जिला एवं विकासखंड अधिकारियों को किया गया प्रशिक्षित
अनूपपुर। जिले को खुले में शौच मुक्त करने हेतु सिर्फ शौचालयों का निर्माण
पर्याप्त नहीं है। वरन् उसका उपयोग सुनिश्चित कर खुले मे शौच से होने वाले
दुष्परिणामों से सुरक्षा प्राप्त कर सही मायने में स्वच्छता की अवधारणा को मूल रूप
प्रदान करना है। भौतिक लक्ष्य को प्राप्त करने के साथ विचारधारा में परिवर्तन लाने
के लिए गुरूवार को कलेक्ट्रेट सभागार एवं जिला पंचायत में समुदाय व्यवहार परिवर्तन
संचार के लिए कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में जिला स्तरीय एवं खंड
स्तरीय अधिकारियों को समुदाय के व्यवहार में परिवर्तन कैसे लाया जाए इस बारे में
बताया गया। यूनिसेफ के रिसोर्स पर्सन एवं फीडबैक फाउंडेशन के सदस्य राहुल द्वारा
सम्पूर्ण भारत में स्वच्छता एवं शौचालयों के उपयोग के संबंध मे ग्रामीण एवं शहरी
क्षेत्र के निवासियों को कैसे प्रेरित किया जाए इस बारे मे विस्तार से जानकारी दी
गयी। कार्यशाला मे महिला बाल विकास, स्वास्थ्य, नगरपालिका, कृषि, मत्स्य, उद्योग, उद्यानिकी, विद्युत, नगरीय प्रशासन,आपूर्ति विभाग आदि के अधिकारी उपस्थित थे। कार्यशाला मे समस्त विभागो से
विस्तृत चर्चा कर उनके विभाग समस्त अधिकारी एवं कर्मचारी जिले को स्वच्छ एवं सुंदर
बनाने मे किस तरह से योगदान दे सकते हैं, आदि की जानकारी ली गयी। प्राप्त जानकारी के आधार पर कार्ययोजना का निर्माण
किया गया एवं संबधित अधिकारियों को उनकी जिम्मेदारियों के बारे मे बताया गया। जिले
को स्वच्छ बनाने हेतु आगामी दिवसो मे विविध गतिविधियों का संचालन किया जाएगा।
क्षेत्रीय युवाओं को इस अभियान से जो$डकर इसे स्वच्छता के आंदोलन का स्वरूप प्रदान किया जाएगा। लोगो को जागरूक करने
के साथ शौचालय निर्माण मे आ रही समस्याओं को दूर कर लक्ष्य की प्राप्ति की जाएगी।
हर ग्राम पंचायत के लिए बनाए जाएंगे नोडल अधिकारी, मैदानी कार्यकर्ताओं एवं प्रेरकों को मिलाकर स्वच्छता टीम का गठन किया जाएगा।
घर घर जाकर स्वच्छता का महत्व एवं खुले मे
शौच के दुष्परिणाम को बताया जाएगा।
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