जिला मुख्यालय में 17 में से 3 प्राध्यापक दे रहे शिक्षा
अनूपपुर। जिले का पहला महाविद्यालय शासकीय तुलसी
महाविद्यालय जिसे अग्रणी कालेज का दर्जा हासिल है। यहां उच्च शिक्षा विभाग की
उदासीनता से प्राध्यापक सहित कार्यालयीन
कर्मचारियों का टोटा बना हुआ है। इसके साथ जिले में 7 महाविद्यालय है,सभी अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय रीवा से
संबंद्घ हैं। आवश्यकतानुसार शिक्षकीय स्टाफ न होने से विद्यार्थियों को उच्च
शिक्षा की पढ़ाई प्राध्यापकों की कमी से करने में जूझना पड़ रहा है। अनूपपुर में
17 में से कुल 5 नियमित प्राध्यापक पदस्थ हैं जिसमें से एक प्रभारी प्राचार्य और
दो प्राध्यापक को नवीन दो अलग-अलग महाविद्यालय का प्रभार दिया गया है। इसी तरह
यहां कार्यालय का कार्य देखने के लिए मुख्य लिपिक का पद भी रिक्त है। शासकीय तुलसी
महाविद्यालय में 1800 विद्यार्थी हैं पर छात्र संख्या के अनुपात में प्राध्यापक
नहीं हैं। पांच प्राध्यापक वर्तमान में यहां हैं। अतिथि के ऊपर छात्रों को निर्भर
कर दिया जाता है।
इन विषयों में है दिक्कत
अग्रणी महाविद्यालय अनूपपुर में कला, वाणिज्य और विज्ञान समूह के पाठ्यक्रम ही
संचालित हैं। यूजी यानि स्नातक एवं पीजी में भूगोल जैसा विषय यहां नहीं हैं। पीजी
के कई कोर्स अब तक शुरू नहीं हो सके हैं। साईंस में कोई भी विषय यहां पीजी में
लागू नहीं हो सका है। समाजशास्त्र हिन्दी, इतिहास, राजनीति शास्त्र, अर्थशास्त्र तथा कामर्स पीजी में चल रहे हैं।
17 पद प्रोफेसर के हैं जिसमें से 5 ही पदस्थ हैं। जानकारी अनुसार कला में 9 पद
स्वीकृत हैं जिसमें से 3 ही कार्यरत हैं। वाणिज्य में 3 के विरूद्घ एक प्रोफेसर
हैं। यही हाल विज्ञान का है जहां स्वीकृत पांच पद में से एक ही पदस्थ हैं। वाणिज्य
में जो प्रोफेसर हैं वे अग्रणी कालेज के प्रभारी प्राचार्य का दायित्व संभाल रहे
हैं। कला के एक प्रोफेसर जेके संत राजनगर कालेज एवं दूसरे प्रोफेसर आर.के.वाटे
वेंकटनगर कालेज में प्रभारी नियुक्त किए गए हैं। इस तरह से अब एक कला के और एक
विज्ञान के शिक्षक ही नियमित रह गए हैं।
कार्यालयीन स्टाफ भी नहीं हैं
जिले में अनूपपुर के साथ-साथ कोतमा, राजेन्द्रग्राम, जैतहरी, बिजुरी में कालेज है ही, अब जैतहरी जनपद के ग्राम वेंकटनगर और कोतमा
जनपद में राजनगर में भी कालेज इस सत्र से प्रारंभ कर दिया गया है, लेकिन आवश्यकतानुसार स्टाफ नहीं मिले हैं।
अग्रणी कालेज में मुख्य लिपिक एवं सहायक ग्रेड 2 का पद रिक्त है। सहायक ग्रेड 3
में 2 तथा प्रयोगशाला तकनीशियन के पद पर 4 लोग हैं। जो कि प्रेक्टीकल के साथ
विभागीय कार्य को देखते हैं।
इनका कहना है
अग्रणी कालेज सहित जिले के अन्य कालेज में प्रोफेसर के पद कम हैं। अन्य स्टाफ
भी घट गए हैं। कर्मचारी कई रिटायर्ट हो चुके हैं। पदो की पूर्ति के लिए पत्राचार
किए जा चुके हैं जो संसाधन हैं उनसे कार्य लिया जा रहा है। शीघ्र ही अतिथि विद्वान
हर कालेज में उपलब्ध होंगे जिससे व्यवस्थाएं प्रभावित नहीं होंगी
एस सी जैन प्रभारी प्राचार्य तुलसी महाविद्यालय अनूपपुर।
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