अनूपपुर। जल अभावग्रस्त
घोषित जिले में बिना प्रशासनिक अनुमति के नलकूप खनन और नदी जलाशयों से पानी नहीं
लिया जा सकता। अल्प वर्षा के कारण नदी जलाशयों सहित तालाबों में जल स्तर कम हो जाने
से पानी कम शेष रह गया है जिससे आमजन सहित मवेशियों को भी पानी के लिए दिक्कत आ
रही है। किंतु चोरी-छिपे जल का दोहन हो रहा है। जिले के सोन,जोहिला,नर्मदा,बकान, तिपान, कठना,केवई नदी में पानी इस गर्मी मे बहुत कम
है। कई जगह नदी-नाले सूख चुके हैं और जहां पानी है वहां कुछ ग्रामीण सब्जी व फसल
की सिंचाई के लिए इस पानी को उपयोग में ला रहे हैं जबकि पानी का घोर संकट मचा हुआ
है। वहीं लोग पानी के लिए भटक रहे हैं तो निर्माण कार्यो में पानी की बर्बादी की
खुली छूट मिली हुई है। जिला प्रशासन पानी बचाने के लिए कारगर कदम नहीं उठा रहा
जिससे आगामी दिनो में पानी को लेकर गंभीर संकट खडा होगा।
सब्जी की सिंचाई नदियो से
लगातार घटते पानी से चिंतित ग्रामीण
कठना नदी का
मोतीदहरा का पानी शादी-ब्याह के कार्यक्रम में बेहद उपयोगी साबित हो रहा है किंतु
पानी के घटने से यहां के ग्रामीण चिंतित हैं। बताया गया यहां के तीन गांव जहां
लगभग 700 की आबादी है यहां नहाने, पीने व मवेशियों को पिलाने के लिए रोज आते हैं। बताया गया कोदैली व रामपुर के
बीच जमुना नदी गर्मी शुरू होते पूरी तरह सूख गई है। जिसके कारण मवेशियों के
साथ-साथ ग्रामीणों को भी पूरी तरह कठना नदी के ऊपर निर्भर होना पड गया है। यदि
यहां का पानी जल्दी कम हुआ तो आगामी दिनो में पानी को लेकर यहां भयावह संकट खड़ा
हो जाएगा।
घटते जल स्तर पर प्रशासन का ध्यान नही
जिले में लगभग 274 छोटे-बडे स्टाप डेम हैं, लेकिन पानी रोकने
इनमें कड़ी शटर नहीं लगी। यह सब बारिश के बाद ठण्ड के मौसम में हो जाना चाहिए था, लेकिन जनपद पंचायतों की उदासीनता तथा ग्राम पंचायतों की घोर लापरवाही के चलते
स्टाप डेम सूख गए हैं। अनूपपुर शहर के तिपान नदी में ही स्टाप डेम में सटर नहीं
लगा है। यही हाल मेडियारास पंचायत के हीरानगर से गुजरने वाली बकान नदी के 200 मीटर के फासले पर बने दो स्टाप डेम में शटर नहीं लगा है। रक्शा के झिटकु नाला, ग्राम धनकुटा का भेड़वा नाला जैसे हर तहसील के पंचायतों में स्टाप डेम में
पानी नहीं रोका जा सका है। पानी को बचाने के लिए कोई पहल नहीं हो रही। निर्माण
कार्यो पर रोक नहीं लग रही। हर रोज लाखो गैलन पानी का उपयोग सड़क, भवन निर्माण में किया जा रहा है। जिले में बन रही सीमेंट की सड़कों, सरकारी भवनों, प्रधानमंत्री आवास के
मकान हो या निजी निर्माण कार्य पानी का उपयोग हो रहा है।
प्रतिबंध पर नहीं हो रहा अमल
शासन द्वारा
पानी की समस्या को देखते हुए अनूपपुर जिले को जल अभावग्रस्त किया हुआ है किंतु
जिला प्रशासन की ढिलाई से सार्वजनिक पानी की चोरी हो रही है। नदी-नालों के तटों पर
सबसे ज्यादा पानी का दोहन लोग फसल सिंचाई के लिए कर रहे हैं। गांव में पानी के लिए
त्राहि-त्राहि मची हुई है। जिन नदी जल स्त्रोतों में पानी कुछ है तो मकान बनाने, ईंट भठ्ठे के कार्यो में की जा रही है। पंचायत पानी का परिवहन टैंकरों से नहीं
कर पा रहा है। जिम्मेदारी पंचायत की भी ऐसे पानी को निजी हाथों में जाने से बचाने
की होनी चाहिए पर आपसी व्यवहार व साठगांठ के चलते वे रोक नहीं लगा पा रहे।
इनका कहना है
जल संकट एक
चुनौती है, इसके लिए प्रशासन हर संभव प्रयास कर रहा
है। नदी-नालों से जो पानी की चोरी हो रही है उसे कठोरता से रोका जाएगा। इसके लिए
जल्द ही निर्देश जारी किए जाएंगे
डा.आरपी तिवारी अपर कलेक्टर अनूपपुर
कुछ स्थानों पर
गांव के ही व्यक्तियों द्वारा सब्जी लगाकर पंप के माध्यम से सिंचाई की जा रही है।
टैंकर के माध्यम से भी पानी यहीं से ले जाया जा जाता है। पानी की सिंचाई करने वाले
व्यक्तियों को मोटर पंप निकालने को कहा जाएगा एवं पानी की चोरी रोकी जाएगी
चैती बाई सरपंच ग्राम पंचायत बकेली ग्राम कोदैली
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