कोतमा। कोयलांचल क्षेत्र में जमुना-कोतमा क्षेत्र के कॉलरी कॉलोनी लहसुई कैम्प
एवं गोविंदा कॉलरी मे सफाई का अभाव में श्रमिक गदंगी व बदबू के बीच रहने को विवश
है। वहीं कॉलरी प्रशासन द्वारा कॉलरी आवासो की सुविधा एवं कॉलोनी की साफ-सफाई के
नाम पर प्रतिमाह कागजो में लाखो खर्च दर्शाती है। लेकिन हकीकत में कॉलोनी में फैली
गदंगी और बदहाली को साफ देखा जा सकता है।
गदंगी से भरीपटी नालियां
कॉलोनी परिसर में फैली गदंगी तथा कचरे से भरी पटी नालियां जहां श्रमवीरो को
लिए परेशानी बनी हुई है। वहीं
नालियो की जाम होने पर जहां कॉलोनीवासी बदबू से परेशान है, वहीं कॉलोनियो से निकलने वाला गंदा पानी सड़को में बह रहा है जिसके कारण
श्रमवीरो सहित अन्य लोगो को आवागमन में परेशानी उठानी पड़ रही है।
जगह-जगह लगा कचडे का ढेर
लहसुई कैम्प में २०० आवास एवं गोविंदा कॉलरी मे ५०० से ज्यादा कॉलरी आवास है, जहां जगह-जगह कचरे का अंबार लगा हुआ है, वहीं कॉलरी आवासो के पीछे की सफाई महीनो नही होने से पूरे परिसर गदंगी फैली व
बदबू से श्रमवीर परेशान है। जिसके कारण अव्यवस्थाओ को लेकर श्रमिको में काफी
परेशान है।
सिर्फ कागजो में प्रतिमाह होता लाखो खर्च
कॉलरी प्रबंधन द्वारा आवासीय कॉलोनी मे स्वच्छता कराने का दावा करती है, लेकिन हकीकत में वार्डो की सफाई के लिए प्रबंधन द्वारा ठेका दिया गया है, जहां ठेकेदार को कॉलरी आवासो व परिसर में सफाई के लिए प्रतिमाह लाखो रूपए खर्च
करती है, लेकिन कॉलरी परिसर में ठेकेदार की
उदासीनता से नियमित सफाई नही हो पाती है।
गर्मी के दिनो में सफाई के अभााव मे संक्रमण का खतरा भी बना हुआ है।
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