विधिक जागरूकता शिविर में महिलाओं को बताए गए उनके अधिकार
अनूपपुर। महिलाओं को सशक्त बनाने, हितों की देखभाल व उनका संरक्षण करने म.प्र.राज्य महिला आयोग द्वारा दो दिवसीय
विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया है। विधिक जागरूकता शिविर
का द्वितीय दिवस
के शिविर का शुभारंभ मॉ सरस्वती की वंदना से किया गयासहायकसंचालक अंकुश
मिश्रा ने बताया कि शिकायत की सम्पूर्ण प्रक्रिया एवं प्रचलित कानूनों के बारे में
विस्तृत जानकारी दी। समाज में परिवर्तन लाने के लिए मीडिया एक सशक्त माध्यम है। इस
हेतु वैधानिक प्रावधानों के साथ- साथ मीडिया मुख्य रूप से स्वनियंत्रित है। प्रिंट मीडिया के
कार्यो की गुणवत्ता एवं स्तर बनाए रखने के लिए प्रेस् कौंसिल ओफ इंडिया एवं
इलेक्ट्रोनिक मीडिया के लिए नेशनल ब्रॉडकास्टिंग स्टैनडर्ड अथोरिटी में समाचारों
एवं प्रसारित बुलेटिन से संबंधित समस्यायो की शिकायत की जा सकती है। आपने महिलाओं
एवं मीडिया से संबंधित धाराओं (228 अ, 292, 293), स्त्री अशिष्ट रूपण प्रतिषेध अधिनियम, किशोर न्याय अधिनियम, लिंग चयन प्रतिषेध अधिनियम मे उल्लेखित मीडिया की जिम्मेदारियो एवं दंड के
प्रावधानों के बारे मे जानकारी दी। कार्यक्रम में एसडीओपी उमेश कुमार गर्ग, थाना प्रभारी वीभेन्द्रु वेंकट टाडिया, एसआई आकांक्षा सिंह एवं सुनीता पांडेय द्वारा पुलिस कार्यालय के कार्यशैली पर
विस्तृत जानकारी दी गई। उन्होंने बताया है कि हवलदार द्वारा केस दर्ज कर एफआईआर
लिखी जाएगी। प्रकरणों की पूरी जानकारी कम्प्यूटर में अपलोड की जाती है, इस प्रक्रिया को सीटीएनएस कहा जाता है। शिविर में विधिक सहायता अधिकारी ने
भारतीय संविधान के अनुक्षेद 39(।) में नि:शुल्क और सक्षम विधिक सहायता प्रदान करना
राज्य का कर्तव्य है। महिलाएं नि:शुल्क मदद व विधिक सहायता जिला विधिक सेवा प्राधिकरण
जिला न्यायालय में आवेदन देकर प्राप्त कर सकती है।
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