणों के खुलासा होने की बात कही है। फिलहाल तेंदुआ की मौत
ने वनविभाग अधिकारियों की चिंता बढ़ा दी है। बताया जाता है कि सोमवार की शाम एक 6 वर्षीय नर तेंदुआ का शव
झाडिय़ों के बीच पाया गया था। जिसकी सूचना सीसीएफ शहडोल एके जोशी को दी गई,जहां सीसीएफ सहित वनमंडलाधिकारी
अनूपपुर जेएसभार्गव, एसडीओ श्रीकांत शर्मा, वनपरिक्षेत्राधिकारी एके निगम, वन्यप्रेमी शशिधर अग्रवाल ने मौके
में पहुंचकर मृत पड़े तेंदुआ का निरीक्षण किया। मौत का कारण स्पष्ट नहीं होने पर मंगलवार
की सुबह सतना से वन विभाग का डॉग-स्क्वाड बुलाकर परीक्षण कराया गया। पशु चिकित्सक के
तीन सदस्यीय दल डॉ. योगेश चन्द्र दीक्षित, डॉ.सचिन समैया एवं डॉ.प्रकृति सिंह से शव का पीएम किया,डॉक्टरों ने 2-3 दिन पूर्व तेंदुआ के मृत
होना बताया। तेंदुआ के शरीर में बाहरी चोंट नहीं मिले। बाद में वनविभाग अधिकारियों
ने शव का अंतिम संस्कार कर दिया। डीएफओ जेएस भार्गव के अनुसार सोमवार की दोपहर ग्रामीणों
द्वारा अपने मवेशियों को चराते समय लेंटाना की झाडिय़ों के बीच एक जंगली जानवर के मृत
होकर सडऩे की सूचना दी थी। विदित हो कि अनूपपुर वन परिक्षेत्र के पोंड़ी, भोलगढ़ बीट के ग्रामों में
पिछले कई वर्षो से तेदुआ की उपस्थिति बनी हुई थी, जिसमें तेंदुआ द्वारा लगभग दर्जन
से अधिक मवेशियों का शिकार किया गया।
इनका कहना है
पीएम में तेंदुआ के सीने में छेद होना पाया गया है,
जहां सीने में खून
के थक्के जमे हुए थे। लेकिन बिसरा रिपोर्ट के बाद ही मौत के कारणों का खुलासा सामने
आ पाएगा।
जेएस भार्गव, डीएफओ अनूपपुर।
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