https://halchalanuppur.blogspot.com

बुधवार, 25 जुलाई 2018

पेपरलेस होगा जिला चिकित्सालय,मरीजों का रिकार्ड होगा ऑनलाईन



प्रायलट प्रोजेक्ट के रूप माह के अंत में आरम्भ होंगा ऑनलाईन,सफलता के बाद अन्य सेंटरों से जुड़ेगा ई-चिकित्सालय सेवाएं
अनूपपुर। इंटरनेशनल क्वालिटी सर्टिफाईड स्टैंडर्ड के मानकों के तहत अब जिला चिकित्सालय में मैन्युअल प्रणाली के तहत संचालित सभी कार्य व्यवस्थाएं ऑनलाईन शुरू की जाएगी। इस व्यवस्था के तहत अनूपपुर जिला चिकित्सालय भी जुलाई माह के अंत तक ई-हॉस्पिटल की व्यवस्था से जुड़ जाएगा। जिसके लिए वर्कऑडर जारी किए जा चुके हैं। ई-हॉस्पिटल प्रणाली में चिकित्सालय का सारा रिकार्ड ऑनलाईन हो जाएगा। यानि जिला अस्पताल पेपरलेस आधारित बन जाएगी। इसमें डॉक्टरों के टेबल पर अब पर्ची की जगह कम्प्यूटर में दवा व मरिजो की ऑनलाईन जानकारी होगी। जिसमें डॉक्टरों को रोगियों के उपचार करने में सुविधा तो होगी ही वहीं मरीजों को कम समय में उचित इलाज मिल सकेगा। हालांकि शुरूआती चरण में मरीजों के एक्सरे की रिपोर्ट से शुरूआत की जाएगी। इसमें रेडियोग्राफर एक्सरे रिपोर्ट की फोटो टैबलेट से खींचकर डॉक्टरों के वाट्सएप पर भेजगा, जहां ओपीडी में बैठे डॉक्टर उसे देखकर जांच व उपचार कर सकेंगे। इसके बाद ओपीडी में पर्ची काटने से लेकर दवाईयों की बिलिंग व मरीजों को डिस्चार्ज करने की प्रक्रिया भी ऑनलाईन होगी। सभी रिकार्ड कम्प्यूटर में ऑनलाईन अपलोड रहेंगे। यहां तक पैथोलॉजी और रेडियोलॉजी जांच को भी ऑनलाईन किया जाएगा। जिला सूचना विज्ञान केन्द्र अधिकारी (एनआईसी) सुभाष ठाकरे के अनुसार जिला चिकित्सालय में इस प्रोजेक्ट के आरम्भ करने के उपरांत रोगियों के नाम एवं विभिन्न जानकारियां को ऑनलाईन कम्प्यूटर में दर्ज किया जाएगा। जानकारी दर्ज होने के बाद रोगी की एक यूनिक आईडी तैयार हो जाएगी। यह यूनिक आईडी रोगी पंजीयन पर्ची पर दर्ज होगी, जिसमें रोगी किस वार्ड के किस बेड नम्बर पर भर्ती हुआ है और क्या क्या जांच कराई गई है कौन से बीमारी पाई गई है, किस डॉक्टर द्वारा किस बीमारी का क्या उपचार दिया गया है के अलावा सम्बंधित मरीज की समस्त जानकारियां उपलब्ध रहेगी। पंजीकृत होने पर कभी भी कहीं भी उपचार के लिए जाने पर मरीज को अपनी आईडी की जानकारी देने पर उसका पूर्ण विवरण अन्य डॉक्टर के कम्प्यूटर पर नजर आ जाएगा। सीएमएचओ डॉ.आर.पी. श्रीवास्तव के अनुसार इससे पूर्व भी इस प्रोजेक्ट को लागू करने की रणनीति बनाई गई थी। बाद में प्रोजेक्टर अटक गया था। लेकिन अब फिर से प्रदेश के सभी जिला चिकित्सालयें में इस ई-हॉस्पिटल प्रणाली को स्थापित करने की योजना आरम्भ की गई है।
ऑनलाईन सेवाओं के माध्यम से अब मरीजों को दवाईयां, रेबीज के इंजेक्शन की उपलब्धता कम्प्यूटर में बेवसाइट पर क्लिक करते ही दिख जाएगा। यदि मरीज घर में बैठे है तो वे अस्पताल में उपयोग की दवाईयां है या नहीं की भी जानकारी ले सकेंगे। दवाईयों की ऑनलाईन जानकारी रहेगी। स्टॉक मेनटेंन करने में आसानी होगी, ऑनलाईन के बाद अस्पताल के कर्मचारी मरीजों से सम्बंधित जानकारी या रिकार्ड नहीं होने के बहाने नहीं बना सकेंगे। यहां तक दवाईयां नहीं है की लगत जानकारी भी नहीं दे सकेंगे। जबकि अटेंडेंस और स्टॉक की ऑनलाईन की भी जानकारी मिल पाएगी।
ई-हॉस्पिटल व्यवस्था में मरीजों को बहुत सारे फायदे नजर आएंगे। इसमें एक ही स्थान पर मरीजों की जांच व भुगतान की सुविधा होगी, समय की बचत के साथ जिला अस्पताल में एक डॉक्टर से लेकर दूसरे डॉक्टर के पास उपचार के लिए भटकना नहीं होगा,  साथ ही मोबाईल में पंजीयन नम्बर सुरक्षित रखकर मरीज कोई भी पंजीकृत अस्पताल में उपचार करा सकेंगे। इसके अलावा जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र रिकार्ड को भी ऑनलाईन किया जाएगा। जिससे लोगों को उनके सगे सम्बधितों के जन्म व मृत्यु प्रमाण पत्र की जानकारी मिल सकेगी।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

एक साथ उठी तीनो युवको की अर्थी, मोहल्ले में पसरा मातम

रात में खड़े ट्रक में जा घुसे तीन बाइक सवार युवक, तीनों की मौत  अनूपपुर। जिला मुख्यावलय में बुधवार देर रात सड़क किनारे खड़े ट्रक एक बाईक पर ती...