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सोमवार, 4 जून 2018

फर्जी दस्तावेज तैयार कर अंजुमन संपत्ति को निजी संपत्ति बताने किया जा रहा प्रयास

कोतमा। बीते दिनों मो. समशीर ने कोतमा थाने सहित पुलिस अधीक्षक कार्यालय में लिखित शिकायत कर असामाजिक तत्वों से अपने आप को खतरा होना बताया, जिसके बाद वक्फ  बोर्ड अनूपपुर के जिलाध्यक्ष नसीरूद्दीन चंदू ने बताया कि ग्राम कोतमा अंर्तगत अंजुमन इस्लामिया के पंजीयन की कार्यवाही म. प्र. वक्फ बोर्ड भोपाल में लंबित है, जिस संबंध में मुख्य कार्यपालन अधिकारी म.प्र. भोपाल द्वारा 17 अक्टूबर 2017 को गठित प्रबंध कमेटी को प्रभार दिए जाने संबंधित कार्यवाही पर पत्र क्रमांक 1283 दिनांक 9 फरवरी 2018 को रोक लगाई गई थी, जिसकी विधिवत सूचना अनुविभागीय कोतमा एवं अध्यक्ष जिला वक्फ  बोर्ड कमेटी अनूपपुर से प्रदान की गई थी। उक्त आदेश के परिपालन में प्रभार की कार्यवाही स्थगित हुई थी। मुख्य कार्यपालन अधिकारी वक्फ  बोर्ड भोपाल के पत्र के पश्चात इस तिथि को जारी आदेश निरस्त नहीं किया गया। जिस कारण 9 फरवरी का आदेश आज भी अस्तित्व में है किंतु अनुविभागीय कोतमा ने 28 मई को पत्र क्रमांक 278 द्वारा समशीर खान को कमेटी का समस्त प्रभार दिए जाने का त्रुटिपूर्ण मनमाना आदेश जारी किया गया, जो उनके क्षेत्राधिकार से बाहर है। स्वयं वक्फ बोर्ड समशीर खान के विरूद्ध धारा 67 (6) वक्फ अधिनियम 1995 के अंर्तगत 6 फरवरी की कार्यवाही किए हुए है। जिसका अंतिम निराकरण अब तक नहीं हुआ है न ही वक्फ बोर्ड ने पत्र दिनांक 23 मई 2018 में प्रभार दिए जाने संबंधी कोई निर्देश दिए हैं फिर भी अनुविभागीय अधिकारी कोतमा के मनमाने विधि विरूद्ध आदेश 28 मई से अकारण विवाद की स्थिति उत्पन्न हो रही है। जिससे शांति व्यवस्था भी भंग होने की संभावना है।
संपत्ति हडपने किया जा रहा गुमराह
वक्फ बोर्ड के जिलाध्यक्ष ने कलेक्टर से लिखित शिकायत करते हुए बताया कि एकता स्कूल जहां संचालित है उक्त भूमि बाजार अंजुमन की है। साथ ही अगल बगल बने किराए के माकान भी अंजुमन के ही है। वहीं एकता स्कूल एवं आसपास बने माकान अंजुमन बाजार की संपत्ति है जिसका खसरा नं. 1429/2 रकवा 0.166 (41 डिसमिल) 1976 में वक्फ  अंजुमन इस्लामिया मस्जिद बाजार को दी गई थी। उक्त भूमि पर स्कूल व किराए का माकान बनाया गया जिसे अब असामाजिक तत्व हडपना चाह रहे हैं। जबकि वक्फ बोर्ड कमेटी के इंस्पेक्टर परवेज खान एवं जिलाध्यक्ष नसीरूद्दीन चंदू द्वारा जंाच में मो. मोबीन मंसूरी एवं समशीर व उसके भाई भतीजे वक्फ  अंजुमन की संपत्ति पर वर्षो से किराए पर रह रहे हैं और किराया ना देने आम जनता को बरगलाने व गुमराह करने के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपना रहे हैं। इनके द्वारा फर्जी दस्तावेज तैयार कर अंजुमन की संपत्ति को अपनी निजी संपत्ति बताने का भरपूर प्रयास किया गया है।
लाखो का किराया है बाकी

वक्फ बोर्ड  के जिलाध्यक्ष नसीरूद्दीन चंदू ने बताया म.प्र. वक्फ बोर्ड भोपाल द्वारा वक्फ बाजार मस्जिद की जांच के संबंध में आदेश क्रमांक 2288 दिनांक 13 मार्च 2018 को जांच करने का आदेश दिए थे। आदेश के पालन में 16 मार्च को बाजार मस्जिद का निरीक्षण किया गया, जिसमें स्थल निरीक्षण व जांच के दौरान मो. मोबीन द्वारा 30 सितम्बर 1994 को पूर्व प्रबंध कमेटी किराएदारी का एग्रीमेंट रजिस्टर के पेज नं. 32, 36, 42 की छाया प्रति के अनुसार संपत्ति के 11 कमरों की किराएदारी की गई है। जिसमें मो. मोबीन मंसूरी द्वारा एकता स्कूल संचालित किया जा रहा है। जिसमें लगभग 200 बच्चे अध्ययनरत हैं। प्रत्येक बच्चे से कक्षा अनुसार 300 रूपए प्रतिमाह फीस ली जाती है। वक्फ  अंजुमन संपत्ति के प्रत्येक कमरे का किराया लगभग 400 रूपए प्रतिमाह है। जो वर्ष 2007 से आज दिनांक तक मोबीन मंसूरी द्वारा नहीं दिया गया। जिसका किराया 6 लाख 67 हजार 100 रूपए बाकी होना बताया जा रहा है। जिसमें समशीर के उपर अंजुमन का किराया 65 हजार 500, उसके छोटे भाई इसरार खान उर्फ  इस्सू पर 30 हजार 900, भतीजा अक्कू खान पर 8 हजार किराया बाकी है। बाजार अंजुमन कमेटी का टोटल किराया 1 लाख 4 हजार 400 रूपए समशीर एवं उसके परिवार के ऊपर है। वहीं मोबीन मंसूरी के ऊपर 6 लाख 67 हजार का किराया बाकी है साथ ही अंजुमन की संपत्ति को उक्त दोनो व्यक्ति मिलकर हडप करना चाह रहे हैं। 

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