मनोज व्दिवेदी, कोतमा ,अनूपपुर
आज रविवार ,११ मार्च को एक यात्रा के लिये अनूपपुर रेलवे जंक्शन पहुंचना हुआ। ट्रेन विलंब थी, इसलिये इंतजार के दॊरान जिला अस्पताल की दो नर्स बहनों को पल्स पोलियो ड्राप बच्चों को पिलाने के लिये कवायद करते देखा। छोटे छोटे बच्चॊं को पोलियो ड्राप पिलाना ग्रामीण क्षेत्र मे जरा भी आसान नही होता। नर्सॊं को देख कर या दवाईयों का मामला देखकर आम तॊर पर बच्चे बुक्का फाड कर रोने लगते हैं, मचल जाते हैं। वही दूसरी ओर ऐसे माता पिता भी दिखे जो ड्राप पिलवाने मे रुचि नही दिखला रहे थे या ऐसा भाव था कि मानो देश पर अहसान कर रहे हों। जाहिर है वे समाज - देश पर अहसान तो कर ही रहे थे,क्योंकि ड्राप पिलाने से देश का भविष्य स्वस्थ रहता है । स्वस्थ देश ही तेजी से विकास कर सकता है।
पल्स पोलियो अभियान के प्रचार प्रसार के लिये सरकार प्रतिवर्ष करोडों रुपये खर्च करती है। अमिताभ बच्चन जैसे ब्रांड एम्बेसेडर टीवी पर लोगों से बच्चों को पोलियो ड्राप पिलाने की अपील करते हैं। लोगों मे जागरुकता का इस कदर आभाव है कि सब कुछ शासकीय मशीनरी पर छोड दिया जाता है। लोग विवाह करा कर बच्चे पैदा करने व उनपर अपनी अपेक्षाओं का पहाड लादने को ही सब कुछ मान लेते हैं। दर असल मामला जागरुकता का है। स्वास्थ्य के साथ शासकीय योजनाओं, नियम कायदों के साथ कर्तव्यों के प्रति लोगों की अनभिज्ञता देश पर भारी पड रही है।विकसित राष्ट्रों की तुलना मे हमारा देश सिर्फ इसी लिये पीछे है क्योंकि हम जागरुक नही है। दिमागी दिवालिये पन से बचने - बचाने के लिये एक ऐसा अभियान बच्चों के पापा - मम्मियों के लिये होना चाहिये । पल्स पोलियो ड्राप पिलाने के लिये माता पिता स्वत: अस्पताल जाएं ,जानकारी लें,समय पर ड्राप पिलाएं तो बेहतर। अन्यथा हमारा स्वास्थ्य अमला,सरकार तो है ही हमारी - आपकी सेवा के लिये।
आज रविवार ,११ मार्च को एक यात्रा के लिये अनूपपुर रेलवे जंक्शन पहुंचना हुआ। ट्रेन विलंब थी, इसलिये इंतजार के दॊरान जिला अस्पताल की दो नर्स बहनों को पल्स पोलियो ड्राप बच्चों को पिलाने के लिये कवायद करते देखा। छोटे छोटे बच्चॊं को पोलियो ड्राप पिलाना ग्रामीण क्षेत्र मे जरा भी आसान नही होता। नर्सॊं को देख कर या दवाईयों का मामला देखकर आम तॊर पर बच्चे बुक्का फाड कर रोने लगते हैं, मचल जाते हैं। वही दूसरी ओर ऐसे माता पिता भी दिखे जो ड्राप पिलवाने मे रुचि नही दिखला रहे थे या ऐसा भाव था कि मानो देश पर अहसान कर रहे हों। जाहिर है वे समाज - देश पर अहसान तो कर ही रहे थे,क्योंकि ड्राप पिलाने से देश का भविष्य स्वस्थ रहता है । स्वस्थ देश ही तेजी से विकास कर सकता है।
पल्स पोलियो अभियान के प्रचार प्रसार के लिये सरकार प्रतिवर्ष करोडों रुपये खर्च करती है। अमिताभ बच्चन जैसे ब्रांड एम्बेसेडर टीवी पर लोगों से बच्चों को पोलियो ड्राप पिलाने की अपील करते हैं। लोगों मे जागरुकता का इस कदर आभाव है कि सब कुछ शासकीय मशीनरी पर छोड दिया जाता है। लोग विवाह करा कर बच्चे पैदा करने व उनपर अपनी अपेक्षाओं का पहाड लादने को ही सब कुछ मान लेते हैं। दर असल मामला जागरुकता का है। स्वास्थ्य के साथ शासकीय योजनाओं, नियम कायदों के साथ कर्तव्यों के प्रति लोगों की अनभिज्ञता देश पर भारी पड रही है।विकसित राष्ट्रों की तुलना मे हमारा देश सिर्फ इसी लिये पीछे है क्योंकि हम जागरुक नही है। दिमागी दिवालिये पन से बचने - बचाने के लिये एक ऐसा अभियान बच्चों के पापा - मम्मियों के लिये होना चाहिये । पल्स पोलियो ड्राप पिलाने के लिये माता पिता स्वत: अस्पताल जाएं ,जानकारी लें,समय पर ड्राप पिलाएं तो बेहतर। अन्यथा हमारा स्वास्थ्य अमला,सरकार तो है ही हमारी - आपकी सेवा के लिये।
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