खरी-खरी
राजेश शुक्ला
सावन के महीने महाकाल जनता का हालचाल जानने व दर्शन देने के लिए निकल कर आते है।ऐसा ही कुछ प्रदेश के मुखिया नाम के शिव जनता से आशीर्वाद लेने प्रदेश का दौरा कर रहे है, प्रशासन सफल बनाने के लिए जी तोड़ मेहनत कर रहे है।यह भी परखा जा रहा है कि मुखिया की अबतक हुई घोषणा कितनी पूर्ण हुई।अभी तक के आंकड़ो के अनुसार 90% पूर्ण होना बताया गया है फिर चाहे मुख्यमंत्री के उडन खटोला से उतरकर अभी बन रही सड़क से सभा स्थल जाना हो।या ऐसा कहे कि आने की सूचना के बाद तीन दिन मे सड़क बनी हो। किन्तु उन घोषणाओ का कोई जिक्र नही जो जनता से सीधे संबंध रखता है।
शिव की सवारी बुधवार को अनूपपुर जिले मे पहुच रही सूत्रो के अनुसार शिव अनूपपुर जिले मे पहुंच कर पहले माँ नर्मदा के दर्शन को जायेगे इसके बाद शुरू होगी वोट आर्शीवाद यात्रा 4 बार सरकार बनाने की कवायद जनता से मिल अपनी योजनाओ को बता अपने पक्ष मे करने का प्रयास करेगे। शिव ने जिले के लिये पहले कई घोषणाये कर चुके है जो अब तक पूरी नही हो सकी जिसका हिसाब देना होगा इसके साथ ही नई समस्याओ के लिए भी करना पडेगा। पहले की घोषणा में सबसे बड़ा फ्लाईओवर का होगा जो अब तक अधूरा पड़ा है इसके लिए शिव के गण ने अनशन भी करने का प्रपंच किया किन्तु अफसोस की पूरा नही करा सके बल्कि अतिउत्साह मे सत्ता और संगठन से दूरिया जरूर बढ़ गई।
इसके साथ जिला मुख्यालय मे अपनी जमीन की लडाई लड रहे भूमि अधिग्रहण के बदले भूमि को लेकर उनकी समस्याओ का समाधान अबतक नही हो सका जिला चिकित्सालय के लिए भूमि अधिग्रहण किया गया जिसके बदले प्रभावितो को भूमि देने की बात तत्कालीन कलेक्टर ने कही जिस पर अबतक कोई निर्माण नही हो सका और न जनता को चिकित्सालय का लाभ मिल सका।शिक्षा के क्षेत्र मे भी राजनीति शून्यता के कारण लोगो अच्छी शिक्षा नही मिल रही। अनूपपुर को जिला बने 14 वर्ष होने को है पर एक अदद केन्द्रीय विद्यालय के लिए हम मोहताज है मुख्यालय मे अबतक कोई भी केन्द्रीय विद्यालय न होने से यहा पर अधिकारी आना नही चाहता। इसके लिए प्रशासनिक प्रयास पत्रकारो के कारण हुआ राजनीतिक शून्यता के कारण मामला ठंडे बस्ते मे है।शिक्षा और स्वास्थ्य के मे राजनीति अडंगे भी कारण है।इसके अलावा आज की सबसे बड़ी समस्या बाईपास की है आज नगर के मध्य से भारी वाहन निकल रहे है किन्तु तथाकथित जनप्रतिनिधियो ने अबतक इस ओर नही झांका की यह भी एक आमजन को है इसके लिए कभी अनशन नही हुआ प्रर्दशन नही हुआ और न किसी राजनीतिक ने ज्ञापन सौंपा। नगर के लोगो के लिए आज सबसे बडा मुद्दा बाईपास या रिंगरोड जो शहर के भीतर आने वाले भारी वाहन बहर निकल जाये।छत्तीसगढ को जोडने वाली यह सड़क शहर के बीचोंबीच निकलती जिससे हमेशा दुर्घटना का अंदेशा बना रहता है।
जिले मे न्याय व्यवस्था के लिए भी कई बार अश्वासन मिलता रहा किन्तु ढाक के तीन पांत ही रहा आजतक न्यायालय के लिए भूमि का चयन नही हो सका कि कहा हमारी न्याय व्यवस्था होगी कभी यह कहा जाता है कि जहाॅ है वही आसपास ही व्यवस्थित करे तो कभी अन्यत्र बनाने की बात कही जाती है।इससे राजनीतिक अदूरदर्शि दिखाई देती है। आज का जनप्रतिनिधि काम मे रोडे अटकाने का कार्य करते है कि हमारे लोगो को ठेका नही मिला तो उस कार्य को किसी न किसी कारण रोक लगा दो फिर चाहे जिले का विकास हो या न हो। जब विकास की सोच रखने वाला जनप्रतिनिधि नही होगा तब तक विकास की सोच रखना बेमानी होगी।
राजेश शुक्ला
सावन के महीने महाकाल जनता का हालचाल जानने व दर्शन देने के लिए निकल कर आते है।ऐसा ही कुछ प्रदेश के मुखिया नाम के शिव जनता से आशीर्वाद लेने प्रदेश का दौरा कर रहे है, प्रशासन सफल बनाने के लिए जी तोड़ मेहनत कर रहे है।यह भी परखा जा रहा है कि मुखिया की अबतक हुई घोषणा कितनी पूर्ण हुई।अभी तक के आंकड़ो के अनुसार 90% पूर्ण होना बताया गया है फिर चाहे मुख्यमंत्री के उडन खटोला से उतरकर अभी बन रही सड़क से सभा स्थल जाना हो।या ऐसा कहे कि आने की सूचना के बाद तीन दिन मे सड़क बनी हो। किन्तु उन घोषणाओ का कोई जिक्र नही जो जनता से सीधे संबंध रखता है।
शिव की सवारी बुधवार को अनूपपुर जिले मे पहुच रही सूत्रो के अनुसार शिव अनूपपुर जिले मे पहुंच कर पहले माँ नर्मदा के दर्शन को जायेगे इसके बाद शुरू होगी वोट आर्शीवाद यात्रा 4 बार सरकार बनाने की कवायद जनता से मिल अपनी योजनाओ को बता अपने पक्ष मे करने का प्रयास करेगे। शिव ने जिले के लिये पहले कई घोषणाये कर चुके है जो अब तक पूरी नही हो सकी जिसका हिसाब देना होगा इसके साथ ही नई समस्याओ के लिए भी करना पडेगा। पहले की घोषणा में सबसे बड़ा फ्लाईओवर का होगा जो अब तक अधूरा पड़ा है इसके लिए शिव के गण ने अनशन भी करने का प्रपंच किया किन्तु अफसोस की पूरा नही करा सके बल्कि अतिउत्साह मे सत्ता और संगठन से दूरिया जरूर बढ़ गई।
इसके साथ जिला मुख्यालय मे अपनी जमीन की लडाई लड रहे भूमि अधिग्रहण के बदले भूमि को लेकर उनकी समस्याओ का समाधान अबतक नही हो सका जिला चिकित्सालय के लिए भूमि अधिग्रहण किया गया जिसके बदले प्रभावितो को भूमि देने की बात तत्कालीन कलेक्टर ने कही जिस पर अबतक कोई निर्माण नही हो सका और न जनता को चिकित्सालय का लाभ मिल सका।शिक्षा के क्षेत्र मे भी राजनीति शून्यता के कारण लोगो अच्छी शिक्षा नही मिल रही। अनूपपुर को जिला बने 14 वर्ष होने को है पर एक अदद केन्द्रीय विद्यालय के लिए हम मोहताज है मुख्यालय मे अबतक कोई भी केन्द्रीय विद्यालय न होने से यहा पर अधिकारी आना नही चाहता। इसके लिए प्रशासनिक प्रयास पत्रकारो के कारण हुआ राजनीतिक शून्यता के कारण मामला ठंडे बस्ते मे है।शिक्षा और स्वास्थ्य के मे राजनीति अडंगे भी कारण है।इसके अलावा आज की सबसे बड़ी समस्या बाईपास की है आज नगर के मध्य से भारी वाहन निकल रहे है किन्तु तथाकथित जनप्रतिनिधियो ने अबतक इस ओर नही झांका की यह भी एक आमजन को है इसके लिए कभी अनशन नही हुआ प्रर्दशन नही हुआ और न किसी राजनीतिक ने ज्ञापन सौंपा। नगर के लोगो के लिए आज सबसे बडा मुद्दा बाईपास या रिंगरोड जो शहर के भीतर आने वाले भारी वाहन बहर निकल जाये।छत्तीसगढ को जोडने वाली यह सड़क शहर के बीचोंबीच निकलती जिससे हमेशा दुर्घटना का अंदेशा बना रहता है।
जिले मे न्याय व्यवस्था के लिए भी कई बार अश्वासन मिलता रहा किन्तु ढाक के तीन पांत ही रहा आजतक न्यायालय के लिए भूमि का चयन नही हो सका कि कहा हमारी न्याय व्यवस्था होगी कभी यह कहा जाता है कि जहाॅ है वही आसपास ही व्यवस्थित करे तो कभी अन्यत्र बनाने की बात कही जाती है।इससे राजनीतिक अदूरदर्शि दिखाई देती है। आज का जनप्रतिनिधि काम मे रोडे अटकाने का कार्य करते है कि हमारे लोगो को ठेका नही मिला तो उस कार्य को किसी न किसी कारण रोक लगा दो फिर चाहे जिले का विकास हो या न हो। जब विकास की सोच रखने वाला जनप्रतिनिधि नही होगा तब तक विकास की सोच रखना बेमानी होगी।
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