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सोमवार, 7 मई 2018

दम तोड़ रही औद्योगिक विकास परियोजना, दो साल बाद भी बिजली पानी की नहीं सुविधा

कागजों में निवेशकों को स्थापित करने की चल रही योजना
अनूपपुर जिले के 43 औद्योगिक निवेशकों को अपने उद्यम संचालन के लिए अभी कुछ समय का और इंतजार करना होगा। जिले के प्रभारी मंत्री के सपने में शामिल अनूपपुर औद्योगिक विकास परियोजना क्षेत्र में बिजली और पानी की सुविधा नहीं उपलब्ध कराई गई है। बिजली के लिए टेंडर तो जारी हो गए लेकिन अबतक बिजली विभाग से अनुबंध नहीं हुए हैं। जबकि पानी की सुविधा के लिए प्रस्तावों से बाहर कोई कार्यनहीं कराया गया है। वहीं पूर्व में ऑनलाईन आमंत्रित किए गए आवेदकों के प्लाट तक सड़क बनाने का कार्य जारी है। यानि 22 एकड़ में प्रस्तावित 107 प्रस्तावित भूखंड में मात्र 44 भूखंड तैयार हुए हैं, शेष 63 भूखंड पिछले दो सालों बाद भी निर्माणाधीन है। इन 22 एकड़ की आवंटित जमीन में शामिल 5 एकड़ जमीन का मामला भी विभाग दो सालों बाद भी नहीं सुलझ सकी। जिसके कारण लाखों- करोड़ों के बैंक लोन लेकर निवेश के इंजतार में बैठे निवेशकों के माथे पर चिंता की लकीरें खींच आई है। उद्योग विभाग का कहना है कि औद्योगिक एरिया में बिजली और पानी की कोई सुविधा नहीं है। बिजली के लिए प्रक्रिया पूर्ण हो चुकी है बिजली विभाग द्वारा सब स्टेशन स्थापित किया जाना है, वहीं पानी की सुविधाओं के लिए प्रक्रिया पूर्ण कराई जाएगी। फिलहाल सड़क और भूखंड तैयार की प्रक्रिया पूर्ण कराई जा रही है। वहीं विभाग का कहना है कि पहले चरण के निवेशकों को जून माह तक भूखंड आवंटन करा दिए जाएंगे। शेष दूसरे चरण के लिए थोड़ा समय लगेगा। विभागीय सूत्रों की मानें तो अभी औद्योगिक एरिया को पूर्णरूपेण संचालित होने में कुछ वर्ष और लगेंगे। बिजली और पानी के कार्य चंद दिनों में पूर्ण होने वाले नहीं हैं। उल्लेखनीय है कि सितम्बर 2016 में प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने 2 करोड़ 29 लाख 46 हजार की लागत से औद्योगिक विकास क्षेत्र के विकास की आधारशिला अनूपपुर-कोतमा मार्ग पर कदमटोला गांव में रखी थी। जिसका मुख्य उद्देश्य जिले के युवाओं को औद्योगिक विकास में भागीदारी बनाते हुए आत्मनिर्भर बनाना था। औद्योगिक विकास एरिया की स्थापना उपरांत लघु उद्योग से जुडे लगभग 107 निवेशकों को उद्योग प्लाट उपलब्ध कराकर औद्योगिक विकास को गति प्रदान कराई जाती। इसमें 5 करोड़ की अधिकतम लागत वाली योजनाओं को शामिल किया जाता, यानि अधिकतम 5 करोड़ की प्लांट मशीनरी स्थापित करने वाले उद्योग स्थापित होते। इसके लिए जिला उद्योग विभाग तथा लद्यु उद्योग निगम को जल्द ही औद्योगिक एरिया का विकास कर प्लाट आवंटन कर उद्यम संचालित की प्रक्रिया पूर्ण कराने के निर्देश दिए थे। लेकिन परियोजना के दो साल बीत गए, जिले के युवाओं को उद्योग स्थापित करने का अब तक मौका नहीं मिला। इससे पूर्व भी जमीनी अड़चन और भूखंड निर्माण में बरती गई सुस्ती पर जिले के प्रभारी मंत्री संजय पाठक ने जिला योजना समिति की बैठक में औद्योगिक एरिया में 107 उद्योग स्थापना के साथ 107 निवेशकों को लाभ से वंचित किए जाने पर शासकीय और प्रशासनिक व्यवस्थाओं को दोषी ठहराया था। साथ ही मामले में लद्यु उद्योग निगम अधिकारी और जिला उद्योग अधिकारी सहित प्रशासन को जमीनी अड़चन समाप्त करने तथा परियोजना को शीध्र आरम्भ करने के निर्देश दिए थे। लेकिन अब पूरा मामला पानी और बिजली के कारण अटक सा गया है।
इनका कहना है
बिजली और पानी की असुविधा है। बिजली के लिए टेंडर जारी किए जा चुके हैं, विभाग से अनुबंध शेष हैं। सबस्टेशन निर्माण कराया जाएगा तथा पानी की भी व्यवस्था बनाई जाएगी। जून में उम्मीद है कि प्रथम चरण के निवेशकों को भूखंड आवंटन कर दिया जाएगा।
के.आर.उईके, महाप्रबंधक उद्योग विभाग अनूपपुर।


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