अनूपपुर। जिले में जंगल क्षेत्र आग की चपेट में लगातार आ रहे हैं वन विभाग आगजनी की घटनाओं को रोकने में पूरी तरह प्रयास में तो लगा हुआ है लेकिन सफल नही हो पा रहा धीरे-धीरे जंगल की संपदा राख के ढेर में समाती जा रही है। २ अप्रैल को दो स्थानो में अचानक आग भडक़ गई। जिसमें कई स्थानों पर आग की लपटों में पेड़-पौधों को नुकसान हुआ है।
नेशनल हाईवे 43 स्थित कोतमा वनपरिक्षेत्र में अचानक आग भडक़ गई। जिसमें कई स्थानों पर आग की लपटों में पेड़-पौधों को नुकसान हुआ है। माना जाता है कि किसी ने जानबूझ कर चिंगारी या महुआ बीनने के लिए आग लगाई हो। इस दौरान वहां से गुजर रहे लोगों ने घटना की सूचना वनविभाग को दी। लेकिन शाम तक कोई कर्मचारी या बीट गार्ड मौके पर नहीं पहुंचा। इससे पूर्व भी भोलगढ़ के जंगल में आग भडक़ी थी, जिसमें सैकड़ों पेड़-पौधों को नुकसान पहुंचा था।
दूसरी घटना वन परीक्षेत्र जैतहरी के कदमसरा बीट में आग विकराल रूप लेते हुए जंगल सीमा से जुड़े डोंगरिया बस्ती के पास दूर तक आग फैली हुई थी। आग लगने से छोटे जीव -जंतु और वनस्पतियों को नुकसान पहुंचा है। सूचना मिलने पर वन विभाग का अमला आग बुझाने में जुटा हुआ है। ऐसा माना जा रहा हैं कि किसी ग्रामीणों ने महुआ बीनने के लिए आग लगाई हो और आग विकराल रूप लेकर जंगल तक पहुंच गई हो।
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