अनूपपुर। केंद्र्र सरकार के जनजातीय कार्य मंत्रालय ने
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय अमरकटंक सहित देश के चार
अंतर्राष्ट्रीय और राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त संस्थानों को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के
रूप में चयनित किया है। इन संस्थानों के माध्यम से आदिवासियों से संबंधित शोध को
और अधिक ब$ढावा मिलने की
उम्मीद है जिससे सरकार को आदिवासियों से संबंधित नीतियों को तय करने में मदद
मिलेगी। मंत्रालय ने चार संस्थानों की सूची जारी की है जिसमें इंटरनेशनल क्रॉप्स
रिसर्च इंस्टीट्यूट फॉर द सेमी एरिड ट्रॉपिक्स हैदराबाद, इंगांराजवि अमरकटंक, अमृता विश्व विद्यापीठ्म तमिलनाडु और वनजीवन
नेशनल शिड्यूल्ड ट्राइब्स फाइनेंस एंड डेवलपमेंट कॉरपोरेशन शामिल हैं। इन सभी को
राष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न चरणों की चयन प्रक्रिया के बाद चयनित किया गया है।
विश्वविद्यालय का चयन यहां जनजातीय संस्कृति के विभिन्न विषयों को समाहित करके किए
जा रहे शोध के कारण किया गया है। मंत्रालय का मानना है कि विश्वविद्यालय में
उपलब्ध संसाधनों का उत्कृष्ठ प्रयोग कर इसे सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के रूप में विकसित
किया जा सकता है।
कुलपति प्रो.टी.वी.कटटीमनी ने कहा है कि सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बन जाने के बाद
विश्वविद्यालय अब जनजातियों की संस्कृति, नृत्य, संगीत, भाषा, व्याकरण और उनकी विभिन्न कलाओं को अब और अधिक
प्रोत्साहन के साथ संरक्षित करने की दिशा में प्रयासों को मूर्त रूप देगा।
उन्होंने कहा कि जनजातियों को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक बनाने के लिए
कार्यक्रम आयोजित करने की जरूरत है इसके साथ ही विभिन्न परियोजनाओं से विस्थापित
हो रहा या दूसरे स्थानों पर पलायन कर रहे जनजातियों पर भी शोध को बढ़ावा दिया
जाएगा। उन्होंने मंत्रालय के प्रति आभार प्रकट करते हुए शिक्षकों से विश्वविद्यालय
को उत्कृष्ठ शोध संस्थान के रूप में विकसित करने का आह्वान किया है।
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