
ग्रामीण झिरिया से बुझा रहे प्यास
अनूपपुर। कोतमा में पेयजल
योजनाओं में अफसरो की मनमानी ने समूचे क्षेत्र में पानी की समस्या पैदा कर दी है।
गांवों में पेयजल सकंट से निपटने के लिए भले ही प्रशासन हरसंभव प्रयास कर रहा हो, लेकिन मैदानी हकीकत एकदम विपरीत है जो कि गांव जाकर ही देखी जा सकती है। कोतमा
मुख्यालय से सटे गोहंड्रा गांव में लगे नलजल योजना बंद है। वहीं गांव में लगे 1दर्जन हैंडपंपों में से 4 हैंडपंप से पानी की
जगह गर्म हवा निकल रही है। जिस कारण गांव के वार्ड 6 निवासी बूंद-बंूद पेयजल के लिए मोहताज है। अपनी जरूरतों में पानी के लिए आधा
किलोमीटर दूर झिरिया एंव कुआं से पानी लाकर प्यास बुझा रहे है। गोहंड्रा गांव के 4 हैडंपंप पिछले कई दिनो से बंद पड़े हैं। ग्रामीणों ने बताया कि मोहल्ले में
लगे दोनों हैंड पंप बंद पड़े हुए है। कई बार सचिव सहित पीएचई के अधिकारियों को भी
बताया गया। लेकिन कोई सुधार नहीं हो सका। जबकि पानी की उपलब्धता के लिए गांव में
नलजल योजना भी संचालित है। लेकिन उसके स्विच बोर्ड में खराबी के कारण वो भी बंद
रहता है। जलसंकट की समस्या से निपटने गांव में पानी परिवहन के लिए दिए गए टैंकर भी
कबाड़ में तब्दील हो चुका है। लोगों का कहना है कि कोतमा से सटे होने के कारण
लगातार जनप्रतिनिधियों की आवाजाही गांव की ओर बनी रहती है।लेकिन स्थानीय
जनप्रतिनिधि भी जनता की इस जलसंकट की समस्या से बेखबर हैं।
इनका कहना है
कर्मचारियों के
साथ मैं स्वंय ग्रामीण क्षेत्रों में लगातार भ्रमण करता हूं। गोहंड्रा में बोर्ड
खराब होने पर पंचायत द्वारा सुधरवाया जाएगा। बिगड़े पंपों को 24 घंटे के अंदर चालू कर दिया जाएगा।
एसपी द्विवेदी, उपयंत्री पीएचई
विभाग
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें