अमरकंटक। उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र प्रयागराज एवं जिला प्रशासन अनूपपुर के सहयोग से मां नर्मदा उद्गम स्थली/ पवित्र नगरी अमरकंटक में तीन दिवसीय 29 सितंबर से 01 अक्तूबर तक विभिन्न राज्यों की जनजातीय लोक कलाओं की मनमोहक प्रस्तुतियां अमरकंटक के रामघाट में प्रतिदिन सायं 6 बजे होगा। आयोजन में जनजातीय कलाकारों का जमघट होगा। तीन दिवसीय इस महोत्सव में लोक कलाकार अपनी लोक संस्कृति, लोक गायन एवं कला से लोगो को रूबरू कराएंगे।
केंद्र निदेशक प्रो. सुरेश शर्मा ने बताया की जनजातीय समुदाय की
संस्कृति, कला, परंपरा का भारतीय समाज में बहुत बड़ा योगदान
है। महोत्सव में उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ राज्यों के 82 जनजातीय
कलाकार अपनी कला का प्रदर्शन करेंगे। जिसमे झीझी, जौनसारी, भगोरिया, गरासिया, गोडी कर्मा एवं ढढार लोकनृत्य की शैली में
रंगारंग प्रस्तुतियां होंगी। उत्सव का उद्देश्य जनजातीय परंपरा, कला और संस्कृति, संगीत और लोकनृत्य का प्रदर्शन करना है।
"मालवी गायन व पंडवानी गायन होंगे आकर्षण का केंद्र"
विभिन्न राज्यों के जनजातीय लोक कलाओं में मध्य प्रदेश का मालवी
गायन व छत्तीसगढ़ का पंडवानी गायन आकर्षण के केंद्र होंगे। प्रस्तुति मे 29 सितंबर को मलावी एवं 30
सितंबर को पंडवानी गायन जो एक छत्तीसगढ़ी लोकगायन शैली है इसमें महाकाब्य महाभारत
के पांडवो की कथा सुनाई जाती है।
श्रवण उपाध्याय
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