वर्मी कंपोस्ट के प्रयोग के बारे
में जागरूक बनाया,
सहायता समूह बनाने के लिए प्रोत्साहन
अनूपपुर। किसानों को पोषण वाटिका (किचन गार्डन) के महत्व के बारे में
जानकारी देने और वर्मी कंपोस्ट से होने वाले फायदों के बारे में बताने के लिए
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय अमरकटंक स्थित कृषि विज्ञान केंद्र
के तत्वावधान में गुरूवार को जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस अवसर पर
किसानों ने स्वसहायता समूह के विभिन्न प्रतिनिधियों के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र
मोदी की वार्ता का सीधा प्रसारण भी देखा।
कृषि वैज्ञानिकों का कहना था कि
वर्मी कंपोस्ट का प्रयोग करके और मृदा का उपचार कर अनूपपुर और गौरेला के किसान
अपनी आय को दोगुना तक कर सकते हैं। इसके लिए आवश्यक मदद कृविकें द्वारा प्रदान की
जाएगी। वैज्ञानिकों ने किसानों से विभिन्न समूह गठित कर अपने उत्पादों की बाजार के
लिए संयुक्त प्रयास करने को कहा जिससे उन्हें अपनी उपज का सही मूल्य प्राप्त हो
सके। वैज्ञानिकों ने बांस की मदद से टोकरी आदि बनाकर कुटीर उद्योग प्रारंभ करने के
बारे में भी महिलाओं को प्रोत्साहित किया। उनका कहना था कि किसानों की आॢथक उन्नति
से ही समाज का उत्थान संभव है। कार्यक्रम के अंत में कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों
की जिज्ञासाओं को शांत किया। कार्यक्रम में डॉ. अनीता ठाकुर, सूर्यकांत
नागरे, संदीप
चौहान, सुनील
कुमार राठौड़,
योगेश कुमार,
अनिल कुर्मी आदि ने सहयोग प्रदान किया।
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