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गुरुवार, 18 अक्तूबर 2018

15 हाथियों का दूसरा दल भी पहुंचा ग्राम मुंडा के जंगल में



16 हाथियों का दल 4 दिन से कर रहा मलगा के जंगल में विचरण
अनूपपुर कोतमा वनपरिक्षेत्र के मलगा-टांकी वनबीट में पिछले चार दिनों से डेरा जमाए १६ हाथियों के बाद अब छत्तीसगढ़ की सीमा लांघकर १५ अन्य हाथियों का दल जैतहरी वनपरिक्षेत्र के मुंडा गांव की जंगल में प्रवेश कर आए हैं। जहां गुरूवार की सुबह हाथियों के दल ने जंगल से सटे किसानों के खेत में लगी धान की फसल को आहार बनाने के उसे नुकसान भी पहुंचाया है। जबकि हाथियों के दल के गांव में प्रवेश करने ग्रामीणों में दशहत का माहौल बना हुआ है। हालांकि हाथियों के गांव के जंगल में प्रवेश पर वनविभाग ने तत्काल ही जंगल क्षेत्र से सटे झोपड़ी और आवासीय मकानों से ग्रामीणों को दूर चले जाने के निर्देश देते हुए ग्रामीणों को जंगल की ओर आवाजाही करने से मनाही कर दी है। वनविभाग की जानकारी के अनुसार 18 अक्टूबर की सुबह छग के सीमा से 15 हाथियों का दल जैतहरी रेंज के वन परिक्षेत्र के बीट गडिय़ाटोला के ग्राम खालबहरा, आमाडाड़ बीट होते हुए कक्ष क्रमांक आरएफ. 326 मुंडा के जंगल में आए हैं। हाथियों के दल के प्रवेश की सूचना पर वन मंडलाधिकारी अनूपपुर जेएस भार्गव के निर्देश पर वन परिक्षेत्र अधिकारी सुरेश बहादुर सिंह एवं वन्यप्रेमी  शशिधर अग्रवाल वन अमले के साथ निगरानी कर रहे है। उल्लेखनीय है कि इससे पूर्व 14 अक्टूबर की रात छत्तीसगढ़ के मनेन्द्रगढ़ जंगल की ओर से 16 हाथियों का दल मलगा बीट के कुंडी जंगल में आकर स्थायी रहवास बनाए हुए हैं। जानकारों का कहना है कि इससे पूर्व वर्ष 2014 में चार हाथियों के दल ने मलगा बीट में प्रवेश कर माहभर से अधिक लम्बे समय तक स्थायी रहवास बनाकर निवास किया था।

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