अनूपपुर। राष्ट्रगान
रचयिता गुरु रविंद्रनाथ टैगोर की जयंती पर गत दिवस इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय
विश्वविद्यालय अमरकटंक के शिक्षा संकाय के तत्वावधान में गीतांजलि अर्पित की गई।
उनके द्वारा लिखित कविताओं, गीत और नृत्य की
प्रस्तुतियों से बंगाल की जीवंत संस्कृति को छात्रों ने दर्शकों के सम्मुख
प्रस्तुत किया। कार्यक्रम में प्रमुख रूप से प्रिया ठाकुर, आयुषी आंचल, सारिका, अनुष्का, प्रियंका, प्राची,श्रेया,पबित्र मंडल,कुना नायक और शिव नंदन
ने टैगोर की रचनाओं पर आधारित विभिन्न प्रस्तुतियां दी। मुख्य अतिथि डीन प्रो.खेमसिंह
डहेरिया ने कहा कि श्री टैगोर का प्रथम कविता संग्रह १५ वर्ष की आयु में प्रकाशित
हो गया था। उन्होंने गीत और कविताओं के माध्यम से भारतीय साहित्य को अनूठी विरासत
दी।
मुख्य वक्ता
कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. एस.के.पांडे ने कहा कि गुरू रविंद्रनाथ
प्रकृति उन्मुखी शिक्षाविद् थे जिन्होंने शिक्षा और प्रकृति के मध्य संबंध को अपनी
रचनाओं में उल्लेखित किया। उन्होंने वातावरण को हरा-भरा बनाए रखने में सभी से अपनी
भूमिका का निवर्हन करने को कहा। डीन प्रो. संध्या गिहर ने श्री टैगोर के आदर्शवादी
और प्रकृतिवादी व्यक्तित्व का धनी बताया।
कार्यक्रम का
संचालन सहायक आचार्य डॉ. शिखा बनर्जी ने किया। इस अवसर पर संकाय के शिक्षक डॉ. एम.
टी. वी.नागाराजू, डॉ.ज्ञानेंद्र राउत, डॉ.अरूण कुमार, डॉ. सैमसन विक्टर, डॉ.मारिया जोसेफाइन, देवी प्रसाद सिंह, डॉ.हरिहरन आदि उपस्थित थे।
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