कोयला ले जाते पुलिस जब्त किया ट्रेलर, वाहन मालिक पर नही एफआईआर खडे हुए सवाल
अनूपपुर। कोतवाली थाना क्षेत्र अंतर्गत 4 सितम्बर को सांधा मोड़ हाईवे के पास 40 टन कोयले का अवैध परिवहन करते पुलिस ने ट्रैलर वाहन क्रमांक सीजी 04 एमसी 7295 को जब्त करते हुये पुलिस लाईन ग्राउंड में खड़ा करते हुये वाहन चालक 28 वर्षीय मिलन सिंह पुत्र स्वरूप सिंह एवं 23 वर्षीय देव कुमार सिंह पिता विक्रम सिंह दोनो निवासी रूमगा थाना कोटमी छग के खिलाफ धारा 379, 414, 34, खान एवं खनित अधिनियम 1957 की धारा 4/21 के तहत मामला दर्ज किया गया। वहीं कोतवाली पुलिस ने कार्यवाही में वाहन मालिक होरा के खिलाफ मामला दर्ज नही किया गया, जिस पर कोतवाली निरीक्षक अमर वर्मा पर कई सवाल खड़े हो रहें है। जहां रेत के अवैध परिवहन पर तत्काल वाहन मालिक व चालक के खिलाफ मामला दर्ज करती तो दूसरी ओर कोल माफियाओं का डर इतना है कि खनन की आवाज सुनते ही ट्रेलर मालिक के खिलाफ मामला दर्ज करने में कोतवाली निरीक्षक को पसीना क्यो आ रहा हैं।
ग्राम बटुरा में माफिया चला रहे कोयला खदान
सूत्रों की माने तो शहडोल जिला अंतर्गत ग्राम बटुरा में विजय
यादव के पीछे ही कुछ दूरी पर तीन कोल माफियाओं द्वारा मिलकर अवैध तरीके से निजी
कोयला खदान का संचालन करते हुए दिन रात तीन से चार जेसीबी कोयला का अवैध उत्खनन व
परिवहन कर उसे छत्तीसगढ़ के मारवाही में स्थित कोल डिपों में भेज कर दो नंबर से एक नबंर
कर बेचा रहा है। इतना ही नही अवैध तरीके से बड़े पैमाने पर कोयले का अवैध उत्खन्न
करने के एवज में तीनों कोल माफियाओं को शहडोल, अनूपपुर पुलिस सहित खनिज विभाग द्वारा छूट मिली है। सूत्रों से
मिली जानकारी के अनुसार कोल माफिया बद्री, विजय एवं अशोक द्वारा बटूरा में अवैध कोयला उत्खनन करने के लिये
भोपाल तक अपनी सेंटिंग बना रखी है।
छग में खपा रहा बटूरा का अवैध कोयला
सूत्रों के अनुसार कोल माफिया द्वारा ग्राम बटुरा में जगह-जगह
से कोयला का अवैध उत्खनन तीन बद्री-विजय-अशोक द्वारा की जा रही है। जिसके कारण
आसपास के लोग अब इसे बटूरा खदान के नाम से जान रहे है। जहां से कोयला निकाल कर उसे
मरवाही में स्थित एक डिपों के ठेकेदार नवजोत को बेचा जाता है। तीनों माफियाओं
द्वारा कोयला का अवैध उत्खनन कर उसका भंडारण करने के बाद मरवाही से ट्रके बुलाई
जाती है और उनमें भरकर उसे मरवाही डिपो भेज दिया जाता है। जानकारी के अनुसार
मरवाही जाने वाले रास्ते में पड़ने वाले सभी थानो में इनके द्वारा नजराना देकर अपना
कार्य करते है।
राजधानी तक काले हीरे का खेल
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बद्री-विजय-अशोक तीनों की
जोड़ी ने जहां एक प्राइवेट कोलया खदान खोल रखा है, वहीं शहडोल जिले की खनिज विभाग व पुलिस इस
मामले में अंजान बनी हुई है। इतना ही नही नाम ना बताने के शर्त पर एक अधिकारी ने
बताया कि इन्होने भोपाल तक में लंबी सेटिंग जमा कर रखी है, जिसके कारण संभाग के बड़े-बड़े प्रशासनिक व
पुलिस अधिकारी कार्यवाही करने से गुरेज बरत रहे है। जिसके कारण कोयला का अवैध
कारोबार खुले आम चरम पर है।
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