लगा गंदगी का ढ़ेर,पेयजल सहित अन्य व्यवस्था बिगड़ी
अनूपपुर। सातवें वेतनमान और
नियमितीकरण सहित अन्य मांगो को लेकर जिले की 2 नगर पंचायत एवं 3 नगरपालिका
कर्मचारियों द्वारा सोमवार को भी हड़ताल की गई। इस अनिश्चित कालीन हड़ताल का असर
पेयजल और सफाई व्यवस्था पर पडऩे लगा है। नगर के प्रत्येक वार्ड में जगह-जगह कचरे का
ढ़ेर जमा होने लगा है। 6 दिनों से घर-घर कचरा का संग्रहण न होने से लोग घरों के
बाहर कचरा फेकने लगे हैं जिससे बीमारियों का अनदेशा बढ़ गया है। रविवार को
नगरपालिका के बस्ती क्षेत्र के पंप हाऊस का मोटर जल जाने से पेयजल व्यवस्था बिगड़
गई है। जिले के सभी निकाय में नपा कर्मचारियों की हड़ताल से जहां विभागीय कार्य
ठप्प पडे हुए हैं,
वहीं आमजन को मिलने वाली आवश्यक सुुविधाओं पर भी प्रभाव पडऩे लगा है। 11 जुलाई
से नगरपालिका निकाय के कर्मचारी अनिश्चित कालीन कामबंद कर हड़ताल कर रहे हैं।
पिछली बार एक दिवसीय हड़ताल से निकाय की व्यवस्थाओं पर कोई फर्क नहीं पड़ा था।
किंतु इस बार लगातार जारी हड़ताल ने अत्यावश्यक सेवाओं पर भी असर दिखाना शुरू कर
दिया है। सोमवार को जिले के कोतमा, पसान, जैतहरी, अमरकंटक एवं
अनूपपुर निकाय के कार्यालय एवं मैदानी कर्मचारियों की हड़ताल जारी रही। प्रत्येक निकाय
के कार्यालय में बंद का महौल बना हुआ है। लोगों को विभागीय कार्य न होने से
परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। पानी की सप्लाई तो की जा रही है, लेकिन सफाई
पूरी तरह ठप्प है। जिला मुख्यालय में चारो तरफ गंदगी का ढ़ेर लगा हुआ है। बस
स्टैंड सहित कई जगह कचरे के ढेर लगा है। मवेशियों के मलमूत्र, पॉलीथिन एवं बस
स्टैण्ड के दुकानदारों द्वारा फेंका जा रहा कचरा यहां का परिवेश पूरी तरह दूषित
किया हुआ है। कचरे से उठने वाली दुर्गंध से बचने मुसाफिरों को रूमाल मुंह में रखना
पड़ता है। इसी तरह नगर के हर वार्ड की तस्वीर बनती जा रही है जहां कूड़े-कचरे का
ढेर धीरे-धीरे बढ़ता चला जा रहा है। बरसाती पानी में कचरा भीगकर सडऩे लगा है जिससे
सडऩ से दुर्गंध उठने लगी है और मच्छर पनपने लगे हैं। यदि हड़ताल जल्द न थमी तो
कचरे से लोग बीमार होने लगेंगे।
अनूपपुर शहर दो भागों में
विभाजित है, 1 से 8
वार्ड बाजार क्षेत्र में और 9 से 15 बस्ती क्षेत्र शामिल हैं। जानकारी अनुसार
बस्ती क्षेत्र के वार्ड क्रमांक 10 अंतर्गत रजहा तालाब के समीप पंप हाऊस है जहां
वर्तमान से 7 वार्डों में पानी की सप्लाई की जा रही है। यहां रविवार को दो में एक
का मोटर जल गया है। बड़ी आबादी वाला क्षेत्र होने के कारण अब यहां पानी की समस्या
खड़ी होगी। सुबह कुछ समय के लिए पानी चालू किया गया था फिर मोटर जल गया। बताया गया
बस्ती क्षेत्र में 3 दिन में 1 बार पानी दिया जाता रहा। अब एक 15 एचपी वाले मोटर
से 7 वार्डों में पानी की सप्लाई होना मुश्किल हो गया है। अधिकतर लोग पंप लगाकर
पानी खींच लेते हैं जिससे 30 में 10 घर ऐसे रह जाते जहां पानी नहीं पहुंच पाता। अब
मोटर जलने से यहां के लोगों को पानी की समस्या उठानी होगी। अबतक मोटर सुधारने के
लिए भेजा नहीं जा सका था। हडताल चलने के कारण मोटर के जल्द बनने की उम्मीद भी कम
है और ईधर टैंकर के पहिए भी नहीं चल रहे।
सफाई व्यवस्था के लिये 15 वार्डो
में 60 कर्मचारी रखे गए हैं। बुधवार से दफतरी कर्मचारियों के साथ ही स्ट्रीट लाइट, जल प्रदाय के
कर्मचारी समेत सफाई कर्मचारी, इंजीनियर सभी हड़ताल में हैें। आवश्यक सेवा देखते हुए जल
प्रदाय विभाग के कर्मचारी दिन में एक बार नल चालू कर लोगों को पानी दे रहे हैं, लेकिन वे मांगो
के लिए हड़ताल भी कर रहे हैं। कोई भी कर्मचारी नगरपालिका परिसर में नहीं जा रहा
है। स्ट्रीट लाइट भी कस्बों में छोड़कर बाहरी मार्गो में चालू नहीं की जा रही
जिससे मुख्यालय से बाहर जाने वाले रास्तो में अंधेरा बना हुआ है। इस हड़ताल में
सफाई कर्मचारियों के शामिल होने से हड़ताल का असर सफाई व्यवस्था पर खासा पड़ा है।
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