अनूपपुर। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव की तिथि जैसे-जैसे करीब आ रही हैं वैसे-वैसे पार्टी से उम्मीदे लेकर चुनाव लड़ने वाले संभावित उम्मीदवारों की धड़कनें भी तेज धड़क रही हैं। एक ओर जहां भाजपा ने चुनाव को लेकर महत्वपूर्ण कुछ सीटो पर उम्मीदवारों की सूची जारी कर अपनी चुनावी बिसात बिछा दी हैं वहीं कांग्रेस ने भी पूरे प्रदेश में अपने-अपने ढंग से अभी से ही मतदाताओं को लुभाने के प्रयास में जुट गई हैं। इसके लिए दोनो ही दल भाजपा और कांग्रेस चुनाव आदर्श आचरण संहिता लागू होने से पहले मतदाताओं को अपने पक्ष में करने के लिए नित नये हथकंडे अपना रहें हैं। भाजपा ने जन आशीर्वाद यात्रा निकालकर लोगों के बीच पहुंचकर 18 वर्ष की उपलब्धि के साथ मोदी सरकार की योजनाओं के माध्यम से जनता को बताने का प्रयास कर रही है। वहीं कांग्रेस ने भाजपा के 18 वर्षों की विफलताओं और क्रियाकलापों को लोगो के बीच जन आक्रोश यात्रा निकालकर प्रत्येक विधानसभा के मतदाताओं तक पहुंच कर अपने 15 महिने की सरकार में किये गयें कार्यो को बता रहीं हैं। इसमे मतदाता अभी दोनों ही दलों की बातों समझ और परख रहें है।
अनूपपुर जिले की तीन विधानसभा सीटों में अनूपपुर और पुष्पराजगढ़
सुरक्षित सीट हैं। जबकि कोतमा सामान्य सीट हैं। इस सीट को लेकर तीन जिलों अनूपपुर, उमरिया एवं शहडोल के दोनो ही राजनीतिक
दलों के नेताओं ने अपनी उम्मीदवारी के लिए ताल ठोक रहे हैं। जिले की सबसे बड़ी
विधानसभा पुष्पराजगढ़ में दोनों ही दलों के उम्मीदवार तय हैं, यहा कांग्रेस से लगातार दो बार के विधायक
फुन्देलाल सिंह मार्को की उम्मीदवारी तय हैं वहीं भाजपा ने नए चेहरो को मौका देते
हुए हीरा सिंह श्याम को उतार कर चुनाव को रोचक बना दिया है। पुष्पराजगढ़ में कांग्रेस
से जिला पंचायत सदस्य नर्मदा सिंह भी अपनी दावेदारी के लिए पार्टी को जता दिया हैं।
अनूपपुर विधानसभा वैसे तो कांग्रेस भाजपा दोनो को ही मौके दिये
हैं वर्तमान में यहा से भाजपा के बिसाहूलाल सिंह विधायक हैं जो प्रदेश के खाद्य
मंत्री हैं। 2018 के पूर्व बिसाहूलाल सिंह कांग्रेस में रहें तब तक कोई सशक्त
दावेदार नहीं रहा, अचानक भाजपा
में शामिल होने के बाद कांग्रेस ने नये उम्मीदवार जनपद पंचायत नेता विश्वनाथ सिंह को
विधानसभा के उपचुनाव में उम्मीदवार बनाया, यहां कांग्रेस को मुंह की खानी पड़ी। यही हालात आज भी कांग्रेस
के लिए बने हुए हैं। हालांकि प्रशासनिक सेवा छोड़ कर राजनीति में हाथ आजमाने वर्ष
2018 में कांग्रेस में शामिल हुए रमेश सिंह ने
कांग्रेस की सदस्यता लेने के बाद अनूपपुर जिला कांग्रेस अध्यक्ष की बागडोर बखूबी
संभाल रहें हैं। वहीं दूसरी ओर जिला पंचायत चुनाव में पत्नि प्रीति सिंह को उतार
कर विजयी दिलाया। आज वह जिला पंचायत अध्यक्ष पर अपनी सेवायें दे रहीं हैं। कांग्रेस
को एक अच्छे निर्विवाद उम्मीदवार रमेश सिंह पर टिक रही है जो भाजपा उम्मीदवार को
कड़ी टक्कर देने में सक्षम दिखाई दे रहे हैं। वहीं कंग्रेस की गुटबाजी भी कियी से
छिपी नहीं हैं। जिले में तीन विधानसभा वैसे कांग्रेस भी तीन गुटो में विभक्त हैं।
कांग्रेस कोतमा समान्य सीट के लिए एक अनार सौ बिमार वाली स्थिति
हैं जहां तीन जिलों अनूपपुर, उमरिया एवं
शहडोल के दोनो ही राजनीतिक दलों के नेताओं ने अपनी उम्मीदवारी के लिए ताल ठोक रहे
हैं। इसके साथ शहडोल सर्व शिक्षा अभियान के प्रमुख ने भी अपनी दावेदारी ठोक रहें हैं।
अधिकारी से नेता बनने की चाह इन्होंने शहडोल सर्व शिक्षा अभियान में रहते गले तक भ्रष्टाचार
में डूबे अधिकारी और नेताओं को अपनी जेब में रखने वाले अधिकारी कोतमा सीट के लिए भाजपा
नेताओं को अपनी भ्रष्टाचार की कमाई से खुश करने का सिलसिला चला रखा हैं। इसके साथ ही
कांग्रेस से पशु विभाग से सेवानिर्वत अधिकारी भी मैदान में अपनी ताल दे रहें हैं। यहां
कांग्रेस की कांग्रेस से लड़ाई चल रहीं हैं। पूर्व विधायक के नेतृत्व में जी 20 के
असंतुष्ट नेताओं ने अपने ही विधायक के खिलाफ मोर्चा खोल रखा हैं। इस समूह में सभी ने
कांग्रेस आलाकमान से अपने लिए टिकट की दावेदारी की हैं। कांग्रेस आलाकमान ने वर्तमान
विधायक सुनील सराफ को अपनी तैयारी के लिए क्षेत्र में रहने के निर्देश दे चुके हैं।
ऐसे में जी 20 के नेताओं की आशाओं में पानी फेर दिया हैं।
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