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गुरुवार, 24 मई 2018

गर्मी का सितम व बढ़ते तापमान से पेयजल के लिये मचा हा हाकार

जिले में हैंडपंप 397 एवं18 नलजल योजना पड़ी बंद
अनूपपुर   जिले में अल्प वर्षा के कारण पिछले दो वर्षो से जल स्रोत गर्मी आते ही पानी विहीन हो रहे हैं। इस वर्ष भी गर्मी का सितम ऐसा है कि बढ़ते तापमान के कारण पानी की उपयोगिता बढऩे के साथ ही जल स्तर दिनों दिन नीचे जा रहा है। जिले में 397 हैंडपंप बंद अवस्था में हैं। तो वहीं 18 नलजल योजनाएं ठप्प पड़ी हुई हैं।
जिले में अल्प वर्षा के कारण पिछले दो साल से जल स्रोत गर्मी आते ही पानी विहीन हो रहे हैं। इस वर्ष भी गर्मी का सितम ऐसा है कि बढ़ते तापमान के कारण पानी की उपयोगिता बढऩे के साथ ही जल स्तर दिनों दिन नीचे जा रहा है। जिले में 397 हैंडपंप बंद अवस्था में हैं। तो वहीं 18 नलजल योजनाएं ठप्प पड़ी हुई हैं। जिले के हर गांव में पानी की समस्या बनी हुई है। जल का दोहन व्यापक रूप से हो रहा है किंतु पानी के संचयन को लेकर ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे। ग्रामीण पेयजल परिवहन भी न होने से लोगों को पानी के लिए मीलों दूर का सफर तय करना पड़ रहा है। जिले की पुष्पराजगढ़ तहसील में सबसे अधिक पानी की समस्या व्याप्त है। यहां सर्वाधिक 155 हैंडपंप बंद हैं तो 12 नलजल योजना भी बंद पड़े हुए हैं।
गिरते जल स्तर से गहराया जल संकट
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग की उदासीनता से ग्रामीण जनता को पेयजल सुविधा नहीं मिल पा रही है। जिले में 282 ग्राम पंचायतें हैं। मई माह में ही पानी का घोर संकट चारो विकासखण्ड के गांव में बना हुआ है। जून का पूरा माह अभी शेष है और जिस तरह भीषण गर्मी पड़ रही है उससे आगामी माह पानी की समस्या से निपटना प्रशासन के लिए आसान नहीं होगा। जिले में 400 से अधिक स्टाप डेम हैं जिनमें 70 प्रतिशत ऐसे हैं जिनमें कड़ी शटर नहीं लगी है। कुएं अप्रैल के माह में ही सूख चुके हैं। तालाबों की हालत मैदान जैसी हो चुकी है। जल स्तर नीचे जाने एवं रायजिंग पाईप न डाले जाने से हैंडपंप हवा दे रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्रो में पेयजल परिवहन भी नहीं हो रहा है। पीएचई को 95 पंचायत ने प्रस्ताव भेजा था जिसमें से 17 पंचायत को पीएचई ने चिन्हित किया है लेकिन अभी तक एक भी गांव में पानी परिवहन का कार्य नहीं हो रहा।
बंद हैंडपंपों ने बढ़ाई समस्या
जिले में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा 9569 हैंडपंप स्थापित किए गए हैं। कुल हैंडपंपों में 9172 चालू हैं विभाग द्वारा बताया गया 397 हैंडपंप बंद अवस्था में हैं जिसमें से अनूपपुर विकासखण्ड में 77,कोतमा में 75, जैतहरी में 90, राजेन्द्रग्राम में 155 हैंडपंप बंद हो चुके हैं। बंद हैंडपंपों में 62 पट जाने के कारण 19 लाईन गिरने के कारण और 92 अन्य खराबियों के कारण बंद पड़े हुए हैं। 151 ऐसे हैं जिनका सुधार नहीं हो पाया है। वर्तमान समय में हर गांव में हैंडपंप बंद हैं और धीरे-धीरे चालू हैंडपंप पानी कम देने लगे हैं। हैंडपंप मकैनिकों की संख्या कम होने के कारण हैंडपंपों का सुधार नहीं हो पा रहा है। हालात यह है कि बंद हैंडपंपों के कारण लोगों को काफी दूर पानी के लिए जाना पड़ रहा है। हैंडपंपों में सुबह से पानी भरने के लिए डिब्बों व बाल्टियों की कतार सज जाती है। पानी के लिए झगड़े भी हो रहे हैं।
पुष्पराजगढ़ में स्थिति ज्यादा खराब
जिले की एक तहसील कोतमा कालरी से घिरी हुई है तो दूसरी पुष्पराजगढ़ पहाड़ी अंचल में बसा हुआ है। दो तहसील जैतहरी व अनूपपुर ऐसी है जहां पानी की समस्या कुछ कम हैं लेकिन नदियों में हो रहे अवैध खनन से पानी का ठहराव न होने स्टाप डेम में पानी न रोके जाने तालाबों का गहरीकरण न होने और ईंट भठ्ठों तथा निर्माण कार्यो में पानी का उपयोग अधिक हो जाने से इस वर्ष पानी की किल्लत मची हुई है। जानकारी अनुसार पुष्पराजगढ़ में 119 ग्राम पंचायत हैं जहां नदियों की कमी है। पहाड़ी क्षेत्र में यह ग्रामीण इलाका बसा हुआ है। यहां के ग्रामीण मीलों दूर पानी लेने के लिए चलते हैं। पुष्पराजगढ़ के बाद कोतमा दूसरा पानी की समस्या से प्रभावित क्षेत्र है।

यहां कालरी है जहां कोयला निकलने से पानी कम हैं। जहां-जहां कालरी हैं वहां की जनता को पानी के लिए जूझना पड़ रहा है।
नलजल योजना अनदेखी से हो रहे बंद
पेयजल व्यवस्था के लिए पीएचई जल आवर्धन योजना एवं मुख्यमंत्री पेयजल योजना के जरिए घर-घर तक पानी पहुंचाने का काम कर रही है। इसके लिए जिले में 177 नलजल योजना लागू की गई ताकि पेयजल समस्या का सामना ग्रामीण न कर सकंे। किंतु पंचायतों को योजना का जिम्मा दिए जाने के बाद मोटरों के बिगडऩे, जल कर न मिलने, बिजली का बिल बढ़ते जाने तथा बोरो के असफल होने एवं घटिया पाईप लाईन बिछाए जाने से यह योजना जिले में बेहतर रूप से क्रियान्वित नहीं हो पा रही है। जानकारी अनुसार जिले में 18 नलजल योजना बंद अवस्था में हैं। यह विभागीय आंकड़ा है। वस्तु स्थिति यह है कि अधिकांश नलजल योजना पंचायतो की उदासीनता से चल नहीं पा रहे हैं। पीएचई इनकी मानिटरिंग नहीं कर रहा और बंद होने के कारणों को दूर नहीं कर रहा। जैतहरी विकासखण्ड के गोबरी, दुधमनिया, फुलकोना, केल्हौरी, दुलहरा, वेंकटनगर, पुष्पराजगढ़ के किरगी, भमरहा, बेनीबारी, जीलम, दमेहड़ी में योजना पूरी तरह ठप्प हैं। इसी तरह अनूपपुर के कोलमी, पड़ौर, चोंड़ी, जर्राटोला, कोतमा के निगवानी जैसे गांव ऐसे हैं जहां नलजल योजना कागजों में चल रही है पर बंद हैं।
इनका कहना है
पेजयल व्यवस्था के लिए विभाग पूरी तरह सक्रिय है। विभाग ने रायजिंग पाईप व अन्य संसाधन मंगा लिए हैं। जिसकी जरूरत हो रही है वह अब उपलब्ध कराकर पानी की समस्या को दूर किया जा रहा है। बिगड़े हैंडपंपों का सुधार जनपदों में सूचना देकर एवं कार्यालय के दूरभाष नंबर 07659-222066 में जो शिकायत आ रही है उस पर कार्रवाई कर रहे हैं

एचएस धुर्वे कार्यपालन यंत्री पीएचई

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