अनूपपुर। पुलिस अधीक्षक कार्यालय में कई ऐसे मामले देखने को मिल जाते है जहां एक पुलिस
अधिकारी-कर्मचारी जिले में अपनी मन पसंद थाना में जाने ऐसे-ऐसे जुगाड व हथकंडे लगा
रहे जिनको सुन लोगो को मजबूरन में हंसना मजबूर होना पड़ रहा है। ऐसे ही एक मामले
में जहां शहडोल जिले के जयसिंह नगर में गांजे के आरोपियो को पकडने गए एएसआई मंगला
दुबे ने आरोपी के घर से पुलिस टीम को बिना बताए ५६ हजार रूपए पर डाका तथा भालूमाडा
में पदस्थ प्रधान आरक्षक अरविंद राय के खिलाफ एक दूसरे की रोजनामचा में शिकायत पर
पुलिस अधीक्षक ने दोनो अधिकारियो को 6 अप्रैल को लाईन अटैच कर दिया। जिसके बाद से एएसआई मंगला दुबे द्वारा फिर से
अपनी पसंद के थाना पाने की झटपटाहट में नए तरीको का इजात कर उसकी अजमाईश करने में
लगे हुए है।
सिर्फ एएसआई मंगला ही कर सकते है कार्यवाही
23 मई को थाना कोतमा अंतर्गत ग्राम लामाटोला में निवास करने वाले भोला प्रसाद
द्विवेदी पिता देवशरण द्विवेदी अपनी शिकायत लेकर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक वैष्णव
शर्मा के पास पहुंचा, जहां उसने स्वीकृत पीएम आवास योजना अंतर्गत राशि खाते में भेजने के लिए
लामाटोला उपसरपंच पर 20 हजार रूपए की मांग करने शिकायत की गई। जहां शिकायत पर उसने कार्यवाही के लिए
सिर्फ एएसआई मंगला दुबे को कोतमा थाने में पदस्थ करने के लिए गिडगिडाने लगा।
नही है एसडीओपी कोतमा पर विश्वास
पीएम आवास योजना में उपसरपंच लामाटोला द्वारा 20 हजार रूपए मांगे जाने
की शिकायत के बाद जहां अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक वैष्णव शर्मा ने जांच कोतमा
निरीक्षक राजकुमार मिश्रा व एसडीओपी कोतमा को देने की बात आवेदक भोला प्रसाद
द्विवेदी से की गई। लेकिन भोला प्रसाद द्विवेदी किसी पर विश्वास न करते हुए सिर्फ
मंगला द्विवेदी पर ही विश्वास जताते हुए उसे कोतमा थाने में भेजे जाने की मांग की
गई।
एक दिन पहले एसपी से थाना की कि थी मांग
लाइन अटैच सहायक उप निरीक्षक मंगला दुबे ने 22 मई को पुलिस अधीक्षक
सुनील कुमार जैन व अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक वैष्णव शर्मा से उसे पुन: थाने में
भेजने की मांग की गई। जिस पर पुलिस अधीक्षक ने एएसआई को किसी भी थाने में पदस्थ
किए जाने से साफ मना कर दिया था, जिसके बाद एएसआई मंगला दुबे ने दूसरे दिन 23 मई को आवेदक भोला
प्रसाद द्विवेदी पहुंचा, जहां उसने अपनी कार्यवाही की जांच के लिए सिर्फ एएसआई मंगला दुबे को ही कोतमा
थाना भेजे जाने की बार-बार गुजारिश की गई। जहां अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ने इसकी
जानकारी पुलिस अधीक्षक सुनील कुमार जैन को दी, जहां पुलिस अधीक्षक ने साफ इंकार करते हुए जांच कोतमा एसडीओपी को सौपने के
निर्देश दिए।
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