पुलिस ने कहा: हृदयगति रुकने से जिला चिकित्सलय में इलाज के दौरान हुई मौत, हंगामा जारी
अनूपपुर। जिला जेल अनूपपुर में विचाराधीन कैदी की इलाज के दौरान
मौत हो गई। जहां परिजनों ने जिला चिकित्सलय के बाहर जमकर हंगामा करते हुए जेल प्रशासन
पर जहर देकर जान से मारने का आरोप लगाया है। परिवार वालों ने कहा कि मृतक को
जबरदस्ती फर्जी मामले में फंसाकर उसे जेल भेज दिया गया था। वहीं दूसरे पक्ष पर मामला दर्ज करने की मांग कर रहें थें। वहीं अतिरिक्त
पुलिस अधीक्षक ने कहा कि हृदय गति रुकने से जिला चिकित्सलय में इलाज के दौरान कैदी
की मौत हुई है। कैदी की मौत किन परिस्थितियों में हुई यह तो जांच का विषय है। उसकी
मौत के बाद शव के पोस्टमार्डम के लिए टीम भी गठित कर दी गई। जिसमें मजिस्ट्रेट की
उपस्थिति में कैदी का पोस्टमॉर्टम कराया गया। वहीं परिजन जिला चिकित्सलय में शव लेकर
मुआवजा की मांग को लेकर धरने में बैठे गये शाम 7 बजे समाचार लिखे जाने तक परिजनों ने
शव उठाने को तैयार नहीं हुए।
जानकारी के अनुसार कैदी मूलचंद विश्वकर्मा मारपीट के मामले में
धारा 307 के तहत आरोपी लगभग 2 माह से जेल में था। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ने बताया
कि कैदी की रात में अचानक तबीयत खराब होने के बाद उसे आनन फानन में जिला अस्पताल
लाया गया। जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। जिसकी सूचना परिजनों को दी गई, लेकिन मौके पर पहुंचे परिजनों ने हंगामा
शुरू कर दिया। मूलचंद की बेटी काजल विश्वकर्मा ने आरोप लगाया कि जिला जेल में
साजिश के तहत उसके पिता को जहर दी गई थी। बेटी ने आरोप लगाते हुए कहा कि आशीष
राठौर, मायाराम राठौर
के कहने पर जेल के अधिकारियों ने जहर दिया हैं। उन्होंने मांग की है कि जब तक
पुलिस इन पर कार्रवाई नहीं करती, तब तक वह शव को लेकर नहीं जाएंगे। घटना से कहीं ना कहीं जेल
प्रशासन पर भी सवालिया निशान खड़े होते हैं। वहीं परिजन जिला जेल की सीसीटीवी
फुटेज की भी मांग की हैं,पुलिस मामले
की मजिस्ट्रेट जांच करने की बात कहीं हैं।
यह है पूरा मामला
मूलचंद विश्वकर्मा की खेत में ट्रैक्टर ले जाने को लेकर अनसूईया गोंड व उसके परिवार के साथ विवाद चल रहा था। अनसूईया के पति सुरेश गोंड पहले उस जमीन पर खेती का काम करता था। इसके बाद सीमांकन कराने के बाद मूलचंद विश्वकर्मा उस जमीन पर खेती करने लगा। इसी को लेकर सुरेश व मूलचंद में विवाद होने लगा। 25 जुलाई की रात मूलचंद व सुरेश की पत्नी अनसूईया के बीच इसी बात को लेकर विवाद हुआ था। विवाद इतना बढ़ा कि दोनों पक्षों के बीच लड़ाई झगड़ा होने लगा। बांका निकालकर दोनों पक्षों ने एक दूसरे पर हमला किया था। घटना के बाद पूरे मामले पर मूलचंद के परिजनों ने कार्रवाई की मांग की हैं। पुलिस सुबह से परिजनों द्वारा की गई मांगो को पूरा करने का प्रयास किया किन्तु शाम 7 बजे तक परिजन शव ले जाने को राजी नहीं हुए।
वहीं मृतक की पत्नी ने बताया कि कल मै अपने पति से जेल में मुलाकात की थी उस दौरान वह स्वस्थ थे, अचानक रात भर में क्या हो गया कि उनकी मृत्यु हो गई।
जिला जेल पर पहले भी उठे हैं सवाल
जिला जेल में हृदय गति रुकने से कैदी के मौत का यह पांचवा मामला
सामने आया हैं। इससे पहले भी जिला जेल पर कैदी की मौत का मामला सामने आया था। जहां
परिजनों ने जिला जेल प्रबंधन पर गंभीर आरोप लगाए थे। जिला जेल प्रबंधक की ओर से
स्पष्ट जवाब नहीं देने पर हर बार परिजन जेल प्रबंधन पर आरोप लगाते हैं।
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