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गुरुवार, 3 मई 2018

पत्रकारिता के आदिदेव नारद जयंती पर हुआ यह विशेष आयोजन

अनूपपुर। पत्रकार नि:संदेह स्वार्थ से दूर हटकर समाज के विकास मे निरंतर कार्यरत है। क्षेत्र मे हो रही घटनाओ, शासन द्वारा क्रियान्वित योजनाओ की जानकारी एवं उसके जमीनी प्रभाव की जानकारी प्रदान कर एक जगह जहां पत्रकारिता के द्वारा आम जनो को सशक्त किया जा रहा है,वहीं इस जानकारी से शासन को जनता के विचारो को जानने एवं वस्तुस्थिति के मूल्यांकन करने मे भी सहूलियत होती है। इस जानकारी का सदुपयोग प्रशासन द्वारा सुशासन की अवधारणा को मूर्तरूप प्रदान करने मे किया जाता है। निरंतर बदलते हुए विकास के मानको, सामाजिक व्यवस्था मे तीव्र गति से हो रहे परिवर्तन, विभिन्न नवीन प्राकृतिक एवं मानवजनित समस्याओं के प्रादुर्भाव होने से न केवल प्रशासन की वरन प्रजातंत्र के चतुर्थ स्तम्भ पत्रकारिता की जिम्मेदारियों मे भी निरंतर वृद्घि होती जा रही है। इस नित बदलते परिवेश एवं नवीन चुनौतियों का सामना करने मे पत्रकारिता द्वारा किस प्रकार सम्पूर्ण मानव जाति का सहयोग किया जाए, किस प्रकार विकास की इस प्रक्रिया को सतत एवं संवहनीय बनाया जाए इस विषय पर विचारों को साझा करने के लिए पत्रकारिता जगत के आदिदेव देवर्षि नारद जी की जयंती पर विचार गोष्ठी कलेक्ट्रेट सभागार मे
उक्तशाय का विचार अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक वैष्णव शर्मा ने कहा। श्री शर्मा ने कहा कि नारद जी ब्रह्मांड स्तर के पत्रकार थे उनका प्रभाव क्षेत्र काफी व्यापक था। उनके द्वारा समाज लाये गए परिवर्तन चाहे वह राक्षसो का वध हो या किसी का उद्घार हर विषय मे उन्होने सतत कार्य किया। नारद जी ने जिस तरीके से संचार एवं संवाद के माध्यम से सृष्टि के संचालन मे, समाज मे सकारात्मक परिवर्तन लाने मे, समाज मे व्यापात बुराइयों को दूर करने मे भूमिका निभाई वह वर्तमान जगत के पत्रकारों के लिए अनुकरणीय है।

अमरकंटक यूनिवरसिटी के पत्रकारिता विधा के प्राध्यापक डॉ नागेंद्र सिंह ने बताया पत्रकार का कर्तव्य है कि समाज को वो समस्त जानकारियाँ उपलब्ध कराये जिसके माध्यम से वे समाज देश,पर्यावरण एवं प्रशासनिक व्यवस्था के विषय मे सर्वोत्तम निर्णय ले सके। पत्रकार स्वयं को व्यवस्था के संबंध मे निर्णय लेने से दूर रखे कोई भी प्रयास जनहित का रूप तभी लेता है जब वह आमसहमति से लिया गया हो। यही पत्रकार का कर्तव्य एवं लक्ष्य होना चाहिए कि वो विभिन्न विषयों एवं गतिविधियों मे समाज को समस्त संबन्धित तथ्यो से अवगत कराकर उत्कृष्ट निर्णय लेने हेतु सशक्त बनाए। विचार गोष्ठी में मनोज द्विवेदी ने कहा कि पत्रकारिता का निष्पक्ष होना एक कल्पना है आपके विचार को पसंद आता है तो किसी को नहीं। पत्रकारो पर सदैव पक्ष लेने के आरोप भी लगते रहे हैं। यहाँ यह आवश्यक है कि पत्रकार की कलाम से निकले शब्द समाज के हित मे हो, तथ्यों पर आधारित हो। यहा पर कैलाश पांडे,अजीत मिश्रा,मुकेश मिश्रा,चौतन्य मिश्रा एवं प्रदीप मिश्रा ने भी अपने विचार रखे। सहायक संचालक जनसम्पर्क अंकुश मिश्रा पत्रकारो द्वारा शासन की व्यवस्था मे पारदर्शिता लाने मे सहयोग किया रहा है, जो कि सुशासन का एक महत्वपूर्ण अंग है। संवाद सुशासन का एक महत्वपूर्ण अंग है, यह कार्य जिले के पत्रकारो द्वारा अच्छे ढंग से किया जा रहा है। विचार गोष्टी मे पत्रकार राजेश शुक्ला,मनोज शुक्ला,अजय मिश्रा,अमित शुक्ला,आदर्श दुबे,हिमांशु बियानी, वीरेंद्र सिंह, समेत अन्य पत्रकारो ने अपने रखे। कार्यक्रम का संचालन राजेंद्र तिवारी एवं आभार प्रदर्शन अनीश तिगाला द्वारा किया गया।

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