रविवार से हो रही बारिश ने
किसानों को धान की रोपाई का अवसर दे दिया है। बारिश से खेतों में ठहरे पानी को
मचाकर नर्सरी में तैयार धान के पौधों को लगाना शुरू कर दिया है। इन दिनों खेतों
में मजदूरों का झुंड रोपाई करने में व्यस्त है। किसान भी वर्षा को देखते हुए जल्द
से जल्द धान वाली खेतों में रोपाई का कार्य पूरा करना चाह रहे हैं ताकि समय से फसल
तैयार हो सके। 30 जुलाई
तक किसानों के पास फसल बुवाई का मौका है। रुकरुक कर तेज बारिश होने से किसानों की
चिंता काफी हद तक कम हो गई। रोपाई के लिए जरूरत का पानी मिल गया है। किसान मौके को
न गंवाकर बुवाई व रोपाई का कार्य पूरा करने में जुटे हैं। जानकारी अनुसार जिले में
1 लाख 79 हजार हेक्टेयर
में खरीफ की बोवनी का लक्ष्य रखा गया है जिसके विरुद्घ 15 जुलाई तक 63 प्रतिशत बोवनी
पूरी कर ली गई। धान, मक्का, सोयाबीन की बुवाई ने अब तेजी से हो रही है।
जिले में चक्रवात का सिस्टम बनने
से पूरे जिले में पिछले तीन दिनों से बारिश हो रही है। सुबह और शाम झमाझम बारिश से
जल स्रोतों में पानी का भराव होने लगा है। जिले की सोन, तिपान, जोहिला, बकान, अलान नदियों
में जल स्तर अब बढ़ गया है। रुक-रुककर तेज बारिश हो रही किंतु अभी भी जमीन में नमी
नहीं आ पाई है जिससे लोगों को उमस का सामना करना पड़ रहा है। तीन दिनों से बादलों
की लुकाछिपी भी बनी हुई है। एक तरफ बारिश से लोगों को वातावरण ठंडा होने से राहत
मिली है तो वहीं बारिश के कारण बन रही सड़कों और कच्चे मार्गों से आवागमन करने
वाले परेशान हो रहे हैं। जिला मुख्यालय से शहडोल, जैतहरी, राजेन्द्रग्राम
अमरकंटक जाने वाले मार्गो में निर्माण कार्य होने से बरसात के कारण सड़क में
मिट्टी की वजह से कीचड़ फैल रहा है और राहगीरों को आने-जाने में असुविधा का सामना
करना पड़ रहा है। कार्य में देरी की वजह से आखिर वही हो रहा जिसका डर था। इन
मार्गों की खुदाई हो जाने से सड़क में हुए गहरे गड्ढों के कारण लोग हिचकोले भरते
हुए चलने को विवश हैं तो वहीं सड़क में वर्षा का पानी ठहरने से सड़क तालाब जैसे हो
गए हैं।
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