अनूपपुर। मानसूनी बरिश पर निर्भर किसान काले
बादलों को देख कर खुश हो रहे है कि वर्षा
होगी खेतो में हल चले वर्षा तो 2-3 दिनो से थोड़ी-थोड़ी रोज हो रही है किन्तु
अभी इतनी नही कि किसान खेतो में हल चला सके। किसानों के माथे पर पसीनों की बूंदे
झलक रही है। 25 जून से आरम्भ हुई मानसून सीजन के बाद भी जिले में बारिश की मात्रा पिछले
मानसून की मात्रा से इतनी अधिक नहीं हो सकी है कि किसान अपने खेतों की तैयारी कर
खरीफ फसल की बुवाई कर सके। अबतक हुई मानसूनी रिमझिम में मानक सामान्य औसत वर्षा 248.1 मिमी हुई है।
जबकि वर्ष 2017 के दौरान 1 जून से 6 जुलाई तक औसत 184.6 मिमी वर्षा का रिकार्ड किया। इस बीच कुल वर्षा 1492.5 मिमी दर्ज की
गई।
वर्षा की देरी से पिछड़े किसान
वही वर्ष 2018 में 1 जून से 6 जुलाई तक औसत 155 मिमी वर्षा का आंकड़ा दर्ज किय गया है। यानि 29.6 मिमी वर्षा कम। जबकि मौसम विभाग के आंकड़ों
में इस वर्ष 97 फीसदी मानसून की बारिश की सम्भावनाएं जताई गई है। बावजूद मानसून के आंकड़े
अबतक रूठे नजर आ रहे हैं। जिसमें मानसून की होने वाली बौछार की जगह गिर रही रिमझिम
की फुहार में धरती की प्यास नहीं बुझ रही है। यहीं कारण है कि मानूसनी बारिश के
अभाव में जिले के चार विकासखंडों में तीन विकासखंडों में खरीफ की बुवाई नहीं आरम्भ
हो सकी है। वहीं जिले के लिए निर्धारित 1 लाख 79 हजार हेक्टेयर के खरीफ के लक्ष्य में मात्र 15-20 फीसदी बुवाई का
अनुमान आंका गया है। आंकड़ों को देखा जाए तो वर्ष 2017 के दौरान हुई कम बारिश के आंकड़े में
वर्तमान मानसून पिछड़ता जा रहा है। अगर मानसून के यही हालत रहे तो इस वर्ष भी खरीफ
की पैदावार प्रभावित होगी। जबकि विलम्ब से आए मानसून के कारण किसान पहले से ही
बुवाई में पिछड़ गए हैं। कृषि विभाग का मानना है कि अगर मानसून की मात्रा कम होगी
तो पुष्पराजगढ़ को छोड़कर अन्य तीन विकासखंड अनूपपुर, कोतमा तथा जैतहरी खरीफ के उत्पादन में
प्रभावित होगा। जबकि इस वर्ष मानसून की अच्छी बारिश की सम्भावनाओं में कृषि विभाग
ने जिले में 9 हजार हेक्टेयर रकबा और अधिक बढ़ा दिया है। वर्ष 2017 में 1 लाख 70 हजार हेक्टेयर
भूमि खरीफ के लिए लक्षित किया गया था।
पिछले रिकार्ड को छू नही पाई अबतक की वर्षा
भू-अधीक्षक कार्यालय की जानकारी के अनुसार जिले में 1 जून से 6 जुलाई तक वर्षा
के दर्ज आंकड़ों में 155 मिमी औसत वर्षा रिकार्ड किया गया है। जिसमें अनूपपुर में 121.5 मिमी, कोतमा में 144.3 मिमी,जैतहरी में 230.6 मिमी, पुष्पराजगढ़ में 153 मिमी, अमरकंटक में 250.4 मिमी, बिजुरी में 186.9 मिमी, वेंकटनगर में 89.9 मिमी, बेनीबारी में 64 मिमी सहित कुल वर्षा का योग 1240.6 मिमी दर्ज है।
वर्ष 2017 में 1 जून से 6 जुलाई तक अनूपपुर में 82.4 मिमी, कोतमा में 179.5 मिमी, जैतहरी में 216.2 मिमी, पुष्पराजगढ़ में 252 मिमी, अमरकंटक में 290.6 मिमी, बिजुरी में 125.1 मिमी, वेंकटनगर में 147.7 मिमी, बेनीबारी में 179 मिमी सहित कुल वर्षा का योग 1492.5. मिमी दर्ज है।
कहां कितने खरीफ फसल के रकबे
अनाज की फसलो में धान के लिए 1 लाख 20 हजार हेक्टेयर, ज्वार 200 हेक्टेयर, मक्का१४ हजार हेक्टेयर, दलहन फसलो में अरहर 10 हजार हेक्टेयर, मूंग 1 हजार हेक्टेयर, उड़द 4 हजार हेक्टेयर तथा तिलहन की फसलों में
मूंगफली १ हजार हेक्टेयर, तिल 1 हजार 500 हेक्टेयर, सोयाबीन 6 हजार हेक्टेयर, रामतिल 8 हजार 500 हेक्टेयर में बोनी का लक्ष्य रखा गया
है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें