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रविवार, 15 जुलाई 2018

प्रसाद का निरादर सिंधिया की अशोभनीय हरकत -- मनोज द्विवेदी

कांग्रेस का असली चेहरा हुआ उजागर
चुभती बात-- मनोज द्विवेदी
अनूपपुर।
एक समर्थक भक्त द्वारा प्रसाद स्वरुप दिये गये नारियल को कार्यकर्ताओं की निगाह के सामने ही ज्योतिरादित्य सिंधिया ने गाडी से बाहर फेंक कर कांग्रेस का असली चरित्र उजागर कर दिया है। यह महज संयोग नही कि इस घटना से कुछ घंटे पहले ही कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी का यह बयान सार्वजनिक हुआ था कि कांग्रेस मुसलमानों की पार्टी है। तो क्या यह राहुल ऒर ज्योतिरादित्य मे आपसी जोर आजमाईश का दॊर चल रहा है या सिंधिया की अपने आलाकमान को खुश करने की चाटुकार कोशिश या मन मे छिपे अंधविश्वास का भय।कारण जो हो टायलेट काण्ड के बाद ठीक चुनाव के पहले सिंधिया डिफ्यूज नारियल बम के शिकार हो गये हैं। यह उन्हे व कांग्रेस को बहुत भारी पडने वाला है। अब कांग्रेस इस पर लाख सफाई दे, विंध्य -- महाकॊशल की धर्म परायण जनता इसे हिन्दू धर्म का ,अपने देवी देवताओं का अपमान मान रही है।
* दो दिन पहले सिंधिया कार्यकर्ताओं से मिलने ,जिलेवार बैठक लेने शहडोल आए थे। यहाँ उन्होंने लोगों कॊ संबोधित किया,कुछ पत्रकारों से मुखातिब हुए।लेकिन तय योजना से परे , जिलेवार बिना कार्यकर्ताओं-- पदाधिकारियो की बैठक लिये रीवा चले गये। इससे कांग्रेस के कार्यकर्ताओं मे ही अन्दरखाने काफी नाराजगी देखी गयी। सिंधिया में आज भी लोगों को राजाशाही हनक देखने को मिलती है। न वे पदाधिकारियो - कार्यकर्ताओं से मिलते जुलते सहज रहते हैं न आम आदमी की रुचि,उनकी समस्याओं से कोई लेना देना है।
* रीवा से पन्ना जाते हुए मार्ग मे किसी उत्साही कार्यकर्ता ने सिंधिया को प्रसाद स्वरूप किसी मन्दिर मे चढा सिंदूर लगा नारियल दिया। अनमने सिंधिया न तो गाडी से उतरे , न ही उन्होने मन्दिर के प्रसाद का सम्मान किया। वायरल हो रहे विडियो मे स्पष्ट देखा जा सकता है कि जैसे ही उनका वाहन आगे रेंगा ,सिंधिया ने स्थानीय कार्यकर्ताओं के मुंह पर ही प्रसाद गाडी से बाहर फेंक दिया। एक सुरक्षा कर्मी ने अपने दोनों पैरों के बीच नारियल छुपाने की कोशिश की। पार्टी कार्यकर्ता व स्थानीय लोग सिंधिया का यह आचरण देख कर हतप्रभ रह गये। मन्दिर के प्रसाद के खुले अपमान से विंध्य -- महाकॊशल प्रान्त के लोगों मे व्यापक नाराजगी देखी जा रही है।
* टायलेट काण्ड से चर्चा मे आये थे सिंधिया । शहडोल उपचुनाव के दॊरान सिंधिया जी उमरिया प्रवास के दॊरान तब सुर्खियों मे आए थे जब रात्रि विश्राम उन्होने एक जनजातीय समाज के ग्रामीण के घर किया था। तब सिंधिया की सुविधा के लिये गरीब के घर आनन फानन बने शौचालय की सीट ,उनके जाते ही कांग्रेस कार्यकर्ता उखाड ले गये थे। इस घटना से सिंधिया की बडी किरकिरी हुई थी।वह चुनाव कांग्रेस हार गयी थी।
* अब नारियल काण्ड से कांग्रेस की जो भद्द पिट रही है,इससे उबरना आसान नही होगा। लोग इसे पार्टी की आपसी खींचतान, सामंतवादी सोच व अन्धविश्वासी आचरण से जोडकर देख रहे हैं। दर असल अब माना यह जा रहा है कि गुजरात चुनाव मे जनेऊ, मन्दिर,तिलक का आडंबर कर राहुल ने स्वयं को हिन्दू वादी चेहरे के रुप मे स्थापित करने की जो कोशिश की,कर्नाटक पहुंचते पहुंचते उसका मुलम्मा उतरने लगा था। उसे मुस्लिम वोट बैंक की चिंता सताने लगी । अब कभी कांग्रेस के नेता हिन्दू पाकिस्तान का भय दिखलाते हैं , तो कभी राहुल स्वत: मुसलिम नेताओं से गोपनीय बैठक कर कांग्रेस को मुसलमानों की पार्टी बतलाकर उनकी दशा पर चिंता जाहिर करते हैं। अब सिंधिया द्वारा मन्दिर के प्रसाद का खुला अपमान हिन्दू भावनाओं को चोट पहुंचाने से अधिक कुछ नहीं । या तो आप प्रसाद स्वीकार करते नहीं, यदि ले ही लिया -- आपको तंत्र मंत्र की आशंका थी या सुरक्षा से जुडा कोई मामला था तो उसे कार्यकर्ताओं मे ही बांट देते। यूं ऐसे प्रसाद का निरादर नही करना चाहिये।इससे यह जाहिर होता है कि कांग्रेस के नेताओं को जन भावनाओं की कोई कद्र है ही नहीं । आज भी वह राजा - महाराजा, श्रीमंत,कुंवर साहब के राजशाही युग मे जी रहे हैं।

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