अनूपपुर। मध्यप्रदेष वन कर्मचारी संघ अनूपपुर द्वारा अपनी 19 सूत्रीय मांगो को लेकर 24
दिन से जिले के 175 अधिकारी एवं कर्मचारी जिला मुख्यालय के इंदिरा तिराहे के पास
अनिष्चित कॉलीन हडताल पर बैठे हुए है। जहां सातवे दिन भी वन अधिकारियों एवं
कर्मचारियो के हड़ताल पर बैठे होने के कारण वन विभाग के कई महत्वपूर्ण कार्य पूरी
तरह से प्रभावित है। वहीं मध्यप्रदेश वन कर्मचारी संघ के जिलाध्यक्ष सुरेश बहादुर
सिंह ने बताया कि उनकी मंागो में मध्यप्रदेष वन विभाग में कार्यरत कर्मचारियो को
राजस्व/पुलिस के समान वेतनमान एवं 13 महा का वेतन प्रदान किए जावे, वन कर्मचारियो को सशस्त्र-बल घोषित करने हेतु आईपीसी एवं सीआरपीसी में संषोधन
कर न्यायिक मजिस्ट्रेट के अधिकार प्रदान किए जाने, वनरक्षक से लेकर प्रधान मुख्य वन संरक्षक स्तर तक के सभी अधिकारियो/कर्मचारियो
को वर्दी अनिवार्य की जाए तथा अपराध प्रक्रिया संहिता की धारा 45 की उन्मुक्ति
प्रदान किए जाने, समस्त वनरक्षको
को नियुक्ति दिनांक से 5680 ग्रेड पे 1900 का लाभ दिया जाए एवं जिन्हे लाभ प्राप्त
हो गया है उनकी वसूली पर सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय अनुसार रोक लगाई जाए, वनरक्षक को नियुक्ति दिनांक से 10,20,30 वर्ष के बाद समयमान वेतनमान प्रदान
किया जाए, सिाईकर्मी केा
चुतर्थ श्रेणी में म.प्र. शासन के आदेषानुसार समायोजित कर सातवां वेतनमान, अनुकंपा नियुक्ति एवं वर्दी प्रदान की जाए, वन कर्मचारियो को महाराष्ट्र सरकार की तर्ज पर 5 हजार रूपए वर्दी भत्ता, वन कर्मचारी वनरक्षक, वनपाल, उपवन
क्षेत्रपाल के निवासी को सर्व सुविधायुक्त बनाया जा कर परिवार के निवास हेतु तहसील
एवं जिला स्तर पर भवन आवंटित किया जाए, वन कर्मचारियो को 13 माह का वेतन, पोष्टिक भत्ता, नक्सलाइड
क्षेत्र में कार्य करने वाले कर्मचारियो को नक्सलाइड भत्ता एवं टाइगर रिजर्व की
बीटों में 2 वन रक्षक की पदस्थिति की जाए, म.प्र. वन विभाग में कार्यरत लिपिकीय कर्मचारियो को पुलिस के समान कार्यपालिक
पदनाम, वेतनमान, देय भत्ता एवं अन्य सुविधाएं प्रदान की जाए साथ ही वन विभाग में उच्च/वरिष्ठ
अधिकारियो की भांति स्वीकृत कार्यपालिक एवं लिपिकीय अमले में वृद्वि किए बिना पदो
का अपग्रेडेषन किया जाकर वर्षो से पदस्थ एक ही वर्ग में कार्यरत अपग्रेडेड वन
मंडलो में वन संरक्षक कार्यालयो के समान लिपिकीय अमला पदस्थ किया जाए, वन विभाग में कार्यरत लघुवेतन कर्मचारियो की पदोन्नति 10 वर्षो में की जाना
सुनिष्चित की जाए एवं पदोन्नति का कोटा 50 प्रतिषत किया जाए, वन विभाग के कर्मचारियों की सेवा को तकनीकी सेवा घोषित की जाए एवं कर्मचारियो
को विश्राम समय प्रदान किया जाकर 12 घंटे की ड्यूटी तय की जाए, वन सेवा के दौरान दिवंगत कर्मचारियो को वन शहीद का दर्जा दिया जाए एवं वन शहीद
स्मारक का निर्माण करवाया जाए, वन अपराध के दौरान हुई वन हानि की वसूली वन कर्मचारियो से बंद की जाए। ठूंठो
की गणना 1 गर्थ क्लास कम करके की जाए एवं डिपो में परिवहन की गई वनोपज का मिलान 1
महा में किया जाए इसके पष्चात वनोपज कमी को अमान्य किया जाए, वन कर्मचारियो को मेडीक्लेम से जोडकर उच्च स्तरीय स्वास्थ्य सेवा का लाभ
दिलवाया जाए, 10 वर्ष पूर्व
से नियुक्त वन विभाग में कार्यरत कम्प्यूटर ऑपरेटर को संविदा नियुक्ति दी जाए एवं
मुख्यालय के समान प्रदेष के समस्त कम्प्यूटर ऑपरेटरों को समान वेतन दिया जाए, तेन्दुपत्ता प्रबंधको को न्यूनतम 15 हजार रूपए मानदेय प्रदान किए जाने सहित वन
विभाग के मानचित्रकारो को छत्तीसगढ़ राज्य की भांति पदनाम परिवर्तित करते हुए नवीन
मानचित्र का ग्रेड पे पूर्व ग्रेड पे के अनुसार संषोधन एवं मानचित्रकार के पद में
1 एसडीओ कोटे से पदोन्नति दी जाए संबंधी मांगो को लेकर अनिष्चित कॉलीन हड़ताल पर
बैठे हुए है। बुधवार, 30 मई 2018
19 सूत्रीय मांगो को लेकर सांतवे दिन भी जारी रही म.प्र. वन कर्मचारी संघ की हड़ताल
अनूपपुर। मध्यप्रदेष वन कर्मचारी संघ अनूपपुर द्वारा अपनी 19 सूत्रीय मांगो को लेकर 24
दिन से जिले के 175 अधिकारी एवं कर्मचारी जिला मुख्यालय के इंदिरा तिराहे के पास
अनिष्चित कॉलीन हडताल पर बैठे हुए है। जहां सातवे दिन भी वन अधिकारियों एवं
कर्मचारियो के हड़ताल पर बैठे होने के कारण वन विभाग के कई महत्वपूर्ण कार्य पूरी
तरह से प्रभावित है। वहीं मध्यप्रदेश वन कर्मचारी संघ के जिलाध्यक्ष सुरेश बहादुर
सिंह ने बताया कि उनकी मंागो में मध्यप्रदेष वन विभाग में कार्यरत कर्मचारियो को
राजस्व/पुलिस के समान वेतनमान एवं 13 महा का वेतन प्रदान किए जावे, वन कर्मचारियो को सशस्त्र-बल घोषित करने हेतु आईपीसी एवं सीआरपीसी में संषोधन
कर न्यायिक मजिस्ट्रेट के अधिकार प्रदान किए जाने, वनरक्षक से लेकर प्रधान मुख्य वन संरक्षक स्तर तक के सभी अधिकारियो/कर्मचारियो
को वर्दी अनिवार्य की जाए तथा अपराध प्रक्रिया संहिता की धारा 45 की उन्मुक्ति
प्रदान किए जाने, समस्त वनरक्षको
को नियुक्ति दिनांक से 5680 ग्रेड पे 1900 का लाभ दिया जाए एवं जिन्हे लाभ प्राप्त
हो गया है उनकी वसूली पर सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय अनुसार रोक लगाई जाए, वनरक्षक को नियुक्ति दिनांक से 10,20,30 वर्ष के बाद समयमान वेतनमान प्रदान
किया जाए, सिाईकर्मी केा
चुतर्थ श्रेणी में म.प्र. शासन के आदेषानुसार समायोजित कर सातवां वेतनमान, अनुकंपा नियुक्ति एवं वर्दी प्रदान की जाए, वन कर्मचारियो को महाराष्ट्र सरकार की तर्ज पर 5 हजार रूपए वर्दी भत्ता, वन कर्मचारी वनरक्षक, वनपाल, उपवन
क्षेत्रपाल के निवासी को सर्व सुविधायुक्त बनाया जा कर परिवार के निवास हेतु तहसील
एवं जिला स्तर पर भवन आवंटित किया जाए, वन कर्मचारियो को 13 माह का वेतन, पोष्टिक भत्ता, नक्सलाइड
क्षेत्र में कार्य करने वाले कर्मचारियो को नक्सलाइड भत्ता एवं टाइगर रिजर्व की
बीटों में 2 वन रक्षक की पदस्थिति की जाए, म.प्र. वन विभाग में कार्यरत लिपिकीय कर्मचारियो को पुलिस के समान कार्यपालिक
पदनाम, वेतनमान, देय भत्ता एवं अन्य सुविधाएं प्रदान की जाए साथ ही वन विभाग में उच्च/वरिष्ठ
अधिकारियो की भांति स्वीकृत कार्यपालिक एवं लिपिकीय अमले में वृद्वि किए बिना पदो
का अपग्रेडेषन किया जाकर वर्षो से पदस्थ एक ही वर्ग में कार्यरत अपग्रेडेड वन
मंडलो में वन संरक्षक कार्यालयो के समान लिपिकीय अमला पदस्थ किया जाए, वन विभाग में कार्यरत लघुवेतन कर्मचारियो की पदोन्नति 10 वर्षो में की जाना
सुनिष्चित की जाए एवं पदोन्नति का कोटा 50 प्रतिषत किया जाए, वन विभाग के कर्मचारियों की सेवा को तकनीकी सेवा घोषित की जाए एवं कर्मचारियो
को विश्राम समय प्रदान किया जाकर 12 घंटे की ड्यूटी तय की जाए, वन सेवा के दौरान दिवंगत कर्मचारियो को वन शहीद का दर्जा दिया जाए एवं वन शहीद
स्मारक का निर्माण करवाया जाए, वन अपराध के दौरान हुई वन हानि की वसूली वन कर्मचारियो से बंद की जाए। ठूंठो
की गणना 1 गर्थ क्लास कम करके की जाए एवं डिपो में परिवहन की गई वनोपज का मिलान 1
महा में किया जाए इसके पष्चात वनोपज कमी को अमान्य किया जाए, वन कर्मचारियो को मेडीक्लेम से जोडकर उच्च स्तरीय स्वास्थ्य सेवा का लाभ
दिलवाया जाए, 10 वर्ष पूर्व
से नियुक्त वन विभाग में कार्यरत कम्प्यूटर ऑपरेटर को संविदा नियुक्ति दी जाए एवं
मुख्यालय के समान प्रदेष के समस्त कम्प्यूटर ऑपरेटरों को समान वेतन दिया जाए, तेन्दुपत्ता प्रबंधको को न्यूनतम 15 हजार रूपए मानदेय प्रदान किए जाने सहित वन
विभाग के मानचित्रकारो को छत्तीसगढ़ राज्य की भांति पदनाम परिवर्तित करते हुए नवीन
मानचित्र का ग्रेड पे पूर्व ग्रेड पे के अनुसार संषोधन एवं मानचित्रकार के पद में
1 एसडीओ कोटे से पदोन्नति दी जाए संबंधी मांगो को लेकर अनिष्चित कॉलीन हड़ताल पर
बैठे हुए है।
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