अनूपपुर। नगर पालिका
अनूपपुर के 15 वार्डो में पेयजल की उपलब्धता के लिए
वर्ष २०१४ में तिपान नदी में फिल्टर प्लांट का निर्माण 14 करोड 70 लाख रूपए स्वीकृत हुआ
था। जिसमें नगर के समस्त वार्डो में 4 ओव्हर हैड टैंक के साथ 6 किमी लंबी मुख्य पाईप
लाईन के साथ 60 किमी ब्रांच लाईन की पाईप बिछाने का
कार्य किया जा रहा है। जहां नपा द्वारा हर्री बर्री मार्ग स्थित तिपाननदी के
किनारे 50 डिसमिल जमीन आवंटित
कराकर फिल्टर प्लांट स्थापित कर कार्य प्रारंभ कराया। लेकिन तिपान नदी की टूटती जल
धारा के कारण यह परियोजना फेल होती नजर आ रही है।
सोन, तिपान एवं चंदास नदी की टूटी जलधारा
जिला जला अभाव
ग्रस्त घोषित होने के कारण जहां कलेक्टर के निर्देशानुसार नदी, नालो में कडी शटर लगाने के निर्देश दिए गए थे, जिससे जल को रोक जिले का जला स्तर बनाया रखा जाए। लेकिन वर्तमान में जिला
मुख्यालय से निकलने वाली सोन, तिपान, चंदास एवं बकान नदी की जलधारा पूरी तरह टूट गई। जिसके कारण जिला मुख्यालय का
जल स्तर नीचे चला गया है।
सूखी पड़ी
चंदास नदी
नपा द्वार
तिपान नदी में किए जा रहे फिल्टर प्लांट निर्माण
स्थल के पास जहां नदी पूरी तरह से सूखी पड़ी हुई है। जहां सिर्फ बारिश के
समय ही पानी का बहाव दिखता है। वहीं
वहीं तिपान नदी
में जगह-जगह कडी शटर लगा दिए जाने के कारण पानी का बहाव पूरी तरह से बंद पड़ा है
और नदी पूरी तरह से सूख चुकी है। जानकारी के अनुसार इससे पूर्व भी अनूपपुर रेलवे
द्वारा तिपाननदी के किनारे करोड़ों की लागत से रेलवे कॉलोनी और स्टेशन परिसर के
लिए जलापूर्ति का प्रयास किया था। जहां पानी के अभाव के कारण पूरी योजना फेल हो गई
और आज रेलवे कॉलोनी जल समस्या से जूझ रहा है।
बारिश में ही
बुझ सकेगी नगरवासियों की प्यास
तिपान नदी में
फिल्टर प्लांट निर्माण के साथ पानी रोकने डैम का निर्माण किया जा रहा है, जहां बारिश के दौरान पानी को रोक एकत्रित किया जाएगा। लेकिन वर्तमान में तिपान
नदी की हालात बद से बदत्तर हो चली है। जहां इस भीषण गर्मी में नदी की टूटी जलधारा
नदी के अस्तित्व पर ही खतरा बन गई है और करोडो की लागत से बनाया गया फिल्टर प्लांट
नगर वासियो की प्यास बुझाने में असफल साबित होगा।
इनका कहना है
फिल्टर प्लांट
के प्रारंभ होने तथा पानी के स्टोरेज के बाद ही कुछ कहा जा सकता है।
अशीष शर्मा, सीएमओ अनूपपुर
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