16 हाथियों के दल ने धान की फसल सहित दो झोपडिय़ों को
पहुंचाया नुकसान
अनूपपुर। वनमंडल अनूपपुर के कोतमा परिक्षेत्र
के बीट टांकी एवं मलगा के जंगल में पिछले तीन दिनों से डेरा जमाए हाथियों के दल मंगलवार-बुधवार
की रात कुंडी गांव सहित ग्राम पंचायत फुलकोना के ग्राम सैपिनचुआ स्थित किसानों के खेतों
में लगी धान की फसल को खाने के साथ नुकसान पहुंचाया। साथ ही खेत में बने दो झोपडिय़ों
को भी तहस नहस कर उजाड़ दिया। हालांकि वनविभाग द्वारा पूर्व से जंगल से सटे झोपडिय़ों
व मकानों को खाली करा दिया था। जिसके कारण वहां किसी प्रकार की जन हानि नहीं हुई। लेकिन
झोपडिय़ों में रखे अनाज को हाथियों ने अपना आहार बना लिया। वनविभाग अधिकारियों का कहना
है कि हाथियों का दल एक साथ झुंड में जंगल से सटे खेतों की ओर निकासी करते हैं तथा
वापस लौट आते हैं। हाथियों के झुंड में शामिल ४ बच्चे भी हैं, जिसे देखते हुए सीसीएफ शहडोल
ने हाथियों के विशेषज्ञों से सलाह लेते हुए अब हाथियों के दल को वापस छत्तीसगढ़ की
सीमा में भेजने की कार्रवाई आरम्भ की है। मलगा सहित आसपास के प्रभावित तीन गांवों हर्रीटोला,
मलगा-टांकी,
तथा सैपिनचुआ में हाथियों
की घुसपैठ को रोकने विभाग ने बैट्री की करंट से संचालित बाड़ को लगाने का कार्य करेगी।
जिसमें हल्की करंट वाली बाड़ से हाथियों को नुकसान नहीं पहुंचाने के साथ ग्रामीण इलाकों
से दूर रखा जाएगा। इसके लिए बाड़ तथा बैट्री को मंगवाया गया है। बताया जाता है कि बुधवार
को सीसीएफ शहडोल हाथियों के सम्बंध में जानकारी लेने मलगा बीट पहुंचेंगे। वहीं अनूपपुर
एसडीओ श्रीकांत शुक्ला, राजेन्द्रग्राम मान सिंह मरावी, विभिन्न क्षेत्रों के रेंजर तथा वनप्रेमी
शशिधर अग्रवाल हाथियों के जंगल से गांवों के बीच बन रहे बार बार की आवाजाही पर वनविभाग
नजर रखे हुए हैं।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें