अनूपपुर। जिला मुख्यालय अनूपपुर में अखिल भारतीय
तकनीकि शिक्षा परिषद नई दिल्ली के तहत संचालित पॉलीटेक्निक कॉलेज में अब मैकनिकल
और इलेक्ट्रिकल कोर्स की शिक्षा छात्रों को नहीं उपलब्ध हो पाएगी। इन कोर्सो को
संचालित करने एआईसीटीई के तहत तय किए मानकों के अनुरूप पॉलीटेक्निकल कॉलेज का
निर्माण नहीं हुआ। म.प्र.गृह निर्माण एवं अधोसंरचना विकास मंडल परियोजना सम्भाग
शहडोल द्वारा 7.10 करोड़ की लागत से बनाये गये भवन में निर्माणक एजेंसी ने
लापरवाही बरती प्राक्कलन के अनुरूप वर्कशॉप, सेमीनार हॉल और कैफिट एरिया सहित दक्षिण दिशा
में बनाए गए भवन में क्लास रूमों का निर्माण नहीं कराया गया, जिसे देखते हुए एआईसीटीई ने बिल्डिंग की
खामियों के बाद वर्ष 2018-19 से आरम्भ होने वाले मैकनिकल और इलेक्ट्रिकल कोर्स के
संचालन की अनुमति देने से ही इंकार कर दिया। जिसके कारण अब इन विषयो में शामिल
होने वाले लगभग पांच सैकड़ा शिक्षार्थियों को अनूपपुर से दूर ही शिक्षा ग्रहण करनी
होगी। बताया जाता है कि वर्ष 2018-19 से अनूपपुर में दो नए पाठ्यक्रमों
इलेक्ट्रिकल और मैकेनिकल कोर्स संचालन के लिए अखिल भारतीय तकनीकि शिक्षा परिषद में
आवेदन दिए गए थे। जहां बिल्डिंग के डिजाईन और उपलब्ध व्यवस्थाओं पर एआईसीटीई ने
मनाही कर दी। बताया जाता है कि चंदास नदी पार 4 एकड़ भूमि में शासकीय पॉलीटेक्निक
कॉलेज भवन निर्माण का प्रस्ताव बनाया गया था। जिसमें वर्ष 2013 से आरम्भ हुए निर्माण
कार्य को चार बाद पूरा किया गया। इसमें निर्माण पूर्ण कराने दोबारा रीटेंडर की
प्रक्रिया अपनाई गई। बावजूद निर्माण एजेंसी की अनदेखी में ठेकेदारों ने बिल्डिंग
के नक्शे ही उलट दिए। 7.10 करोड़ की लागत से बनी 34 कमरो वाली पॉलीटेक्निक कॉलेज
बिल्डिंग में प्रस्तावित 200 वर्ग मीटर के 2 वर्कशॉप नहीं बनाए गए, 150 वर्ग मीटर के सेमीनार हॉल नहीं बने, जबकि 150 वर्ग मीटर के ही कैफिट एरिया का
निर्माण नहीं कराया गया। वहीं प्रस्तावित नक्शे के अनुरूप भवन के दक्षिण दिशा की
पूरी विंग में ही किसी क्लास रूम को नहीं बनाया गया। कॉलेज प्राचार्य के अनुसार
नक्शे में जबकि एआईसीटीई के तहत बिल्डिंग के नक्शे बनाए गए थे। लेकिन निर्माण के
दौरान एजेंसी ने नक्शों के उलट ही बिल्डिंग खड़ी कर दी। जिसपर अब आपत्ति जताते हुए
कॉलेज प्रशासन ने उच्च शिक्षण विभाग को पत्र लिखकर जानकारी दी है। हालंाकि मामले
में उच्च शिक्षण विभाग ने अभी चुप्पी साध रखी है। लेकिन इन चुप्पी का खामियाजा अब
छात्रों को उठाना पड़ेगा।
यहां यह भी रही कमी
पॉलीटेक्निक कॉलेज में जरूरतों को देखते हुए शासन ने अब हॉस्टल तथा खेल मैदान
सहित स्टाफों के परिसरों का प्रस्ताव मांगा गया है। जिसमें कॉलेज प्रशास ने 5 एकड़
की मांग करते हुए 50 सीटर गल्र्स हॉस्टल, 100 सीटर ब्याय हॉस्टल तथा स्टफ क्वार्टर को
शामिल कर प्रस्ताव भेज दिया है। इसमें फिलहाल 3 एकड़ जमीन भी प्रशासन द्वारा
स्वीकृत कर दी गई है।
1500 सीटर ऑडिटोरियाम होगा आकर्षण
बताया जाता है कि पॉलीटेक्निक कॉलेज में दोनों विषयो को संचालित कराने के लिए
कॉलेज प्रशासन प्रयास कर रही है। वहीं कॉलेजी कार्यक्रमों के आयोजन के लिए 1500
सीटर ऑडिटोरियम पर कॉलेज प्रशासन ने शासन को प्रस्ताव भेजा है। प्राचार्य के
अनुसार आधुनिक तकनीक पर बनी ऑडिटोरियम आकर्षण का केन्द्र बनेगी।
इनका कहना है
इस वर्ष से दो नए पाठ्यक्रमों का संचालन किया जाना था। लेकिन बिल्डिंग को
मानकों के अनुरूप नहीं पाते हुए एआईसीटीई ने कोर्स संचालन की अनुमति देने से इंकार
कर दिया है। इसकी जानकारी उच्च अधिकारियों को दे दी गई है।
एस.के.पांडेय,प्राचार्य
पॉलीटेक्निक कॉलेज अनूपपुर।
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