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सोमवार, 7 मई 2018

तेंदूपत्ता पर मौसम के ग्रहण की पड़ी काली छाया

गर्मी न पडऩे से विभाग के मांथे पर पड़ बल
 अनूपपुर तेंदूपत्ता संग्रहण के लिए फड़ों में काम शुरू हो गया है। पत्तों की कोपलें तैयार होने लगी है। चुनावी वर्ष होने के कारण तेंदूपत्ता खरीदी के लिए प्रति मानक बोरा दर 750 रुपए बढ़ाया गया है और संग्राहकों को इस वर्ष बोनस के साथ ही चप्पल,जूता, साड़ी तथा पानी की बॉटल दिए जाएंगे। पिछले वर्ष लक्ष्य से अधिक संग्रहण हो गया था किंतु इस वर्ष मौसम पत्तों पर विपरीत असर छोड़ रहा है। वर्तमान परिदृश्य को देखते हुए गरीबो का हरा सोना कहे जाने वाले तेंदूपत्ता पर मौसम के ग्रहण की काली छाया पढऩे के आसार हो रहे हैं। पर्याप्त गर्मी न पडऩे से बन रही ऐसी स्थिति को लेकर विभाग के भी मांथो पर बल पड़ रहे हैं। जिससे संग्रहण लक्ष्य पूरा होने को लेकर विभाग और ठेकेदार सहित वनवासी सभी परेशान हैं। अनूपपुर वनमण्डल को 22 हजार 200 मानक बोरे संग्रहण का लक्ष्य दिया गया है।
जिले में आठ वन समितियां
जिले में तेंदूपत्ता तुड़ाई का समय अब शुरू हो गया है। मई माह में पत्तों की तुड़ाई कार्य किया जाता है। इस एक माह में बीड़ी बनाने योग्य पत्ता प्राप्त किया जाता है। वन्य क्षेत्रों में तेंदू के पेड़ मुख्य रूप से होते हैं। जिनकी तुड़ाई आसपास के ग्रामीणजन द्वारा की जाती है। जिले में 8 वन समितियां हैं जहां तेंदू के पत्तों की तुड़ाई जंगल में जाकर की जाती है। वन विभाग द्वारा इस कार्य के लिए 185 फड़ मुंशी तैनात कर दिए हैं जहां ग्रामीण तोड़कर लाए तेंदू के पत्तों की गड्डी जमा करेंगे। इन फडों में विभाग के मुंशी के साथ-साथ क्रेता द्वारा भी अपना एक व्यक्ति रखा गया है। इस वर्ष पांच ठेकेदारों ने आनलाइन द्वारा तेंदूपत्ता खरीदी का कार्य लिया है।
भटकना नहीं पड़ेगा
संग्रहकों को तेंदूपत्ते की उपज का पूरा दाम मिल सके और उसे भटकना न पड़े इसके लिए पिछले वर्ष की तरह प्रत्येक संग्राहक का बैंक में खाता खुलवाकर खाता नंबर विभाग ने ले लिया है। इस वर्ष करीब 60 हजार तेंदूपत्ता संग्राहकों का पंजीयन किया गया है। प्रत्येक घर से महिला अथवा पुरूष में से किसी एक मुखिया के नाम से कार्ड बनाया गया है। संग्राहकों को पत्तों की तुड़ाई के दौरान जंगल में या आने-जाने के दौरान यदि किसी वजह से घायल होना प?ा या फिर मौत हुई तो शासन द्वारा उन्हे घायल होने पर10 हजार से लेकर 50 हजार एवं मृत्यु की दशाओं पर 2 लाख रुपए देने का प्रावधान सुनिश्चित किया हुआ हैं। इस वर्ष शासन ने चुनाव के इस वर्ष संग्राहकों के लिए और नई सुविधाएं देने का फैसला लिया है। वन विभाग से प्राप्त् जानकारी अनुसार महिला संग्राहकों को सूरत की सा?ी और हरियाणा के लिबर्टी कंपनी का चप्पल दी जाएगी। वहीं पुरूषों को जूता दिया जाएगा। प्रत्येक को 1. 5 लीटर का सैलो कंपनी का पानी बॉटल मिलेगा। 13 हजार 592 ऐसे संग्राहकों का चयन इन तीनो सुविधाएं देने के लिए किया गया है।
मौसम में हो रहे उलटफेर से लक्ष्य पर संशय
इस वर्ष मौसम में हो रहे उलटफेर के कारण तेंदूपत्ते की उपज बीते वर्ष से कम ही नजर आ रही है। जिससे आदिवासियों के समक्ष रोजी-रोटी का संकट खड़ा होने की संभावना जानकार बता रहे हैं। अभी महुआ की फसल मौसम की भेंट चढ़ गई। अब तेंदूपत्ता पर संकट मंडरा रहा है। बताया गया 15 से 20 मार्च के मध्य शाखकर्तन का कार्य कर लिया गया था ताकि बीड़ी के लिए तेंदू में अच्छे कोपले आएं। वर्तमान समय में कोपले पेड़ो पर आ गए हैं। पत्तों की क्वालिटी बहुत महत्वपूर्ण रखती है। जितनी अच्छी गर्मी रहेगी पत्ते भी बेहतर आएंगे और पत्तों के आधार पर यह पूरा कार्य निर्भर है।
बारिश होने पर पत्तों पर लगेगा माता रोग
बताया गया यदि पानी गिरा तो पत्तों में माता रोग लग जाता है। जिस तरह बादल छा रहे हैं। बारिश हुई तो तेंदू के पत्ते खराब हो जाएंगे और इसका असर सबसे अधिक ग्रामीणों तथा वनवासियों को होगा। क्योंकि पत्ता तुड़ाई और पत्तों की गड्डी बनाकर फड तक पहुंचाने में पूरा परिवार मिलकर काम करता है। महिलाएं जंगल जाकर जोखिम उठाकर पत्ता लाती हैं फिर घर पर सभी सदस्य मिलकर गड्डी तैयार करते हैं और पुरूष फड में जाकर एकत्रित पत्तों को जमा करता है। इस एक माह में इन परिवारो को खासी आमदनी हो जाती है। मौसम के प्रतिकूल प्रभाव का असर पत्तों के साथ ही इन परिवारों पर भी पडेगा। उन्हे आमदनी कम होगी और बोनस से भी वंचित होना पड जाएगा।
22 हजार 200 मानक बोरा का लक्ष्य
वन मण्डल अनूपपुर में पिछले वर्ष 22 हजार 400 मानक बोरा का लक्ष्य रखा था। इस वर्ष 22 हजार 200 का लक्ष्य बनाया हुआ है। 8 समिति बनाई गई है।जिला वनोपज सहकारी संघ मर्यादित अनूपपुर के देखरेख में तेंदूपत्ता संग्रहण का कार्य 30 मई तक चलेगा। हालंकि 10 मई से फड़ चालू किए जाएंगे। जानकारी अनुसार जिला वनोपज सहकारी संघ ने जो लक्ष्य रखा है उसके अनुसार अनूपपुर सहकारी समिति में 2600 मानक बोरा का, जैतहरी में 1700, वेंकटनगर 3100, कोतमा 5300, बिजुरी 2500, बसनिहा 1200, मझगवां 3600, बेनीबारी 2200 का लक्ष्य तय किया गया है। बताया गया पिछले वर्ष प्रतिमानक बोरा का मूल्य 1250 रुपए रखा गया था, जो इस चुनावी वर्ष बढ़ाकर 200 प्रति मानक बोरा कर दिया गया है। बताया गया जिले में समिति कोतमा, बिजुरी,मझगवां, वेंकटनगर और जैतहरी का पत्ता बेहतर प्राप्त होता है जबकि बेनीबारी, बसनिहा में मौसम ठण्डा रहने से अच्छी क्वालिटी का पत्ता नहीं मिल पाता। बताया गया वनांचल में रहने वालो के लिए तेंदूपत्ता आए का बडा जरिया होता है। इनके आर्थिक हालातों को सुधारने के लिए शासन ने इनकी मजदूरी की दर 1250 से बढ़ाकर 2 हजार रुपए प्रति मानक बोरा कर दी है।
   


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