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बुधवार, 4 जुलाई 2018

इगांराजवि और पीएचडी चैंबर के मध्य एमओयू,शोध और संयुक्त परियोजनाओं को मिलेगा बढावा

विश्वविद्यालय के छात्रों को नौकरी और इंटर्नशिप के लिए मिलेगा मौका
अनूपपुर उद्योगों के साथ संयुक्त शोध की दिशा में सहयोग को बढाने के उद्देश्य से इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय अमरकटंक और पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ने नई दिल्ली में एमओयू पर हस्ताक्षर किए हैं। एमओयू के बाद विश्वविद्यालय में चल रहे शोध को नई दिशा मिल सकेगी। इसमें इंडस्ट्री में कार्य कर रहे विशेषज्ञों को विश्वविद्यालय में अपना अध्ययन जारी रखने का प्रावधान किया गया है वहीं छात्रों को इंडस्ट्री में इंटर्नशिप और नौकरी पाने के और अधिक अवसर मिलेंगे।
कुलपति प्रो.टी.वी.कटटीमनी और चैंबर के अध्यक्ष अनिल खेतान ने प्रमुख उद्योगपतियों और शिक्षाविदों की उपस्थिति में एमओयू पर हस्ताक्षर किए। एमओयू के अंतर्गत उद्योगों की आवश्यकता के अनुरूप शोध को प्रोत्साहित करने, इंडस्ट्री में कार्यरत कर्मचारियों को उच्च शिक्षा और तकनीकी ज्ञान की विशेष सुविधा प्रदान करने और शिक्षकों को इंडस्ट्री के साथ कार्य करने का अवसर प्रदान करने का प्रावधान किया गया है। एमओयू के अंतर्गत विश्वविद्यालय के छात्रों को प्रमुख उद्योगों के साथ इंटर्नशिप का विशेष अवसर भी मिल सकेगा।
एमओयू के अनुसार अब चैंबर से जुड़े विभिन्न औद्योगिक समूह शोध परियोजनाओं,उद्योगों से जुड़े विशेषज्ञ विश्वविद्यालय की लैब को शोध के लिए प्रयोग कर सकेंगे साथ ही विशेष रूप से तैयार किए गए डेटाबेस को भविष्य की शोध परियोजनाओं के लिए संयुक्त रूप से प्रयोग किया जा सकेगा। प्रो.कटटीमनी ने बताया कि एमओयू के बाद विश्वविद्यालय में इंडस्ट्रीयल चेयर स्थापित की जाएगी और लघु अवधि के कोर्स शुरू किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि पांच सदस्यीय संयुक्त कमेटी इस एमओयू को कार्यान्वित करेगी जिसमें तीन सदस्य विश्वविद्यालय के और दो सदस्य चैंबर के होंगे।

1905 में स्थापित पीएचडी चैंबर से देश के 250 से अधिक उद्यमी जुडे हुए हैं जो विशेष रूप से 67 क्षेत्रों में कार्यरत हैं। इस एमओयू के बाद जनजातीय छात्रों को उच्च शिक्षा प्रदान करने के लिए स्थापित आईजीएनटीयू और चैंबर संयुक्त रूप से मिलकर जनजातीय छात्रों को उद्योगन्मुखी शिक्षा प्रदान करने में महत्वपूर्ण योगदान दे सके। एमओयू पर हस्ताक्षर के अवसर पर चैंबर की ओर से अरूण बजाज, कचन जुत्शी, मिथिलेश कुमार, डॉ. श्रुति नदा, विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक प्रो. बसवराज पी. डूनर और प्रो. एन.एस.एच.एन मूर्ति उपस्थित थे।

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