ईंधन के अभाव में वाहनो
के पहिए थमे
अनूपपुर।
जिला चिकित्सालय में दो जननी एक्सप्रेस हैं जिसमें से एक पिछले डेढ़ माह से बिगडऩे
के कारण बंद है, एक जो चल रही है वह भी ईंधन के अभाव में पिछले 3 दिनों से नहीं चल
रही। जननी एक्सप्रेस वाहन गुरुवार से हितग्राहियों को अस्पताल से घर तथा घर से अस्पताल
नहीं पहुंचा रहे, जिससे प्रसूताधारी महिलाओं को वाहन की समस्या उठानी पड़ रही है। शासन
ने गर्भवती महिलाओं की सुविधा के लिए जननी एक्सप्रेस का संचालन किया हुआ है। यह कार्य
जिगित्सा हेल्थ कंपनी को मिला हुआ है। बताया गया दो दिनों से ईंधन के अभाव में वाहनो
के पहिए थमे हुए हैं।
शनिवार को बच्चे के जन्म
के बाद दो प्रसूता महिला को अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद घर जाना था। सुबह करीब 11 बजे हितग्राही की आशा कार्यकर्ता ने
कॉल सेंटर में फोन किया, लेकिन घंटों रूकने के बाद भी वाहन की सुविधा नहीं मिली। तब
निजी वाहन कर हितग्राही को घर जाना पड़ा। अगरियानार गांव की हितग्राही अर्चना नामदेव
को छुट्टी कराकर आशा कार्यकर्ता सेमवती सिंह जब चालक से बात की तो बताया गया वाहन में
ईंधन नहीं है। इसी तरह धिरौल गांव की हितग्राही सिलोचना सिंह को भी वाहन नहीं मिला।
बताया गया कंपनी ने ईंधन के लिए वेंडर नियुक्त किए हैं जो वाहनो में पेट्रोल व डीजल
की व्यवस्था कराते हैं। शुक्रवार से वेंडर ईंधन वाहनों में नहीं भरवा पा रहे। जिगित्सा
हेल्थ कंपनी ने पेटी कांट्रेक्ट में रीवा के एक व्यक्ति को फयूल भराने का ठेका दिया
हुआ है। अनूपपुर में एक ओमनी कार जननी एक्सप्रेस वाहन के तौर पर दौड़ाई जा रही है।
जिला अस्पताल में हर रोज 8 से 10 महिलाओं की डिलेवरी हो रही है। ग्रामीण अंचल से महिलाएं
जिला अस्पताल प्रसव हेतु लाई जाती हैं।
शासन ने ऐसी महिलाओं को
अस्पताल लाने और घर छोडऩे परिवहन सेवा के लिए जननी एक्सप्रेस का संचालन किया हुआ है,
लेकिन आदिवासी बाहुल्य अनूपपुर जिले में शासन-प्रशासन की उदासीनता और लापरवाही के चलते
प्रसूताओं को जननी एक्सप्रेस वाहन का लाभ नहीं मिल पा रहा है। एक वाहन होने की वजह
से चालक को हर रोज 10 हितग्राहियों को छोडऩे के साथ ही काल सेंटर से आए सूचना पर हितग्राही
को लेने जाने में समस्या आ रही है। कई बार एक से अधिक केस आ जाते हैं उस दशा में वाहन
कहीं दूसरी जगह होता। बताया गया अस्पताल में जचकी कराने आए महिलाओं को वाहन सुविधा
नहीं मिल पा रही है। हितग्राही के परिजन वाहन न मिलने पर खुद खर्च वहन कर आना-जाना
कर रहे हैं। जबकि जिला अस्पताल में 3 जननी एक्सप्रेस वाहन होने चाहिए। इस बात की जानकारी
चिकित्सा विभाग के अधिकारियों एवं विधायक सहित अन्य प्रतिनिधियों को है लेकिन वे कोई
ध्यान नहीं दे रहे।
इनका कहना है
वेंडर को जिम्मेदारी दी
गई है कि वे जननी एक्सप्रेस के संचालन को बिना किसी अवरोध के जारी रखें। यदि संबंधित
वेंडर के कारण वाहन नहीं चल रहा तो शिकायत सही होने पर हटाने की कार्यवाही की जाएगी
नरेश मालवीय प्रभारी जिगित्सा
हेल्थकेयर कंपनी अनूपपुर
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