वेतन विसंगतिकरण और नियमितीकरण को लेकर 9 संधठनो की हडताल से जिले की व्यवास्थ चरमराई
सरकार नही ले रही सुध
अनूपपुर।वेतन विसंगतिकरण में सुधार और
नियमितीकरण सहित वेतनवृद्धि व अन्य मांगों को लेकर जिले के 9 संघठनो द्वारा की अनिश्चिकालीन
हड़ताल ने बड़ा स्वरूप धारण कर लिया है। जिसमें
कल तक स्वास्थ्य संविदाकर्मियों की हड़ताल के साथ सहकारी संस्थाएं संघ और
वाणिज्यिक विभाग सहायक महासंघ व संविदा अधिकारी-कर्मचारी संघ की अपनी मांगों में
अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी रही, वहीं अब गुरूवार 8 मार्च को जिले के दो अन्य संघों ने अपनी अनिश्चिकालीन हड़ताल की
राह पकड़कर शासकीय योजनाओं को भगवान भरोसे छोड़ दिया है। गुरूवार को संविदा
स्वास्थ्यकर्मियों ने थाली बजाकर अपना विरोध प्रदर्शन किया, जबकि महिलाओं ने महिला शोषण के
विरूद्ध संविदाकर्मियों की हड़ताल पर नारेबाजी कर शासन को सत्ता लाने की भूल बताया। वहीं दोपहर
संविदाकर्मियों के साथ न्यू बहुद्देशीय कर्मचारी संघ व आशा, उर्षा सहयोगिनी संगठन
कार्यकर्ताओं ने सामूहिक रूप में रैली निकाल सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। इनमें
संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी संघ, न्यू बहुउद्देशीय स्वास्थ्य कर्मचारी संघ, आशा उषा-सहयोगिनी संघ, मप्र. सहायक वाणिज्यिक कर अधिकारी
संघ, मप्र वाणिज्यिक कर निरीक्षक संघ
एवं मप्र कराधान सहायक संघ, मप्र.
प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थाएं महासंघ, संविदा अधिकारी-कर्मचारी महासंघ एवं मप्र. आंगनबाड़ी
कार्यकर्ता संघ के हजारों कर्मचारी शामिल हैं। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने १५ मार्च
को भूख हड़ताल आरम्भ कर उसे क्रमिक रूप में अनिश्चितकालीन रूप में चलाएगी। बताया
जाता है कि स्वास्थ्य विभाग के अंग के रूप में न्यू बहुउद्देशीय स्वास्थ्य
कर्मचारी संघ ब्लॉक पुष्पराजगढ़, जैतहरी, कोतमा
सहित पूरे कर्मचारी ने 7 मार्च से वेतन विसंगति दूर करने की मांग में
अनिश्चितकालीन हड़ताल आरम्भ की। जिसमें पुष्पराजगढ, कोतमा, जैतहरी के बीईएमपीडब्लू, एलएचवी एएनएम आदि सहित अन्य पदों
के कर्मचारियों ने हड़ताल में हिस्सा लिया। वहीं सीटू के बैनर तले जिलेभर की 1224 आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने अपनी
दो मुख्य मांगों नियमितीकरण और मासिक वेतनमान 18000 रूपए किए जाने की मांग में
गुरूवार 8मार्च से अनिश्चिकालीन हड़ताल
आरम्भ कर दी। इसके अलावा म.प्र. सहायक वाणिज्यिक कर अधिकारी संघ, मप्र वाणिज्यिक कर निरीक्षक संघ
एवं मप्र कराधान सहायक संघ तीनों संवर्गो के सम्पूर्ण मप्र. कार्यकारी एवं
राजपत्रित अधिकारी का वर्ष 2008 से शासन द्वारा घोषित किए छठवां वेतनमान तथा उनमें बने विसंगति
में सुधार नहीं होने से नाराज विभाग के तीनों संघठनो द्वारा 19 फरवरी से अनिश्चिकालीन हड़ताल
किया जा रहा है। संघ के अनुसार छठवें वेतनमान को लागू करते समय राज्य सेवा परीक्षा
से चयनित कार्यकारी अधिकारियों एवं राजपत्रित अधिकारियों का वेतनमान 2800 एवं 3600 ग्रेड बैंड पर नियमित किया गया
था। लेकिन शासन द्वारा इसमें कुछ समय बाद संशोधित किया गया एवं शासन द्वारा
तहसीलदार,
पुलिस निरीक्षक, जिला सहायक आबकारी अधिकारी का
वेतनमान ग्रेड पे 4200 पर एवं तहसीलदार, पुलिस उपनिरीक्षक एवं आबकारी उपनिरीक्षक का 3600 ग्रेड पे पर नियत कर दिया। इसके
अलावा संविदा स्वास्थ्यकर्मियों ने भी अपनी मुख्य 2 सूत्री मांगों नियमितीकरण और
अप्रैजल में हटाए गए कर्मियों की वापसी व अप्रैजल व्यवस्था को समाप्त की मांग लेकर
19 फरवरी से इंदिरा तिराहा पर
अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी रखी गई है। इस अनिश्चितकालीन हड़ताल में जिले के संविदा
डॉक्टर,
स्टाफ-नर्स, एएनएम, लैब टेक्नीशियन, फार्मासिस्ट, एनआरसी स्टॉफ, एसएनसीयू स्टॉफ, डीपीएम यूनिट, बीपीएम यूनिट, टीबी यूनिट एवं अन्य विभागीय कार्य से सम्बंधित
संविदाकर्मी शामिल हैं। जबकि मप्र. प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थाओं में कार्यरत
कर्मचारियों ने भी तीन सूत्री मांगों में 21 फरवरी से अपनी अनिश्चिकालीन हड़ताल जारी रखा है। म.प्र.
सहकारी संस्थाएं कर्मचारी महासंघ के लगभग 400 सदस्य इस अनिश्चिकालीन हड़ताल में शामिल हैं।
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