अनूपपुर। वनमंडल अनूपपुर के वन परिक्षेत्र कोतमा में
15 अक्टूबर की सुबह से मलगा के जंगल में रहवास बनाए 16 हाथियों का दल छठवें दिन मलगा
बीट के लक्ष्मण धारा में अब अपना स्थायी रहवास बना लिया है। इन हाथियों के दल ने सैतिनचुआ
गांव में जंगल के किनारे स्थित खेतों में लगे धान की
फसल को अपना आहार बनाते हुए अधिक मात्रा में उसे नुकसान भी पहुंचाया। जबकि सुबह होते ही पुन: मलगा बीट के कुंडी लक्ष्मणधारा की ओर चले गए। इसी तरह 18 अक्टूबर की सुबह छत्तीसगढ़ की सीमा लांघकर 17 हाथियों का एक अन्य दल जैतहरी वनपरिक्षेत्र पहुंच गया। हाथियों के दल ने दो दिनों में परिक्षेत्र जैतहरी के गढिया टोला बीट के ग्राम खालबहरा, मुंडा, आमाडांड, लपटा, निगौरा, कल्याणपुर, धनगवां, कुसमहाई, रोहिला कछार, पटौरा, महुदा के छकडि़या टोला से सोन नदी पर रेलवे के पुल को पार करते हुए वन परिक्षेत्र अनूपपुर के सोन मौहरी एवं दैखल पश्चिम बीट के ग्राम सोन मौहरी, छुलकारी, बिजौडी होते हुए ठूठी के जंगल आरएफ 411 में अब विचरण करता दिख रहा है। इस दौरान हाथियों के झुंड ने सभी ग्रामों के खेतों में लगी धान की फसलों को आहार बनाते हुए रास्ते में आने वाले फसल को नुकसान भी पहुंचाया है। हाथियों के दो दलों के ग्रामीण इलाकों में विचरण करने की घटना पर मुख्य वन रक्षक एके जोशी, वन मंडलाधिकारी जेएस भार्गव स्वयं हाथियों के विचरण क्षेत्र का भ्रमण कर वन विभाग के कर्मचारियों की ड्यूटी लगा रहे हैं।
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