https://halchalanuppur.blogspot.com

सोमवार, 1 अक्तूबर 2018

धान की फसल पर मंडराता सूखे की मार, तीखी धूप से खेतों पडऩे लगी दरार



बारिश के अभाव में पीली पडी धान
अनूपपुर मौसम की बेरूखी के कारण खेतो की नमी सूखने से किसान अपनी फसलो को लेकर चिंतित है, पानी की कमी के कारण खेतों में लगी खरीफ की फसलें अब पीली पडऩे लगी है। मानों पीले रंग के फसल में नजर आने लगा है। जिले की एक लाख 79 हजार हेक्टेयर खरीफ फसलों पर सूखे का साया मंडराने लगा है। सितम्बर माह के दौरान एकाध दिनों हुई बूंदाबांदी के उपरांत बारिश की झमाझम खेतों की फसलों को नसीब नहीं हुआ है। जिससे धान की खेतों में दरार पडने लगी है। पीले धान और खेतों के दरार देख किसानों के माथे पर चिंता की लकीर खींच आई है। किसानों का कहना था कि शुरूआती बारिश की मार से बचकर निकले तो अब तैयार फसल नमी के अभाव में पीली पडऩे लगी है। उनका मानना है कि आसमान साफ होने के कारण धूप बैशाख माह के सामान गर्माहट लिए धरती पर पड़ रहा, जिसके कारण कल तक खेतों में बनी नमी अब सूखे खेतों में तब्दील हो गई है। खेतों में गायब नमी के कारण दरान पडऩे लगी है और फसल पीले पडऩे लगे हैं। वहीं अन्य फसलों में भी बारिश की कमी दिखने लगी है। हालांकि दलहनी फसलों को इससे खास नुकसान नहीं होगा, लेकिन धान सर्वाधिक प्रभावित फसल मानी जाएगी। उल्लेखनीय है कि जिले में खरीफ फसल की बुवाई में अनाज की फसलो में धान के लिए 1 लाख 20 हजार हेक्टेयर, ज्वार 200 हेक्टेयर, मक्का 14 हजार हेक्टेयर, दलहन फसलो में अरहर 10 हजार हेक्टेयर,मूंग 1 हजार हेक्टेयर, उड़द 4 हजार हेक्टेयर तथा तिलहन की फसलों में मूंगफली 1 हजार हेक्टेयर, तिल 1 हजार 500 हेक्टेयर, सोयाबीन 6 हजार हेक्टेयर, रामतिल 8 हजार 500 हेक्टेयर में बोनी किया गया है।
कृषि विभाग का कहना है कि अब धान सहित अन्य खरीफ की फसलों में दाने बनने के साथ पुष्ठ होती है। लेकिन खेतों से नमी गायब है। बड़े किसान सिंचाई पम्प से खेतों की सिंचाई तो कर सकेंगे, जबकि छोटे किसानों की फसल पानी के अभाव में प्रभावित होगी। वही किसानो का कहना है कि बारिश के पानी से फसल को फायदा होता है अगर बारिश नही हुई तो सूखे की मार झेलनी पडेगी। आंकड़ों को देखा जाए तो वर्ष 2015 के उपरांत जिले में औसत बारिश का आंकड़ा हजार मिमी बारिश का आंकड़ा पार नहीं कर सका है। जबकि वर्ष 2014 में 1048.65. मिमी के बाद वर्ष 2015 में 637.89 मिमी तथा वर्ष 2016 में 848 मिमी तथा वर्ष 2017 में 764.2 मिमी वर्षा का आंकड़ा ही दर्ज हो सका था। बारिश के अभाव में सोननदी सहित अन्य जिले की मुख्य नदियों में 5-7 फीट मोटी धार चलने की जगह कमरभर पानी भी नहीं बह पाया है। 1 जून से आरम्भ हुई बारिश में अगस्त माह तक मात्र 696.8 मिमी औसत बारिश दर्ज हो सकी है, जबकि सितम्बर माह के दौरान बारिश हुई ही नहीं। इस सम्बध में जब उपसंचालक कृषि से बात की तो उन्होने कहा कि इसका आकंलन कराया जायेगा तभी कुछ कह पाऊगा।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

एक साथ उठी तीनो युवको की अर्थी, मोहल्ले में पसरा मातम

रात में खड़े ट्रक में जा घुसे तीन बाइक सवार युवक, तीनों की मौत  अनूपपुर। जिला मुख्यावलय में बुधवार देर रात सड़क किनारे खड़े ट्रक एक बाईक पर ती...