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शुक्रवार, 20 जुलाई 2018

राहुल की आंखमार अदा कांग्रेस पर पड सकती है भारी
मनोज द्विवेदी, अनूपपुर

२०१९ के आम चुनाव से ठीक पूर्व तेलगू देशम पार्टी द्वारा लाये गये अविश्वास प्रस्ताव का भले ही कांग्रेस ने समर्थन किया हो,सदन में वह इसे लेकर जरा भी गंभीर नहीं दिखी। अविश्वास पर भले ही विपक्ष ने विश्वास जताया हो, कांग्रेस ,तेलगू देशम पार्टी का आचरण ऐसा लगा नही कि उन्हे अपनी ही बातों पर भरोसा है। यही कारण है कि जब १२ घंटे की भाषणबाजी के बाद जब मतविभाजन की नौबत आई तो एनडीए के ३२५ के विरुद्ध विपक्ष महज १२६ पर ढेर हो गयी।
*** २० जुलाई को संसद में अविश्वास प्रस्ताव के मतदान से पूर्व विभिन्न दलों के लोगों ने अपने विचार रखे। लोकतंत्र में  अविश्वास वस्तुतः सत्ता पक्ष के विरुद्ध विपक्ष का सबसे कारगर हथियार माना गया है। जो विभिन्न अवसरों पर अलग अलग सरकारों के विरुद्ध बहुत बार लाया गया। २०१८ मे विपक्ष ( वस्तुतः तेलगू देशम पार्टी ) द्वारा लाये गये अविश्वास प्रस्ताव का उद्देश्य व हश्र सभी को पता था। पूर्ण बहुमत प्राप्त एनडीए सरकार को इससे कोई खतरा नहीं था। शिवसेना व बीजद के बायकाट ने अविश्वास को ऒर भी अविश्वसनीय बना दिया। देश भर में अपनी आवाज पहुंचाने, जनता का ध्यानाकर्षण करने के लिये विपक्ष को संसद सबसे उपयुक्त स्थान लगा। जहां जवाब प्रस्तुत करने के लिये प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के अलावा यदि किसी ने सुर्खियां बटोरी तो वह राहुल गांधी हैं। राहुल गांधी ने अपने भाषण मे जम कर मोदी पर हमला किया। यह आश्चर्यजनक था कि राहुल के निशाने पर एनडीए या भाजपा न हो कर मोदी थे।
*** प्रधानमंत्री श्री मोदी जब जवाब देने उतरे तो उन्होंने भी बिना किसी का नाम लिये जमकर बखिया उधेडी। सर्जिकल स्ट्राईक,सेना,डोकलाम, राफेल ,जीएसटी ,एनपीए जैसे मुद्दों पर उन्होंने राहुल गांधी को जमकर धोया। उन्होंने कहा कि देश की सुरक्षा से जुडे मामलों पर बचकानी हरकत बन्द होनी चाहिए ।
*** राहुल गांधी ने भाषण के बाद प्रधानमंत्री मोदी को जिस तरह की कूटनीतिक झप्पी दी,उससे स्वत: श्री मोदी व समूचा देश हतप्रभ रह गया होगा। यद्यपि लोकसभा स्पीकर ने इसे सदन की गरिमा के विपरीत बतलाया है। इसकी चर्चा राजनैतिक- सामाजिक हल्कों में लम्बे समय तक होती रहेगी। राहुल के भाषण ,उनकी आक्रामक शैली व मोदी झप्पी को उनके समर्थकों ने काफी पसंद भी किया।
*** बहरहाल इसके बाद घटी एक घटना या ऐसा कहें कि बाद मे सोशल मीडिया सहित सभी समाचार चैनलों में हो रही घटना की चीरफाड से कांग्रेस को सीधे नुकसान की आशंका है।
चैनलों व सोशल मीडिया मे वायरल राहुल गांधी की आंख मारने वाले वीडियो ने हालिया समय मे किसी राजनेता को उसके राजनैतिक क्रत्य से इतर की गयी हरकत के लिये सर्वाधिक सुर्खियां प्रदान की है। इसके अनुसार भाषण -- झप्पी के बाद अपनी सीट पर बैठे राहुल गांधी किसी को आंख मार कर मुस्कुराते दिख रहे हैं। यह आंखमार अदा प्रियंका प्रकाश की ऐसी ही किसी हरकत से तुलनात्मक जोड कर देखी जा रही है। कुछ के लिये यह मासूमियत का तो अन्य के लिए कुटिलता ( ?) का पर्याय हो सकता है। राहुल के आंख दबाऊ घटना के वीडियो ने सचमुच भूकंप लाया या नहीं ,यह तो पता नहीं । लेकिन राजनीति की समझ रखने वालों का मानना है कि यह हरकत राष्ट्रीय कांग्रेस को भारी पडने वाली है।
***  ए ओ ह्यूम की अखिल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस मे इससे पहले किस राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कब,कहां ऐसी हरकत की या नहीं ,यह तो पता नहीं । इलेक्ट्रॉनिक युग मे राहुल गांधी इस हरकत के लिये अवश्य जाने जाएगें। जब  देश की सर्वोच्च संस्था संसद मे विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव पर गंभीर चर्चा हो रही हो,राहुल की यह हरकत कांग्रेस की गंभीरता पर सवालिया निशान लगाती है। यह वही कांग्रेस है जिससे राष्ट्र पिता महात्मा गांधी, सरदार वल्लभ भाई पटेल, सुभाषचन्द्र बोस, जवाहरलाल नेहरु,लालबहादुर शास्त्री, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी जैसे नेता जुडे हुए थे। लगता ही नहीं कि ये वही कांग्रेस है। निश्चित रुप से इस घटना के बाद राहुल गांधी की परिपक्वता पर भी सवाल उठेगें। ४४ पर पहुंची कांग्रेस जब गुजरात ,कर्नाटक में थोडा बेहतर करती दिखी  व आगामी तीन राज्यों म प्र, छग,राजस्थान के माध्यम से २०१९ फतह करने के सपने देख रही है,उसके नेता की अभिनेत्री प्रिया प्रकाश टाईप हरकत भारी पड सकती है।

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