एसडीओपी और कांग्रेस जिलाध्याक्ष की समझाई आई काम, जिला प्रशासन मौके से रहा नदारत
अनूपपुर। जिला जेल अनूपपुर में विचाराधीन कैदी की मौत के मामले
में 34 घंटे से बाद परिजन शव ले जाने को तैयार हुए। इसके पूर्व परिजनों ने जिला
प्रशासन से मांग की है कि जिला जेल के अधिकारी एवं कर्मचारियों पर कार्रवाई की मांगों
को लेकर परिजनों ने विरोध प्रदर्शन किया। साथ ही जिला जेल प्रशासन पर कार्रवाई व बेटे
को नौकरी एवं 50 लाख रुपए का मुआवजा देने की मांग की। इस दौरान एसडीओपी अनूपपुर सुमित
सुमित केरकट्टा, नगर निरिक्षक
अमर वर्मा के साथ कांग्रेस जिलाध्याक्ष रमेश सिंह ने परिजनों से लगतार चर्चा कर निष्पक्ष
जांच करायें जाने करा कार्यवाई की बात मानते हुए शव को उठाया। वहीं इस घटना में जिला
प्रशासन के प्रतिनिधी नदारत रहें। पूरे मामले में पुलिस ने मोर्चे को सम्हल कर परिजनों
को समझता रहा।
ज्ञात हो कि मूलचंद विश्वकर्मा जो धारा 307 के तहत जेल में बंद
था। 2 माह से वह जेल में बंद था। जिसकी 27 सितंबर को अज्ञात कारणों से मौत हो गई। वहीं
मूलचंद की बेटी ने जहर देने का आरोप लगाया था। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ने हृदय गति
रुकने से मौत का मामला बताया था।
इसके पूर्व विचाराधीन कैदी मूलचंद की पत्नि ने जिला जेल की
अधीक्षक पर आरोप लगाए और उन्हें हटाने की मांग की। इस पर एसडीओपी सुमित केरकट्टा
ने कहा कि सक्षम अधिकारी के समक्ष इस मांग को रखा जाएगा, उनकी सहमति के बाद कार्रवाई की जाएगी।
परिजनों का कहना हैं कि जिला जेल में किसी भी प्रकार के साक्ष्य के साथ छेड़छाड़
हो सकती हैं, इसलिए प्रभारी
जेल अधीक्षक को हटाया जाए। वहीं उनकी दूसरी मांग 50 लाख रुपए और एक नौकरी है। इसको
लेकर अभी भी सहमति नहीं बनी है। ऐसा कोई प्रावधान भी नहीं है। इसके तहत परिजनों को
50 लाख एवं एक नौकरी दी जाए, लेकिन लगातार
परिजन इसी के मांग कर रहे हैं और शव नहीं ले जाने की बात कह रहें थें।
कांग्रेस जिला अध्यक्ष भी पहुंचे
मूलचंद के परिजन लगातार 24 घंटे से शव रख कर विरोध प्रदर्शन कर
रहें थें, परिजनों के
विरोध को देखते हुए कांग्रेस के जिला अध्यक्ष रमेश सिंह भी मौके पर पहुंचे और
परिजनों को समझाइश के बाद परिजन निष्पक्ष जांच करा कार्यवाई की बात पर मानें।
सुमित केरकट्टा ने बताया कि मृतक के परिजनों ने ज्ञापन सौपकर मूलचंद
के मृत्यु के कारणों की निष्पक्ष न्यायिक जांच मांग की हैं। जिस पर जांच करा कार्यवाई
की जायेंगी।
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